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प्रो सुरेश तेंदुलकर स्मारक व्याख्यान

The Reserve Bank of India has instituted the 'Suresh Tendulkar Memorial Lectures' in 2013 in his honour and in recognition of his contribution to the economics profession and his association with the Reserve Bank.

Professor Suresh D. Tendulkar: A Profile
(1939 – 2011)

Professor Suresh Dhondopant Tendulkar was born on February 15, 1939 in Kolhapur to a traditional Maharashtrian family, who later moved to Pune when he was eight months. The loss of his father early in life did not stop Prof. Tendulkar, the youngest of six children, from becoming one of India’s pre-eminent economists deeply respected both in the academia and in the public policy space.

His seminal work on the measurement and analysis of living standards in the country will remain his enduring legacy to public policy formulation. A defining feature of Prof. Tendulkar’s life as a professional economist was his deep sensitivity to poverty and a commitment to data-based research to understand poverty.

With a formidable academic record of great distinction, he joined the Indian Statistical Institute in 1968. This was followed by a prestigious two-year assignment at the Development Research Centre of the World Bank. From 1978 onwards, he served with great distinction in the Delhi School of Economics in different capacities until his retirement in 2004.

He served on numerous working groups on the design and conduct of the National Sample Surveys and served as the Chairman of the Governing Council of the National Sample Survey Organisation; the Chairman of the National Accounts Advisory Committee; and the Chairman of the National Statistical Commission. He was a member of the Lakdawala Committee for estimation of poverty in 1993, which recommended state specific consumption baskets for estimation of poverty. He became a member of the Prime Minister’s Economic Advisory Council in 2004 and in 2008 he was appointed the Chairman of the Council.

Prof. Tendulkar was a Director on the Central Board and the Chairman of the eastern region Local Board of the Reserve Bank since 2006 till his sad demise on June 21, 2011.

 

जुलाई 05, 2024
Managing the Known Unknowns
Lecture Series No. 4
जनवरी 07, 2020
Broad-based Prosperity: Tackling the Fundamentals
Lecture Series No. 3
अगस्त 02, 2018
Big Data and Measurement: From Inflation to Discrimination
भारतीय रिज़र्व बैंक ने मुंबई में 2 अगस्त 2018 को दूसरा सुरेश तेंदुलकर स्मारक वक्तव्य आयोजित किया। यह वक्तव्य एमआईटी स्लॉन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स, यूएसए के प्रोफेसर रोबर्टो रिगोबॉन द्वारा दिया गया। गवर्नर डॉ. उर्जित आर. पटेल ने अतिथियों का स्वागत किया और इस वक्तव्य श्रृंखला के महत्व पर प्रकाश डाला जिसकी शुरुआत 2013 में प्रोफेसर सुरेश तेंदुलकर के सम्मान में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा की गई थी जिससे कि अर्थशास्त्र व्यवसाय में उनके योगदान तथा रिज़र्व बैंक के साथ उनके संबंध को पहचाना जा सके। प्रोफेसर सुरेश तेंदुलकर को भारत के सबसे प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों में माना जाता है। देश में जीवनयापन मानकों के मापन और विश्लेषण पर उनका प्रभावशाली कार्य सार्वजनिक नीति निर्माण में उनकी स्थायी धरोहर रहेगा। पेशेवर अर्थशास्त्री के रूप में उनके जीवन की महत्वपूर्ण विशेषता गरीबी के प्रति गहरी संवेदनशीलता और इसको समझने के लिए आंकड़ों पर आधारित अनुसंधान के प्रति वचनबद्धता थी। उन्होंने राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षणों के डिज़ाइन और आयोजन पर बहुत से कार्यसमूहों के सदस्य के रूप में सेवा दी थी। वे राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन की नियंत्रक परिषद के अध्यक्ष, राष्ट्रीय लेखा सलाहकार समिति के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग के अध्यक्ष रहे। वे वर्ष 2004 में प्रधान मंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य भी बने और 2008 में उन्हें परिषद के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया। प्रोफेसर तेंदुलकर केंद्रीय बोर्ड के निदेशक और 2006 से 21 जून 2011 को उनकी मृत्यु के समय तक रिज़र्व बैंक के पूर्वी क्षेत्र के स्थानीय बोर्ड के अध्यक्ष रहे।
Lecture Series No. 2
जनवरी 19, 2013
Identifying the Poor
Lecture Series No. 1

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पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: नवंबर 23, 2022

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