7.75% बचत (कराधीन) बान्ड, 2018 - आरबीआई - Reserve Bank of India
7.75% बचत (कराधीन) बान्ड, 2018
भारिबैं/2017-18/114 03 जनवारी 2018 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक महोदया/ महोदय, 7.75% बचत (कराधीन) बान्ड, 2018 03 जनवरी 2018 को भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना सं. एफ़ सं.4(28)-डबल्यू&एम/2017 के अनुसार भारत सरकार द्वारा 10 जनवरी, 2018 से लागू रूप में 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बांड 2018 जारी करने का निर्णय लिया है। अधिसूचना की प्रति संलग्न है और मुख्य विशेषताओं का विवरण नीचे दिया गया है। इस संदर्भ में परिपत्र, अधिसूचना और प्रेस प्रकाशनी हमारे वेबसाइट (www.rbi.org.in) पर उपलब्ध है। 2. निवेश के लिए पात्रता: बांड निम्नलिखित द्वारा धारित किए जा सकते हैं (i) कोई भी व्यक्ति, जो अनिवासी भारतीय न हो- (क) व्यक्तिगत हैसियत से, अथवा (ii) हिंदू अविभाजित परिवार 3. निवेश की सीमा: इन बांडों में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होगी। 4. कर उपाय: (i) इन बांडों पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 के तहत देय होगा जैसाकि बांडधारक की संबंधित कर प्रास्थिति के अनुसार प्रयोज्य हो । (ii) ये बांड संपदा कर अधिनियम, 1957 के तहत संपदा कर से छूट प्राप्त होंगे। 5. निर्गम मूल्य: (i) ये बांड सममूल्य अर्थात 100 रुपए पर निर्गमित किए जाएंगे। (ii) ये बांड 1,000 रुपए (अंकित मूल्य) की न्यूनतम राशि और उसके गुणजों में निर्गमित किए जाएंगे। तदनुसार, प्रत्येक 1,000 रुपए (अंकित मूल्य) के लिए निर्गम मूल्य 1,000 रुपए होगा। 6. अभिदान: (i) इन बांडों के लिए अभिदान नकद/ड्राफ्ट/चैक अथवा प्राप्तकर्ता कार्यालय को स्वीकार्य किसी इलेक्ट्रॉनिक मोड में किया जाएगा। (ii) चैक अथवा ड्राफ्ट बैंक (प्राप्तकर्ता कार्यालय) जो नीचे पैराग्राफ 10 में विनिर्दिष्ट किए गए हैं, के पक्ष में आहरित किया जाएगा और उस स्थान पर देय होगा जहां आवेदन प्रस्तुत किए गए हैं। 7. निर्गम की तारीख: ये बांड डीमैट रूप में निवेशक/निवेशकों के बांड बही खाता में नकद जमा करने की तारीख या ड्राफ्ट/चैक के नकदीकरण होने की तारीख को जमा किए जाएंगे। 8. प्रपत्र: (i) ये बांड केवल डिमैट रूप में जारी किए जाएंगे और प्राप्तकर्ता बैंकों में खोले गए खाते जो बांड बही खाता कहा जाता है, में धारक के नामे रखे जाएंगे। (ii) निवेशक के बांड बही खाते के नामे जारी किए गए बांड भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा प्राधिकृत उन बैंकों और एसएचसीआईएल के किसी भी शाखा में धारित किए जाएंगे जो नीचे पैराग्राफ 10 में विनिर्दिष्ट की गई है। (iii) फार्म अनुबंध-1 में यथाविनिर्दिष्ट धारक प्रमाणपत्र बांड बही खाते में धारित बांडों के धारक/धारकों को जारी किया जाएगा (फार्म टीबीएक्स अथवा फार्म टीबीवाई, जैसा भी प्रयोज्य हो) 9. आवेदन (i) इन बांडों के लिए आवेदन या तो वास्तविक रूप में इलेक्ट्रॉनिक रूप में अनुबंध-2 के रूप में संलग्न फार्म-क में अथवा उसके समान किसी अन्य फार्म में किया जा सकता है जिसमें राशि और आवेदक का पूरा नाम एवं पता स्पष्ट रूप से उल्लिखित हो। (ii) आवेदन के साथ नकद/ड्राफ्ट/चैक/इलेक्ट्रॉनिक के रूप में आवश्यक भुगतान किया जाना चाहिए जैसाकि ऊपर पैरा 6 में दर्शाया गया है। (iii) ऐसे आवेदक जिन्होंने आय कर अधिनियम, 1961 के संगत उपबंधों के तहत आय कर में छूट प्राप्त कर ली है, वे आवेदन में इसकी घोषणा (प्रपत्र क में) करेंगे और आय कर प्राधिकारियों से प्राप्त प्रमाणपत्र की मूल प्रतिलिपि प्रस्तुत करेंगे। 10. प्राप्तकर्ता कार्यालय बांडों के लिए आवेदन निम्नलिखित में प्राप्त किए जाएंगे। (क) भारतीय स्टेट बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंकों की अनेक शाखाओं, निजी क्षेत्र के तीन बैंकों और अनुबंध-3 में यथाविनिर्दिष्ट एससीएचआईएल। (ख) किसी अन्य बैंक की शाखाओं और जैसाकि कि इसकी ओर से समय-समय पर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनिर्निष्ट किया गया है। 11. नामांकन (i) इन बांडों का एकल धारक या सभी संयुक्त धारक व्यष्टि/व्यष्टियां होने के नाते इस अधिसूचना (अनुबंध-4) में संलग्न या इसी तरह के प्रपत्र में जैसा भी मामला हो, एक या अधिक व्यक्तियों को नामांकित कर सकता है, जो एकल धारक/सभी संयुक्त धारकों की मृत्यु हो जाने पर जैसा भी मामला हो, बांडों और उसके भुगतान के हकदार होंगे, परंतु व्यक्ति या नामांकित प्रत्येक व्यक्ति अपनेआप में बांड धारण करने के लिए सक्षम होंगे। (ii) जहां नामांकन दो या अधिक नामांकितों का किया गया है और ऐसे भुगतान के देय होने के पहले उनमें से किसी की मृत्यु हो जाती है तब बांड की हकदारी जीवित नामांकित या नामांकिता की होगी और उस पर देय राशि का भुगतान तदनुसार किया जाएगा। (iii) नामांकित या नामांकितों की धारक के पहले मृत्यु हो जाने पर धारक नया नामांकन कर सकता है। (iv) निवेशक प्रत्येक निवेश के लिए अलग नामांकन कर सकता है। (v) नाबालिग के नाम पर निर्गमित बांडों के संबंध में कोई नामांकन नहीं किया जाएगा। (vi) बांड धारक द्वारा किया गया नामांकन प्रपत्र ख में नए नामांकन द्वारा बदला जा सकता है या अधिसूचना (अनुबंध-5) में संलग्न प्रपत्र ग में प्राप्तकर्ता कार्यालय को लिखित सूचना देकर निरस्त किए जा सकते हैं। (vii) प्रत्येक नामांकन और प्रत्येक निरस्तीकरण का पंजीकरण प्राप्तकर्ता कार्यालय में किया जाएगा जहां बांड निर्गमित किया जाता है और यह ऐसे पंजीकरण की तारीख से प्रभावी होगा। (viii) यदि नामांकित नाबालिग है तो बांड धारक नामांकित के नाबालिग रहने की अवधि के दौरान अपनी मृत्यु हो जाने पर बांड/देय राशि प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति को नियुक्त कर सकता/सकती है। 12. हस्तांतरणीयता: निवेशक के बांड बही खाता के क्रेडिट में धारित बांड हस्तांतरणीय नहीं होंगे। 13. ब्याज (i) निवेशक की निलामी पर बांड संचयी या गैर-संचयी रूप में निर्गमित किए जाएंगे अथवा और इनपर प्रति वर्ष 7.75% की दर से ब्याज लगेगा। (ii) गैर-संचयी बांडों पर ब्याज ऊपर पैरा 7 के संदर्भ में निर्गम की तारीख से अर्ध-वार्षिक अंतराल पर भुगतान योग्य होगा और संचयी बांडों पर ब्याज बाकी अर्ध-वार्षिक के साथ चक्रवृद्धि के रूप में परिपक्वता पर मूलधन के साथ भुगतान योग्य होगा। (iii) बाद के मामले में, बांड का परिपक्वता मूल्य प्रत्येक ₹1,000 (अंकित) के लिए ₹1,703.00 (मूलधन और ब्याज) होगा। (iv) गैर-संचयी बांडों का विकल्प चुनने वाले धारकों के लिए ब्याज ऊपर पैरा 7 के संदर्भ में निर्गम की तारीख से 31 जुलाई/31 जनवरी तक जैसा भी मामला हो, भुगतान किया जाएगा और उसके बाद 31 जुलाई और 31 जनवरी को समाप्त होने वाली अवधि के लिए अर्ध-वार्षिक 1 अगस्त और 1 फरवरी को भुगतान किया जाएगा। (v) ''बांड बही खाता'' के क्रेडिट में धारित बांडों पर ब्याज का भुगतान निवेशक/ धारक द्वारा लिए गए विकल्प के अनुसार धारक के बैंक खाते में क्रेडिट द्वारा इलेक्ट्रोनिक रूप में किया जाएगा। 14. स्रोत पर कर कटौती (i) समय-समय पर गैर-संचयी बांडों पर ब्याज का भुगतान करते समय स्रोत पर कर की कटौती की जाएगी और इसे सरकारी खाते में जमा किया जाएगा। (ii) परिपक्वता मूल्य के ब्याज अंश पर कर की स्रोत पर कटौती संचयी बांडों पर परिपक्वता लाभ के भुगतान के समय की जाएगी और सरकारी खाते में जमा किया जाएगा। परंतु यह कि उन व्यष्टि/व्यष्टियों के लिए जिन्होंने आवेदन प्रपत्र में घोषणा की है कि उन्होंने आयकर अधिनियम, 1961 के संगत उपबंधों के तहत कर से छूट प्राप्त कर ली है और आय कर प्राधिकारियों से प्राप्त प्रमाणपत्र की मूल प्रतिलिपि जमा की है, ब्याज/परिपक्वता लाभ का भुगतान करते समय कर की कटौती नहीं की जाएगी। 15. बांड के एवज में अग्रिम/व्यापार योग्यता बांड गौण बाजार में व्यापार योग्य नहीं होगा और बैंकों, वित्तीय संस्थानों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनी (एनबीएफसी) आदि से अतिरिक्त ऋण के रूप में पात्र नहीं होगा। 16. अदायगी i) बांड जारी होने की तारीख से 7 (सात) वर्ष समाप्त हो जाने पर प्रतिदेय होगा। ii) बांडों के परिपक्व होने से पूर्व 60 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्तिगत निवेशकों को नकदीकरण की अनुमति होगी बशर्ते कि वे नीचे दर्शाए गए अनुसार बांड जारी होने की तारीख से न्यूनतम निश्चित अवरुद्धता अवधि के बाद निर्गमकर्ता बैंकों की संतुष्टि के लिए आयु के समर्थन में निवेशक की जन्म तिथि से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करें: (क) 60 से 70 वर्ष की आयु-वर्ग के निवेशकों की निश्चित अवरुद्धता अवधि, बांड जारी होने की तारीख से 6 वर्ष होगी। (ख) 70 से 80 वर्ष की आयु-वर्ग के निवेशकों की निश्चित अवरुद्धता अवधि, बांड जारी होने की तारीख से 5 वर्ष होगी। (ग) 80 और उससे अधिक वर्ष की आयु-वर्ग के निवेशकों की निश्चित अवरुद्धता अवधि, बांड जारी होने की तारीख से 4 वर्ष होगी। (iii) यदि संयुक्त बांडधारक हों या दो से अधिक बांड धारक हों तो उपर्युक्त पात्रता की शर्त को यदि कोई एक धारक भी पूरा करता है तो उपर्युक्त लॉक-इन अवधि प्रयोज्य होगी। (iv) बांड जारी होने की तारीख से उपर्युक्त न्यूनतम निश्चित अवरुद्धता अवधि के बाद, पात्र निवेशक 12वीं, 10वीं और 8वीं अर्द्धवार्षिक के तदनुरूपी संबंधित निश्चित अवरुद्धता अवधि के बाद बांड अभ्यर्पित सकता है, परन्तु प्रतिदान का भुगतान आगामी ब्याज भुगतान की निर्धारित तारीख को किया जाएगा। इस प्रकार, पात्र निवेशकों के परिवक्वता नकदीकरण की प्रभावी तारीख प्रत्येक वर्ष की 1 अगस्त और 1 फरवरी है। परन्तु, ऐसे मामलों में संचयी और गैर-संचयी दोनों बांडों के संबंध में धारण अवधि के पिछले छ: माह के बकाए और देय ब्याज का 50% वसूल किया जाएगा। 17. दलाली: (i) पैराग्राफ 10 में सूचीबद्ध प्राप्तकर्ता कार्यालय के साथ पंजीकृत दलालों और उनके ग्राहकों की ओर से उन्हें दिए गए आवेदनों, जिनपर उनका मोहर लगा हो, पर प्रति ₹ 100 पर ₹1.00 की दलाली दी जाएगी। (ii) ब्रोकरेज और कमीशन का भुगतान मासिक आधार पर सीएएस, नागपूर द्वारा किया जाएगा। (iii) हैडलिंग/ सेवा प्रभार का भुगतान कार्यक्षेत्र के पीडीओ द्वारा किया जाएगा। भवदीया (ए मंगलगिरी) सं: यथोपरि |