राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण (एनईएफ़टी)- लेनदेन में भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) की आवश्यकता - आरबीआई - Reserve Bank of India
राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण (एनईएफ़टी)- लेनदेन में भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) की आवश्यकता
आरबीआई/2012-13/244 12 अक्तूबर 2012 एनईएफ़टी में भाग लेने वाले सदस्य बैंकों के महोदय/महोदया राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक निधि अंतरण (एनईएफ़टी)- लेनदेन में भारतीय वित्तीय प्रणाली कोड (IFSC) की आवश्यकता एनईएफ़टी प्रणाली लगभग वास्तविक समय में निधि अंतरण करने का एक कार्यकुशल,वहनीय और सुरक्षित तरीका है। हाल ही में एनईएफ़टी के अंतर्गत लेनदेनो की मात्रा और मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी से इसप्रणाली की लोकप्रियता परिलक्षित होती है क्योंकि नए-नए जन समूहों ने अपनी धन प्रेषण की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस प्रणाली का उपयोग आरंभ कर दिया है। 2. एनईएफ़टी लेनदेनो में लाभग्राही शाखा की आईएफ़एस कोड संख्या एक आवश्यक हिस्सा होती है जो लेनदेन को सही लाभग्राही शाखा तक पहुँचाने के लिए अनिवार्य सूचना होती है। मानक एनईएफ़टी आवेदन प्रपत्र, अर्थात अप्रैल 2011 के एनईएफ़टी प्रक्रियात्मक दिशानिर्देशों के अनुबंध III में प्रपत्र एनईएफ़टी-2ए में भी शाखा और आईएफ़एससी संख्या के साथ लाभग्राही बैंक संबन्धित जानकारी एकत्र करने का प्रावधान किया गया है। 3. धन प्रेषण के इलेक्ट्रानिक तरीकों को और भी अधिक सुविधाजनक बनाने और एनईएफ़टी लेनदेन वाली शाखाओं में ग्राहक सुविधाओं को बेहतर बनाने के संबंध में प्रतिभागी बैंकों को निम्नानुसार सूचित किया जाता है: (i) बैंक के स्टाफ सदस्यों को एनईएफ़टी आवेदन प्रपत्र में अपेक्षित विवरणों को भरने में ग्राहकों की मदद करनी चाहिए और साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि लाभग्राही के खाते से संबन्धित जानकारी इत्यादि को सही ढंग से भरा गया है। (ii) जहां ग्राहक ने लाभग्राही शाखा का आईएफ़एस कोड और इससे संबन्धित शाखा का विवरण उपलब्ध कराया है वहाँ बैंक को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दिये गए विवरण आपस में मेल खाते हैं। यदि कोई विसंगति पाई जाती है तो इस बात की जानकारी ग्राहक को दी जानी चाहिए ताकि वह लेनदेन के पूर्व इसमें सुधार कर सके। (iii) जहां ग्राहक लाभग्राही शाखा से संबन्धित केवल एक ही जानकारी उपलब्ध करा पता है अर्थात आईएफ़एस कोड या शाखा का नाम, वहाँ बैंक के स्टाफ को एनईएफ़टी आवेदन प्रपत्र में भरी जाने वाली अन्य जानकारियां एकत्रित करने में ग्राहक की मदद करनी चाहिए जो कि लेनदेन से पूर्व ग्राहक द्वारा आवेदन पत्र में भरी जानी चाहिए। (iv) बैंकों द्वारा उपयोग में लायी जा रही मेकर-चेकर/दोहरी संवीक्षा की प्रक्रिया के अंतर्गत आईएफ़एससी संख्या के मिलान सहित ग्राहक द्वारा एनईएफ़टी आवेदन प्रपत्र में उपलब्ध कराई गई जानकारियों की जांच होनी चाहिए। (v) सभी बैंक यह सुनिश्चित करें कि अवरोध और त्रुटि रहित एनईएफ़टी लेनदेन उपलब्ध करने के लिए जारी किए गए ये निर्देश सभी शाखाओं को और संबन्धित स्टाफ सदस्यों को अनुपालन हेतु उपलब्ध कराए जाएँ। कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति की सूचना दें और अनुपालन सुनिश्चित करें। भवदीय (विजय चुग) |