राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा - आरबीआई - Reserve Bank of India
राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) की सीमा की समीक्षा
23 अप्रैल 2021 राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डबल्यूएमए) भारतीय रिज़र्व बैंक ने राज्य सरकारों से संबंधित अर्थोपाय अग्रिमों की सलाहकार समिति, 2021 (अध्यक्ष: श्री सुधीर श्रीवास्तव) की सिफारिशों के आधार पर राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों (यूटी) की डब्ल्यूएमए योजना में निम्नानुसार संशोधन किया है: डब्ल्यूएमए की सीमा राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के कुल व्यय के आधार पर समिति द्वारा डब्ल्यूएमए की सीमा को ₹47,010 करोड़ किया गया है। चूंकि कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी भी जारी है, सभी राज्यों / संघ शासित प्रदेशों के लिए ₹51,560 करोड़ की मौजूदा अंतरिम डब्ल्यूएमए सीमा छह महीने तक जारी रहेगी अर्थात 30 सितंबर 2021 तक (राज्य / संघ-वार डब्ल्यूएमए सीमाएं अनुबंध में दी गई हैं)। इसके बाद रिज़र्व बैंक डब्ल्यूएमए सीमा की समीक्षा करेगा, जो महामारी की अवधि और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर निर्भर करेगा। विशेष आहरण सुविधा (एसडीएफ) राज्य सरकारों / संघशासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त एसडीएफ को भारत सरकार द्वारा जारी किए गए बाजार योग्य प्रतिभूतियों में उनके निवेश की मात्रा से संबद्ध रहना जारी रहेगा, जिसमें नीलामी खजाना बिल (एटीबी) भी शामिल हैं। सीएसएफ और जीआरएफ में शुद्ध वार्षिक वृद्धिशील निवेश किसी भी ऊपरी सीमा के बिना एसडीएफ के लाभ के लिए पात्र होंगे। दैनिक आधार पर एसडीएफ की परिचालन सीमा निर्धारित करने के लिए, प्रतिभूतियों के बाजार मूल्य पर 5 प्रतिशत की एक समान कटौती की जाएगी। ओवरड्राफ्ट (ओडी) विनियमन ओडी पर अंतरिम छूट1 31 मार्च 2021 तक प्रभावी थी। इसके बाद, राज्य सरकारों / संघशासित प्रदेशों के मौजूदा ओडी विनियम लागू हैं। एसडीएफ, डब्ल्यूएमए और ओडी पर ब्याज दर एसडीएफ, डब्ल्यूएमए और ओडी पर ब्याज दर भारतीय रिज़र्व बैंक की नीति दर, अर्थात रेपो दर से जुड़े रहना जारी रहेगा। जितने दिनों के लिए अग्रिम बकाया रहते हों, उन सभी दिनों के लिए ब्याज प्रभारित किया जाएगा। प्रचलित दरें नीचे दी गई हैं:
(योगेश दयाल) प्रेस प्रकाशनी: 2021-2022/102 1 7 अप्रैल 2020 की आरबीआई प्रेस प्रकाशनी के अनुसार ओडी सुविधा में अंतरिम छूट दी गई थी। तदनुसार, राज्य को ओडी में बने रहने के दिनों की संख्या 14 से 21 लगातार कार्य दिवसों और एक तिमाही में 36 से 50 कार्यदिवस तक बढ़ा दी गई थी । |