RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S2

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

78469338

"दोनों खाताधारकों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी" अथवा "दोनों खाताधारकों में से प्रथम खाताधारक अथवा उत्तरजीवी" अधिदेश के साथ बैंकों में मीयादी/सावधि जमा की अवधिपूर

आरबीआई/2012-13/168
बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 37/09.07.005/2012-13

16 अगस्त 2012
25 श्रावण 1934 (शक)

सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)

महोदय

"दोनों खाताधारकों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी" अथवा
"दोनों खाताधारकों में से प्रथम खाताधारक अथवा उत्तरजीवी" अधिदेश के साथ बैंकों में मीयादी/सावधि जमा की अवधिपूर्ण चुकौती - स्पष्टीकरण

कृपया दिनांक 4 नवंबर 2011 के हमारे परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 46/09.07.005/2011-12 का पैरा 4 देखें जिसके द्वारा हमने सूचित किया था कि यदि ‘दोनों खाताधारकों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी’ अथवा ‘दोनों खाताधारकों में से प्रथम खाताधारक अथवा उत्तरजीवी’ के अधिदेश के साथ सावधि/मीयादी जमाराशि के संयुक्त जमाकर्ता एक जमाकर्ता की मृत्यु होने पर दूसरे जमाकर्ता को अपनी सावधि/मीयादी जमाराशियों का परिपक्वतापूर्व आहरण करने की अनुमति देना चाहते हैं तो बैंक उक्त आहरण की अनुमति देने के लिए स्वतंत्र होंगे बशर्ते उन्होंने इस प्रयोजन के लिए जमाकर्ताओं से विशेष संयुक्त अधिदेश प्राप्त किया हो । इस संबंध में कृपया हमारे दिनांक 09 जून 2005 के परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. बीसी. 95/09.07.005/2004-05 का पैरा 3 भी देखें जिसके अनुसार बैंकों को यह सूचित किया गया था कि वे खाता खोलने संबंधी फॉर्म में ही इस आशय का एक वाक्यांश शामिल करें कि जमाकर्ता की मृत्यु हो जाने की स्थिति में मीयादी जमाराशियों की अवधिपूर्व समाप्ति की अनुमति दी जाएगी, जो उन शर्तों के अधीन होगी जिन्हें खाता खोलने संबंधी फॉर्म में विनिर्दिष्ट किया जाएगा । बैंकों को यह भी सूचित किया गया था कि वे इस सुविधा का व्यापक प्रचार करें और इस संबंध में जमा खाताधारकों को मार्गदर्शन प्रदान करें ।

2. यह पुनः स्पष्ट किया जाता है कि ‘दोनों खाताधारकों में से कोई एक अथवा उत्तरजीवी’ अथवा ‘दोनों खाताधारकों में से प्रथम खाताधारक अथवा उत्तरजीवी’ अधिदेश वाली सावधि/मीयादी जमाराशियों के मामले में बैंक एक जमाकर्ता की मृत्यु के बाद उत्तरजीवी संयुक्त जमाकर्ता द्वारा जमाराशि के अवधिपूर्ण आहरण की अनुमति दे सकते हैं लेकिन केवल उसी स्थिति में जब संयुक्त जमाकर्ताओं की ओर से इस आशय का संयुक्त अधिदेश हो ।

3. यह बात हमारी जानकारी में आई है कि कई बैंकों ने न तो खाता खोलने वाले फार्म में इस वाक्यांश को शामिल किया है और न ग्राहकों को ही इस प्रकार के अधिदेश की सुविधा के बारे में जागरूक बनाने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं । इससे ‘उत्तरजीवी’ जमा खाताधारक (धारकों) को अनावश्यक असुविधा होती है । अतः बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे पूर्वोक्त वाक्यांश को खाता खोलने वाले फार्म में अनिवार्य रूप से शामिल करें और अपने मौजूदा एवं भावी सावधि जमाकर्ताओं को इस प्रकार के विकल्प की उपलब्धता के बारे में सूचित भी करें ।

4. संयुक्त जमाकर्ताओं को मीयादी जमा करते समय या बाद में जमा की मीयाद/अवधि के दौरान किसी भी समय उक्त अधिदेश देने की अनुमति दी जा सकती है। यदि ऐसा अधिदेश लिया जाता है, तो बैंक मृतक संयुक्त जमा धारक के कानूनी वारिसों की सहमति मांगे बिना ही उत्तरजीवी जमाकर्ता द्वारा मियादी/ सावधि जमा के परिपक्वतापूर्ण आहरण की अनुमति दे सकते हैं । यह पुनः दोहराया जाता है कि इस प्रकार के परिपक्वतापूर्ण आहरण पर किसी प्रकार का दंडात्मक प्रभार नहीं लगेगा ।

5. इस परिपत्र में दिया गया स्पष्टीकरण दिनांक 9 जून 2005 के परिपत्र बैंपविवि. सं. एलईजी. 95/09.07.005/ 2004-05 के पैरा 3 को अधिक्रमित करेगा ।

भवदीय

(राजेश वर्मा)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?