एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था – इंडो – ईरान व्यापार - आरबीआई - Reserve Bank of India
एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था – इंडो – ईरान व्यापार
आरबीआइ 2010-11/335 27 दिसंबर 2010 सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदया/महोदय एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था – इंडो – ईरान व्यापार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । (एडी श्रेणी- ।) बैंकों का ध्यान एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के जरिये लेनदेन करने के लिए क्रियाविधि के ज्ञापन पत्र की मद 7(बी) तथा 7(ई) के साथ पठित 3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.14/2000-आरबी के विनियम 3 और 5 की ओर आकर्षित किया जाता है, जिसके अनुसार, क्रमश: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के करार की शर्तों द्वारा यथा परिभाषित सभी पात्र चालू खाता लेनदेन तथा आस्थगित भुगतान शर्तों (टर्म्स) पर एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) के सदस्य देशों के बीच निर्यात/आयात लेनदेन एशियाई समाशोधन संघ (एसीयू) व्यवस्था के अंतर्गत किये जाते हैं । 2. आयातकों/निर्यातकों द्वारा ईरान को भुगतान करने/से प्राप्तियों के संबंध में महसूस की जा रही कठिनाइयों को देखते हुए मौजूदा उपर्युक्त प्रावधानों की पुनरीक्षा की गयी है और यह निर्णय लिया गया है कि ईरान के साथ व्यापार लेनदेनों सहित सभी पात्र चालू खातागत लेनदेन के भुगतान/निपटान अगली सूचना दिये जाने तक, एसीयु व्यवस्था से बाहर किसी अनुमत मुद्रा में किए जाने चाहिए । 3. विदेशी मुद्रा प्रबंध (प्राप्ति और भुगतान का तरीका) विनियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं । 4.प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक ग्राहकों/घटकों को अवगत करायें । 5. इस परिपत्र में अंतर्विष्ट निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम,1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किये गये हैं । भवदीय (सलीम गंगाधरन) |