स्वर्ण आभूषणों और गहनों पर अग्रिम
भारिबैं/2005-06/196
बैंपविवि. सं. आइबीडी. बीसी. 663/23.67.001/2005-06
2 नवंबर 2005
11 कार्तिक 1927 (शक)
सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक
(क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर)
महोदय,
स्वर्ण आभूषणों और गहनों पर अग्रिम
कृपया उपर्युक्त विषय पर 22 नवंबर 1994 का हमारा परिपत्र डीबीओडी. सं. बीपी. बीसी. 138/21.01.023/94 देखें । तत्काल संदर्भ के लिए संलग्न पूर्ववर्ती-परिपत्रों का भी अवलोकन करें ।
2. जैसा कि आप जानते हैं, स्वर्ण आभूषणों का प्रमाणांकन कैरटेजॅ, बारीकी और शुद्धता के संबंध में गहनों में प्रयुक्त सोने की गुणवत्ता सुनिश्चित करता है । इसलिए ऐसे प्रमाणांकित गहनों की जमानत पर अग्रिम प्रदान करना बैंकों के लिए सुरक्षित और सरल होगा। प्रमाणांकित गहनों को तरजीह देने से प्रमाणांकन की प्रथा को बढ़ावा मिलेगा जो दिर्घावधि में ग्राहक, ऋणदाताओं तथा उद्योग के हित में होगा ।
3. अत:, बैंक आभूषणों पर अग्रिम प्रदान करने पर विचार करते समय प्रमाणांकित आभूषणों के लाभों को ध्यान में रखकर उन पर मार्जिन तथा ब्याज दरें निर्धारित करें ।
4. स्वर्ण आभूषणों और गहनों की जमानत पर अग्रिम प्रदान करने के संबंध में अन्य शर्तें अपरिवर्तित हैं ।
भवदीय
(पी. सरन)
मुख्य महाप्रबंधक
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