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भारतीय रिज़र्व बैंक ने मैसर्स श्रेष्ठा फिनवेस्ट लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु पर मौद्रिक दंड लगाया

22 मई 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने मैसर्स श्रेष्ठा फिनवेस्ट लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 18 मई 2023 के आदेश द्वारा, मैसर्स श्रेष्ठा फिनवेस्ट लिमिटेड, चेन्नई, तमिलनाडु (कंपनी) पर गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के अधिग्रहण/ नियंत्रण के हस्तांतरण के मामलों में भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमोदन प्राप्त करने की आवश्यकता के संबंध में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- गैर-प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण जमा स्वीकार नहीं करने वाली कंपनी पर यथा लागू भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन के लिए 2.00 लाख (दो लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपरोक्त निदेशों का पालन करने में कंपनी की विफलता को ध्यान में रखते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 58बी की उप-धारा (5) के खंड (एए) के साथ पठित धारा 58जी की उप-धारा (1) के खंड (बी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई, विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त कंपनी द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

निदेशकों की नियुक्ति की सूचना देने वाले कंपनी के दिनांक 24 मार्च 2022 के पत्र की जांच से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि कंपनी ने निदेशकों की नियुक्ति के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक से पूर्व अनुमति नहीं ली थी, जिसके परिणामस्वरूप स्वतंत्र निदेशकों को छोड़कर एनबीएफसी के प्रबंधन में 30 प्रतिशत से अधिक निदेशकों द्वारा बदलाव किया गया था। उक्त के आधार पर, कंपनी को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि उपर्युक्त निदेशों के अननुपालन के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

नोटिस पर कंपनी के उत्तर और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक के निदेशों के अननुपालन का उपरोक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2023-2024/264

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