बैंकिंग माध्यमों का दुरुपयोग - 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट जारी करना और उनका भुगतान करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकिंग माध्यमों का दुरुपयोग - 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट जारी करना और उनका भुगतान करना
आरबीआइ/2011-12/135 1 अगस्त 2011 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय बैंकिंग माध्यमों का दुरुपयोग - 50,000 रुपये और उससे अधिक कृपया 19 अप्रैल 1991 का हमारा परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 114/सी.469 (81)-91 देखें जिसके अनुसार बैंकों को 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट, मेल ट्रांसफर, तार अंतरण और यात्री चेक केवल ग्राहक के खाते को नामे करके या क्रेता द्वारा दिए गए चेक या अन्य लिखतों के बदले जारी करने चाहिए, नकद भुगतान के बदले नहीं । ये अनुदेश 4 फरवरी 1999 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. आइबीएस. 1816/23.67.001/98-99 द्वारा सोना/चांदी/प्लैटिनम की खुदरा बिक्री पर भी लागू किये गये हैं । 2. यह बात हमारे ध्यान में लायी गयी है कि हाल में कुछ बैंकों ने 50,000 रुपये और उससे अधिक राशि के डिमांड ड्राफ्ट ग्राहक के खाते को नामे करके या ग्राहक द्वारा दिये गये चेकों या अन्य लिखतों के बदले नहीं, बल्कि नकद जमा करने पर जारी किये हैं । 3. वर्तमान परिदृश्य में, जबकि आम तौर पर वित्तीय प्रणाली की तथा खास तौर पर बैंकिंग माध्यमों की सत्यनिष्ठा अत्यधिक महत्वपूर्ण है, इन दिशानिर्देशों का उल्लंघन, इसके व्यापक प्रभावों को देखते हुए, गंभीर विनियामक चिंता का विषय है । 4. उपर्युक्त संदर्भ में हम इस बात को पुन: दोहराते हैं कि बैंक 19 अप्रैल 1991 के हमारे उपर्युक्त परिपत्र द्वारा जारी अनुदेशों का कड़ाई से अनुपालन करें । इन अनुदेशों के उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा । भवदीय (पी. आर. रवि मोहन) |