बैंकों द्वारा लेखे पर टिप्पणियों के अंतर्गत अतिरिक्त प्रकटीकरण
आरबीआइ/2009-10/347 15 मार्च 2010 अध्यक्ष/मुख्य कार्यपालक महोदय बैंकों द्वारा लेखे पर टिप्पणियों के अंतर्गत अतिरिक्त प्रकटीकरण रिज़र्व बैंक बैंकों के परिचालनों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय प्रथाओं के अन्ाजरूप व्यापक प्रकटीकरण निर्धारित करते हुए समय-समय पर अनेक उपाय करता आ रहा है । मौजूदा प्रकटीकरणों की समीक्षा के उपरांत यह निर्णय लिया गया है कि मार्च 2010 में समाप्त वर्ष से बैंकों के तुलनपत्रों के "लेखे पर टिप्पणियों" के अंतर्गत निम्नलिखित अतिरिक्त प्रकटीकरण निर्धारित किए जाएं : I. जमाराशि, अग्रिमों, एक्सपोज़र तथा अनर्जक आस्तियों (एन पी ए ) का संकेंद्रण II. क्षेत्रवार अनर्जक आस्तियाँ III. अनर्जक आस्तियों में घटबढ़ IV. विदेश स्थित आस्तियां, अनर्जक आस्तियाँ तथा आय V. बैंकों द्वारा प्रायोजित तुलनपत्रेतर एस पी वी निर्धारित फार्मेट अनुबंध में दिए गए हैं । भवदीय (बी.महापात्र) I. जमाराशि, अग्रिम, एक्सपोज़र तथा अनर्जक आस्तियों का संकेंद्रण जमाराशि का संकेंद्रण (राशि करोड़ रुपये में)
अग्रिमों का संकेंद्रण * (राशि करोड़ रुपये में)
* अग्रिमों की गणना एक्सपोज़र संबंधी मानदंडों पर 01 जुलाई 2009 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 15/13.03.00/2009-10 के अंतर्गत डेरिवेटिव सहित क्रेडिट एक्सपोज़र की दी गई परिभाषा के अनुसार की जानी चाहिए । एक्सपोज़र का संकेंद्रण** (राशि करोड़ रुपये में)
** एक्सपोज़र की गणना एक्सपोज़र संबंधी मानदंडों पर 01 जुलाई 2009 के हमारे मास्टर परिपत्र बैंपविवि. सं. डीआइआर. बीसी. 15/13.03.00/2009-10 के अंतर्गत निर्धारित ऋण और निवेश एक्सपोज़र के आधार पर की जानी चाहिए । अनर्जक आस्तियों का संकेंद्रण (राशि करोड़ रुपये में)
II : क्षेत्रवार अनर्जक आस्तियां
III : अनर्जक आस्तियों की घट-बढ़
* 24 सितंबर 2009 के बैंपविवि परिपत्र बैंपविवि. बीपी. बीसी. सं. 46/21.04.048/2009-10 के अनुबंध की मद सं. 2 के अनुसार सकल अनर्जक आस्तियां IV : विदेश स्थित आस्तियां, अनर्जक आस्तियां और आय
V.तुलनपत्रेतर प्रायोजित एसपीवी (जिन्हें लेखा मानदंडों के अनुसार समेकित किया जाना चाहिए)
|
पृष्ठ अंतिम बार अपडेट किया गया: