आरबीआई/2004/248 डीजीबीए.जीएडी.सं. एच-1225 - 1258/42.02.001/04-05 27 अक्टूबर 2004 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक/ प्रबंध निदेशक भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी सभी राष्ट्रीयकृत बैंक जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड आईडीबीआई बैंक लिमिटेड/ एचडीएफ़सी बैंक लिमिटेड आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड/ यूटीआई बैंक लिमिटेड महोदय, एजेंसी बैंकों के माध्यम से आय और अन्य प्रत्यक्ष करों (केंद्र सरकार) और राज्य सरकारों के व्यवसाय कर / अन्य करों की स्वीकृति के लिए योजना कृपया 22 जुलाई 2004 के हमारे परिपत्र डीजीबीए. जीएडी. सं एच-41/42.02.001/2003-04 को देखें जिसमें एजेंसी बैंकों को उनके द्वारा देय करों (केंद्र और राज्य सरकार) को अपने स्वयं के शाखा नेटवर्क के माध्यम से प्रेषित करने की अनुमति दी गयी थी। तब से यह निर्णय लिया गया है कि 1 नवम्बर 2004 से एजेंसी बैंकों को उनकी स्वयं की कर देनदारियां (टीडीएस, निगम कर आदि) का भुगतान केवल अपनी शाखाओं के माध्यम से सरकारी खाते में करना चाहिए। इस तरह के भुगतान को अन्य लेनदेन से अलग करने के लिए स्क्रॉल में अलग से इंगित किया जाना चाहिए। 2. यह दोहराया जाता है कि बैंक उपर्युक्त प्रकार के लेनदेन पर 'टर्नओवर कमीशन' के हकदार नहीं हैं क्योंकि वे अपनी स्वयं की कर देयता का भुगतान करते समय हमारे एजेंट की तरह कोई एजेंसी कार्य नहीं कर रहे हैं। इसलिए बैंकों से अनुरोध किया जाता है कि वे ऐसे लेन-देनों को रिज़र्व बैंक कार्यालयों से टर्नओवर कमीशन के दावे के साथ जोड़े बिना अलग से इंगित करें। बैंकों को इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना चाहिए कि टीओसी का दावा करते समय उनके द्वारा भुगतान किए गए स्वयं की कर देयताएं (टीडीएस, निगम कर, आदि) को बाहर रखा गया है। 3. हमें प्रसन्नता होगी यदि आप कृपया अपनी संबंधित शाखाओं को उपरोक्त स्थिति स्पष्ट करते हुए आवश्यक निर्देश जारी करेंगे। 4. कृपया पावती की स्वीकृति दें। भवदीय (एम.टी. वर्गीज) महाप्रबंधक |