राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - ऋण खातों में जमा हेतु आवक एनईएफटी स्वीकार करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - ऋण खातों में जमा हेतु आवक एनईएफटी स्वीकार करना
आरबीआई/2011-12/496 12 अप्रैल 2012 एनईएफटी में भागीदार सदस्य बैंकों के महोदया/महोदय राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) - ऋण खातों में जमा हेतु आवक एनईएफटी स्वीकार करना वर्ष 2005 में प्रारंभ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण प्रणाली वर्षों से सफलतापूर्वक काम कर रही है और भुगतान प्रणाली में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यह प्रणाली प्रत्येक के लिए अलग-अलग निधि अंतरण के लिए है और लाभार्थियों (व्यक्ति, संस्थाओं आदि) को धन अंतरण करने के लिए उपयोग की जा सकती है एवं उसमें कोई प्रतिबंध नहीं रखे गए हैं। इस प्रणाली में शाखा कवरेज और लेनदेनों की मात्रा/मूल्य दोनों में महत्वपूर्ण वृद्धि प्रणाली की स्वीकार्यता और लोकप्रियता को दर्शाती है। तथापि हमें कुछ ग्राहकों से ऋण खातों में जमा के लिए एनईएफटी अस्वीकार करने, जिससे उन्हें असुविधा हुई है, संबंधी शिकायतें मिली हैं। इस मामले की जांच करने पर, यह पाया गया कि केवल कुछ बैंक ही ऐसा प्रतिबंधात्मक व्यवहार कर रहे थे। फिर भी ये बैंक ईसीएस (डेबिट) को चुकौती के माध्यम के रूप में स्वेच्छा से स्वीकार कर रहे थे। इसलिए सभी बैंकों को यह सूचित किया जाता है कि ऋण ईएमआई/चुकौती आदि का भुगतान करने के लिए ग्राहकों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम के रूप में एनईएफटी को चुनने की भी अनुमति दें। कृपया प्राप्ति सूचना दें और अनुपालन सुनिश्चित करें। भवदीय (विजय चुग) |