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बहुस्तरीय मार्केटींग फर्मों के खाते खोलने तथा उनके परिचालन में केवायसी /एएमएल दिशानिर्देशों का पालन

भारिबैंक/2009-10/158
संदर्भ.शबैंवि.बीपीडी .पीसीबी.परि.सं.9/12.05.001/2009-10

16 सितंबर 2009

मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक

महोदय /महोदया

बहुस्तरीय मार्केटींग फर्मों के खाते खोलने तथा उनके परिचालन में
केवायसी /एएमएल दिशानिर्देशों का पालन
 
हमारे यह ध्यान में आया है कि उपभोक्ता वस्तु तथा सेवाओं के लिए कार्यरत बहुस्तरीय मार्केटींग एजन्सीज (एमएलएम) अधिक ब्याज का वादा करते हुए जनता से बहुत बडी मात्रा में जमाराशि संघटीत कर रहे है । इस प्रकार के कुछ फर्मों के नाम नीचे दिए गए है :

  1. फाइन इंडिया सेल्स प्राइवेट लि.
  2. लक्ष्य लेवल मार्केटींग
  3. इव्ह इंडस्ट्रीज
  4. ट्रिडेंट ऍडवरटाइजिंग एण्ड ट्रेड लिंक प्राइवेट लि.
  5. सुपर लाइफ लिंक ड्रिस्ट्रीब्युटर
  6. ल्यू ब्रेन एडयूकेशन सोसाइटी
  7. मन्या मंत्रा मार्केटिंग

2. उपर्युक्त फर्मो के प्रतिनिधियों ने देशभर विविध स्थानों पर स्थित विभिन्न बैंकों की शाखाओं में खाते खोले हैं तथा इन खातों मे अनगिनत जमाराशि एकत्रित की गयी हैं । फर्म तथा उनके प्रतिनिधियों ने अधिक ब्याज का वादा करके सामान्य जनता से निवेश /जमा योजना के नाम पर निधि जमा किया हैं । यह राशि करोड़ो में है और इसे एमएलएम फर्म के मूल खाते में जमा किया जा रहा है तथा इसका उपयोग अवैध या जोखिम भरे प्रयोजन के लिए किया जा रहा हैं । इन फर्मों ने बैंकों से बहुत बड़ी संख्या में चेक बुकों को जारी किए जाने की व्यवस्था की है तथा यह चेक जमाकर्ताओं को भावी देय ब्याज तथा जमाराशि के भुगतान के लिए जारी किए गए हैं । जहां खाते खोले गए है उस स्थान से दूर एमएलएम के खाते में छोटे जमाकर्ता राशि जमा कर रहे थे और इन खातों को बैंकों द्वारा कोअर बैंकिंग सोल्यूशन की सुविधा दी गयी हैं । चुकिं फर्मों की गतिविधि तत्वत: जमाराशि एकत्रित करना तथा जमाराशि लौटाना है विद्यमान जमाराशियों को लौटाना निरंतर और अधिक मात्रा में नयी जमाराशियां मिलने पर निर्भर होगा । अत: किसी पडाव पर जमाराशि का प्रवाह अवरूद्ध होना निश्चित हैं और इसके बाद खाते में पर्याप्त राशि न होने के कारण उत्तर दिनांकित चेक की वसूली नहीं होगी ।

3. उपयुक्त फर्मों से कुछ फर्म वेबसाइट के माध्यम से अपनी जमा योजना का विज्ञापन दे रहे हैं । इस प्रकार के वेबसाइट पते निम्नानुसार है :

http://www.alaskaindia.net/business.plan.html
http://www.fineindia.net/

प्राथमिक रिपोर्ट से यह पता चला है कि एमएलएम या उनके प्रतिनिधियों के जिन बैंकों में खाते है वह बैंक एमएलएम फर्मों के ऐसे परिचालन में सहायता करते है । इससे बैंकों को संभव्य जोखिम हैं विशेषत: जब फर्म जमाकर्ता को पैसा चुकाने में चुकते है । प्रसंगवश यह देखा गया है कि भावी जमाकर्ता से मुलाकात के दौरान एमएलएम फर्म या उनके एजंटों द्वारा बैंकों के नाम का उपयोग किया है जहां उनके खाते हैं ।

4. उपर्युक्त को ध्यान में रखते हुए हम सूचित करते है कि मार्केटिंग ट्रेडिंग एजंसियों के खाते खोलते समय सावधानी बरते । विशेषत: भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी 2 जुलाई 2008 के परिपत्र शबैंवि.केंका.बीपीडी (पीसीबी) सं.1 / 12.05.001/2008-09 तथा 15 दिसंबर 2004 का परिपत्र पीसीबी पिर.30 /09.161.00 /2004-05 में मामले से संबंधित निहित केवायसी तथा एएमएल दिशानिर्देशों को अनुपालन सुनिश्चित करें ।

5. मार्केटिंग एजंसी खुदरा व्यापारी, निवेश फर्म के नाम पहले से ही खाते खुलने की स्थिति में बैंक तत्परता से समीक्षा करें । ऐसी फर्मों को जहां बडी संख्या में चेक बुक जारी किए है निम्नलिखित को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए ।

  • क्या ग्राहक के अनुरोध पर तथा मामले के संबंध में निर्धारित प्रक्रिया अपनाकर चेक बुक जारी किए गए हैं ।
  • क्या ग्राहक के वर्णन तथा उनके कारोबार के स्वरूप के साथ चेक बुकों की संख्या संगत है ।

6. जहां लेनदेन की मात्रा /ग्राहक का वर्णन स्पष्ट रूप से जारी किए गए चेक बुकों की संख्या उचित सिद्ध करता है ऐसे मामलों में भी फर्मों के परिचालन पर निरंतर निगरानी रखी जाए विशेषत: यदि इन खातों में जमाराशि काफी संख्या में जमा की जाती हो तथा चेकों के माध्यम से काऊंटर पर या समाशोधन द्वारा छोटी राशि का आहरण किया जा रहा हो । ऐसे खाताधारकों के मामले में बैंक विशिष्ट मामले में खाताधारक से उनके द्वारा जारी उत्तरदिनांकित चेकों की संख्या तथा समग्र राशि की जानकारी मांगे । इस प्रकार एकत्रित जानकारी आंकडो का चयनित मामलों में विश्लेषण करें ताकि फर्मों द्वारा जमाराशि लेंने की गतिविधि की संभाव्यता को हटाया जा सके । अगली संवीक्षा हेतु खाते चुनने के लिए उत्तरदिनांकित चेकों का गठ्ठा , राशि में समानता आदि इन आंकड़ो का पूर्व तिथियों को छोटी जमाराशियों के इस प्रकार के एम समान चेकों तथा एक समान राशि के चेकों के साथ विश्लेषण करे ।
 
7. कृपया प्राप्ति सूचना दे । साथ ही उक्त समीक्षा के दौरान पाए गए असामान्य परिचालन की हमे तथा अन्य उचित प्राधिकार जैसे एफआइयु इंडिया, राजस्व विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार, होटल सम्राट (6 ठीं मंजिल ) चाणक्यपुरी, नयी दिल्ली - 110 021 को तुरंत सूचित करें ।

भवदीय

(ए.के. खौंड)
मुख्य महाप्रबंधक

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