RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79200307

तदर्थ/लघु समीक्षा/क्रेडिट सुविधाओं का नवीकरण

भारिबैं/2020-21/27
DoS.CO.PPG.BC.1/11.01.005/2020-21

21 अगस्त 2020

सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी को छोड़कर)
सभी लघु वित्त बैंक
सभी शहरी सहकारी बैंक

महोदया/महोदय

तदर्थ/लघु समीक्षा/क्रेडिट सुविधाओं का नवीकरण

बैंकों में जोखिम प्रबंधन प्रणाली से संबंधित दिनांक 7 अक्तूबर 1999 के परिपत्र DBOD.No.BP(SC).BC.98/21.04.103/99 के संदर्भ में, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (SCBs) को बोर्ड द्वारा अनुमोदित क्रेडिट नीति बनाने की आवश्यकता होती है, जो, अन्य बातों के साथ-साथ, क्रेडिट सुविधाओं की समीक्षा/नवीकरण की आवधिकता और कार्यप्रणाली निर्धारित करती है। नीति में उधारकर्ताओं की सीमाओं की समीक्षा/ नवीकरण के लिए अंतर समय कार्यक्रम भी निर्धारित किया जाना चाहिए ताकि निचली रेटिंग वाले उधारकर्ता जो वित्तीय समस्याओं से ग्रस्त दिखते हैं, नवीकरण नियंत्रण के अधीन होते हैं। अग्रिम का प्रबंधन–यूसीबी के संबंध में शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के लिए जारी दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र के अनुसार सभी यूसीबी से अपेक्षित है कि वह कार्यशील पूंजी सीमाओं की आवधिक समीक्षा के लिए नीतिगत दिशानिर्देश तैयार करें।

2. इसके अतिरिक्त, आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण के विवेकपूर्ण मानदंड विषय पर दिनांक 1 जुलाई, 2015 के मास्टर परिपत्र DBR.No.BP.BC.2/21.04.048/2015-16 और आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण, प्रावधानीकरण और अन्य संबंधित मामले – यूसीबी, जैसा कि क्रमशः एससीबी और यूसीबी पर लागू विषय पर दिनांक 1 जुलाई, 2015 के मास्टर परिपत्र DCBR.BPD (PCB) MC No.12/09.14.000/2015-16 के अनुसार ऐसा खाता जिसमें नियमित/तदर्थ ऋण सीमा की समीक्षा/ नवीकरण निर्धारित तिथि/ तदर्थ मंजूरी की तारीख से नियत समय सीमा के भीतर नहीं किया गया है, को अनर्जक आस्तियों के रूप में माना जाएगा।

3. इसलिए, बैंकों से यह अपेक्षित है कि समग्र विनियामक दिशानिर्देशों के भीतर क्रेडिट सुविधाओं की समीक्षा / नवीकरण के लिए कार्यप्रणाली और आवधिकता पर एक विस्तृत बोर्ड अनुमोदित नीति बनाये और उसका सख्ती से पालन करें|

4. हालांकि, ऋण सुविधाओं की समीक्षा / नवीकरण करते समय उधारदाताओं द्वारा पालन की जाने वाली प्रथाओं के विश्लेषण से कुछ पर्यवेक्षी चिंतायें सामने आई हैं, जिनमें नियमित समीक्षा/नवीकरण के स्थान पर नियमित / बार-बार तदर्थ समीक्षा / क्रेडिट सुविधाओं का नवीकरण, कैप्चर न करना और / अथवा बैंकिंग / सूचना प्रणाली में समीक्षा / नवीकरण डेटा को गलत तरीके से कैप्चर करने, और समवर्ती लेखा परीक्षा / आंतरिक लेखा परीक्षा तंत्र के तहत समीक्षा / नवीकरण गतिविधियों की अव्याप्ति शामिल हैं।

5. इस संबंध में, हम यह दोहराते हैं कि क्रेडिट सुविधाओं की समयबद्ध और व्यापक समीक्षा /नवीकरण बोर्ड द्वारा अनुमोदित ऋण नीति और क्रेडिट जोखिम प्रबंधन ढांचे का एक अभिन्न अंग होना चाहिए, और बैंकों को उचित कारणों के बिना ऋण सुविधाओं की नित्य और बार-बार की गयी तदर्थ / लघु समीक्षा / नवीकरण से बचना चाहिए। बैंकों को यह भी सलाह दी जाती है कि वे अपने कोर बैंकिंग सिस्टम / प्रबंधन सूचना प्रणाली में नियमित रूप से संबंधित डेटा के साथ-साथ तदर्थ / लघु समीक्षा / क्रेडिट सुविधाओं के नवीकरण को कैप्चर करें और उसे लेखा परीक्षकों /आरबीआई द्वारा लेखा परीक्षा या निरीक्षण के लिए कभी भी आवश्यक होने पर संवीक्षा हेतु उपलब्ध कराएं। इसके अलावा, ऋण सुविधाओं की समीक्षा/ नवीकरण को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं को तत्काल प्रभाव से बैंकों के समवर्ती / आंतरिक लेखा परीक्षा / आंतरिक नियंत्रण तंत्र के दायरे में लाया जाना चाहिए।

6. हम सूचित करते हैं कि सभी बैंकों द्वारा पत्र में दिए गए निर्देशों का पालन किया जाए।

भवदीय

(अजय कुमार चौधरी)
मुख्य महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?