कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण - आरबीआई - Reserve Bank of India
कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण
आरबीआइ/2008-09/117
ए पी(डीआइआर सिरीज़)परिपत्र सं.03
अगस्त 04, 2008
सेवा में
सभी श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक
महोदया/महोदय,
कच्चे हीरें के आयात के लिए अग्रिम प्रेषण
श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंकों का ध्यान 02 मार्च 2007 के एपी(डीआईआर सिरीज़) परिपत्र सं.34 की ओर आकर्षित किया जाता है , जिसके अनुसार श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंकों को बिना किसी बैंक गारंटी अथवा समर्थनकारी साखपत्र के कतिपय शर्तों के अधीन, आयातक (किसी सरकारी क्षेत्र की कंपनी अथवा भारत सरकार/राज्य सरकारों के किसी विभाग/उपक्रम से इतर) द्वारा निम्नलिखित खदान कंपनियों से भारत में कच्चे हीरों के आयात के लिए किसी सीमा तक अग्रिम धन-प्रेषण की अनुमति दी गई है।
i) डायमंड ट्रेडिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, यूके,
ii) रियो टिन्टो, यूके;
iii) बीएचपी बिल्लिटन, ऑस्ट्रेलिया,
iv) एन्डियामा, ई.पी. अंगोला;
v) एल्रोसा, रूस और
vi) गोखरन, रूस
2. रत्न और जवाहरात निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) की सिफारिशों के आधार पर, यह निर्णय लिया गया है कि उपर्युक्त सूचीबद्ध छ: कंपनियों के साथ निम्नलिखित खदान कंपनियों को भी सूची में शामिल किया जाए।
i) रियो टिंटो, बेल्जियम, और
ii) बीएचपी बिल्लिटन, बेल्जियम.
3. उपर्युक्त परिपत्र के अनुबंध में दिये गये फार्मेट में रिर्पोट प्रस्तुत करने सहित 02 मार्च, 2007 के एपी(डीआइआर) परिपत्र सं.34 में उल्लिखित नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी ।
4. श्रेणी-I प्राधिकृत व्यापारी बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें।
5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम (फेमा), 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक