RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

78526407

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि शिरपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर (महाराष्ट्र) पर मौद्रिक दंड लगाया

9 जनवरी 2023

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दि शिरपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर (महाराष्ट्र)
पर मौद्रिक दंड लगाया

भारतीय रिज़र्व बैंक ने दिनांक 4 जनवरी 2023 के आदेश द्वारा, दि शिरपुर पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, शिरपुर (महाराष्ट्र) (बैंक) पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शहरी सहकारी बैंकों को जारी "एक्सपोज़र मानदंड और सांविधिक / अन्य प्रतिबंध – शहरी सहकारी बैंक", आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) संबंधी निदेशों के उल्लंघन/ अननुपालन के लिए 3.00 लाख (तीन लाख रुपये मात्र) का मौद्रिक दंड लगाया है। यह दंड, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का अनुपालन करने में बैंक की विफलता को ध्यान में रखते हुए, बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46 (4) (i) और धारा 56 के साथ पठित धारा 47 ए (1) (सी) के प्रावधानों के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।

यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य उक्‍त बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या करार की वैधता पर सवाल करना नहीं है।

पृष्ठभूमि

दिनांक 31 मार्च 2019 और 31 मार्च 2020 की वित्तीय स्थिति के आधार पर बैंक की निरीक्षण रिपोर्ट से, अन्य बातों के साथ-साथ, यह पता चला कि बैंक ने भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी उपर्युक्त निदेशों का उल्लंघन/ अननुपालन करते हुए (I) उधारकर्ताओं के एक समूह को अनुमत सीमा से अधिक के अग्रिम को स्वीकृति दी थी, (ii) आय निर्धारण और आस्ति वर्गीकरण (आईआरएसी) मानदंडों का अनुपालन नहीं किया था, और (iii) बैंक के पास संदिग्ध लेनदेन की पहचान और निगरानी करने के लिए एक सशक्त सॉफ्टवेयर नहीं है। उक्त के आधार पर, बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें उससे यह पूछा गया कि वह कारण बताएं कि निदेशों का अननुपालन करने के लिए उस पर दंड क्यों न लगाया जाए।

बैंक के उत्तर, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतीकरण और उसके बाद किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतीकरण पर विचार करने के बाद, भारतीय रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशों के अननुपालन का उपर्युक्त आरोप सिद्ध हुआ है और मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।

(योगेश दयाल) 
मुख्य महाप्रबंधक

प्रेस प्रकाशनी: 2022-2023/1518

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?