बैंकों के पास दावा न की गई जमाराशि पर आरबीआई अलर्ट - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैंकों के पास दावा न की गई जमाराशि पर आरबीआई अलर्ट
22 जुलाई 2022 बैंकों के पास दावा न की गई जमाराशि पर आरबीआई अलर्ट बचत / चालू खातों में शेषराशि जो 10 वर्षों से परिचालित नहीं की गई हैं, या वैसे सावधि जमा जिनका दावा परिपक्वता की तारीख से 10 वर्षों के भीतर नहीं किया गया है, उन्हें "दावा न की गई जमाराशि" के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इन राशियों को बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बनाए गए "जमाकर्ता शिक्षण और जागरूकता" (डीईए) फंड में स्थानांतरित कर दिया जाता है। हालांकि, जमाकर्ता बाद की तारीख में भी उस बैंक (बैंकों) से जमाराशियों का दावा करने के हकदार हैं, जहां ऐसी जमाराशियों को ब्याज, जो भी लागू हो, के साथ रखा गया था। फिर भी, बैंकों और आरबीआई द्वारा समय-समय पर किए गए जन जागरूकता अभियानों के बावजूद, दावा न की गई जमा राशि में वृद्धि की प्रवृत्ति दिखाई दे रही है। दावा न की गई जमाराशियों की बढ़ती मात्रा मुख्य रूप से उन बचत / चालू खातों को बंद न करने के कारण उत्पन्न होती है, जिनका अब और परिचालन जमाकर्ता नहीं करना चाहते अथवा परिपक्व सावधि जमा के लिए बैंकों के पास पुन:प्राप्ति के दावे जमा नहीं करने के कारण ऐसा होता है। मृत जमाकर्ताओं के खातों के मामले भी हैं, जहां नामित/कानूनी उत्तराधिकारी संबंधित बैंक (बैंकों) के पास दावा करने के लिए आगे नहीं आते हैं। ऐसे जमाकर्ताओं या मृत जमाकर्ताओं के नामितों/कानूनी उत्तराधिकारी को जमाराशियों की पहचान करने और उनपर दावा करने में मदद करने के लिए बैंक पहले से ही कुछ पहचान योग्य विवरणों के साथ दावा न की गई जमाराशियों की सूची अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराते हैं। जनता को ऐसी जमाराशियों का दावा करने के लिए संबंधित बैंक की पहचान करने और उससे संपर्क करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। (योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/S84 |