विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें - आरबीआई - Reserve Bank of India
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें
आरबीआई/2019-20/239 22 मई 2020 प्रति, सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया / महोदय, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए ऋण में निवेश हेतु ‘स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) - रियायतें प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी–I (एडी श्रेणी–I) बैंकों का ध्यान 17 अक्तूबर 2019 को जारी अधिसूचना सं. फेमा.396/2019-आरबी के माध्यम से अधिसूचित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (ॠण लिखत) विनियमन, 2019, समय-समय पर यथा संशोधित और इसके तहत जारी संगत निदेशों की तरफ दिलाया जाता है। ‘स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग’ (वीआरआर) के तहत निवेश सीमा का आवंटन पुन:शुरू करने से सबंधित 23 जनवरी 2020 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं.19 और 23 जनवरी 2020 की प्रेस विज्ञप्ति के साथ पठित 24 मई 2019 को जारी ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 34 (इसके पश्चात निदेश के रूप में उल्लिखित) की ओर भी ध्यान आकर्षित किया जाता है। 2. दिशा-निर्देशों के अनुलग्नक के पैरा 6 (क) की शर्तों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) आवंटन की तारीख से तीन महीने के भीतर अपने ‘कमिटेड पोर्टफोलियो साइज़ (सीपीएस) का कम से कम 75% निवेश करेंगे। कोविद-19 के कारण हुए व्यवधानों को ध्यान में रखते हुए, जिन एफपीआई को 24 जनवरी, 2020 (निवेश सीमा के आवंटन को फिर से खोलने की तारीख) और 30 अप्रैल, 2020 के बीच निवेश की सीमाएं आवंटित की गईं हैं, उन्हें उनके सीपीएस का 75% निवेश करने के लिए अतिरिक्त तीन महीने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है। अतिरिक्त समय का लाभ उठाने वाले एफपीआई के लिए, निवेश की अवधारण अवधि (निवेश सीमा के आवंटन के समय उनके द्वारा प्रतिबद्ध) को उस तारीख से शुरू करने के लिए रीसेट किया जाएगा, जिस तारीख से एफपीआई सीपीएस का 75% निवेश करता है। 3. इस परिपत्र में निहित निदेशों को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और 11(1) के तहत जारी किया गया है और किसी अन्य कानून के तहत यदि कोई अनुमति/अनुमोदन लिया जाना अपेक्षित है, तो उन पर इससे कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। भवदीया, (डिम्पल भांडिया) |