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भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश पर जारी निदेश की अवधि 15 अप्रैल 2016 तक बढाई

12 अक्‍टूबर 2015

भारतीय रिज़र्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पर जारी निदेश की अवधि 15 अप्रैल 2016 तक बढाई

भारतीय रिजर्व बैंक ने एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ पर जारी निर्देश की अवधि समीक्षा के अधीन 16 अक्टूबर 2015 से 15 अप्रैल 2016 तक और छह महीने के लिए बढा दी हैं। बैंक दिनांक 10 अप्रैल 2015 के निर्देश और 29 जून 2015 के संशोधित निर्देश के अनुसार 16 अप्रैल 2015 के बाद से निर्देश के अधीन है।

उपरोक्त निर्देशों के अनुसार एचसीबीएल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, लखनऊ रिजर्व बैंक से लिखित रूप में पूर्व अनुमति लिए बिना, कोई भी ऋण और अग्रिम मंजूर नहीं करेगा या उसका नवीकरण नहीं करेगा, कोई निवेश नहीं करेगा ,निधियाँ उधार लेने और नई जमाराशियाँ स्वीकार करने सहित अपने ऊपर कोई भी देयता नहीं लेगा, कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही भुगतान करने के लिए सहमत होगा भले ही, भुगतान उनकी देनदारियों और दायित्वों की चुकौती से या अन्यथा संबंधित क्यों न हो, कोई समझौता या इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं करेगा और बिक्री, हस्तांतरण या अन्यथा रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार अधिसूचित को छोड़कर अपनी किसी भी संपत्ति या परिसंपत्ति का निपटान नहीं करेगा। इसके अलावा बैंक अपने जमाकर्ताओं को हर बचत बैंक या चालू खाते या किसी अन्य जमा खाते में कुल बैलेंस से अधिक राशि वापस लेने की अनुमति नहीं दे सकता है और परिपक्वता पर मौजूदा सावधि जमाओं को नवीकृत नहीं कर सकता है। यह निर्देश बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 के साथ पठित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए की उप धारा (1) के तहत रिजर्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाए जा रहे हैं। निर्देशों की एक प्रति जनता के इच्छुक सदस्यों के अवलोकन के लिए बैंक के परिसर में प्रदर्शित की गई है ।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा निदेश जारी करने का यह अर्थ न लगाया जाए कि रिज़र्व बैंक ने बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक परिस्थितियों के आधार पर इन निर्देशों में संशोधनों पर विचार कर सकता है।

अजीत प्रसाद
सहायक महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2015-2016/884

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