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मास्टर निदेश में संशोधन - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी करने और आचार संबंधी निदेश, 2022

आरबीआई/2023-24/132
विवि.आरएयूजी.एयूटी.आरईसी.सं.81/24.01.041/2023-24;

07 मार्च 2024

अध्यक्ष/प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी
बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ

महोदया / महोदय,


मास्टर निदेश में संशोधन - क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी करने और आचार संबंधी निदेश, 2022
बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए और भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 के अध्याय IIIबी द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा इस बात से संतुष्ट होकर कि ऐसा करना सार्वजनिक हित में आवश्यक और समीचीन है, एतद द्वारा, 'क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड - जारी करने और आचार निदेश, 2022' पर दिनांक 21 अप्रैल 2022 को  विवि.एयूटी.आरईसी.सं.27/24.01.041/2022-23  के माध्यम से जारी मास्टर निदेश के कुछ प्रावधानों में संशोधन किया गया है।
2. मास्टर निदेश के संशोधित प्रावधान इस परिपत्र के अनुबंध में संलग्न हैं। मास्टर निदेश में निहित प्रावधानों से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न वेबसाइट पर एफएक्यू अनुभाग के अंतर्गत और मास्टर निदेश के परिशिष्ट के रूप में रखे गए हैं।
3. प्रारंभ
इस परिपत्र में शामिल संशोधित प्रावधान 07 मार्च 2024 से प्रभावी होंगे। नीचे दिए गए संशोधनों से प्रभावित परिवर्तनों को प्रतिबिंबित करने के लिए उपर्युक्त मास्टर निदेश को अद्यतन किया गया है।
4. प्रयोज्यता

  • क) क्रेडिट कार्ड से संबंधित निदेश सभी क्रेडिट कार्ड जारी करने वाले बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर लागू होंगे।
  • ख) डेबिट कार्ड से संबंधित इन निदेशों के प्रावधान भारत में संचालित प्रत्येक बैंक पर लागू होंगे।

 

(मनोरंजन पाढ़ी)
मुख्य महाप्रबंधक

अनुबंध
                        

I. मास्टर निदेश (एमडी) के विद्यमान प्रावधानों में संशोधन

एमडी का पैरा

विद्यमान प्रावधान

संशोधित प्रावधान

7(ग)

कार्ड-जारीकर्ता व्यावसायिक व्यय के लिए व्यावसायिक संस्थाओं/व्यक्तियों को व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड जारी कर सकते हैं। व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड चार्ज कार्ड, कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के रूप में या संबंधित सुविधा के लिए निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार व्यावसायिक उद्देश्य के लिए प्रदान किए गए ओवरड्राफ्ट / कैश क्रेडिट जैसी क्रेडिट सुविधा को जोड़कर भी जारी किए जा सकते हैं। जहां कहीं आवश्यक हो, ऐड-ऑन कार्ड के साथ कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड जारी किए जा सकते है।

कार्ड-जारीकर्ता द्वारा व्यावसायिक खर्चों के लिए व्यावसायिक संस्थाओं/व्यक्तियों को व्यवसाय क्रेडिट कार्ड जारी किए जा सकते हैं। व्यवसाय क्रेडिट कार्ड को चार्ज कार्ड, कॉर्पोरेट क्रेडिट कार्ड के रूप में अथवा संबंधित सुविधा के लिए निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार व्यावसायिक उद्देश्य के लिए प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट/कैश क्रेडिट जैसी क्रेडिट सुविधा से जोड़कर भी जारी किया जा सकता है। कार्ड जारीकर्ताओं द्वारा धन के अंतिम उपयोग की निगरानी के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित करना होगा। जहां भी आवश्यकता हो, बिजनेस क्रेडिट कार्ड के साथ ऐड-ऑन कार्ड जारी किए जा सकते हैं।

8(क)

कार्ड जारीकर्ता की ओर से सात कार्य दिवसों के भीतर बंद करने की प्रक्रिया पूरी करने में विफलता के परिणामस्वरूप कार्डधारक को खाता बंद होने तक प्रति दिन ₹500 का जुर्माना देना होगा, बशर्ते कि खाते में कोई बकाया न हो।

कार्ड-जारीकर्ता की ओर से सात कार्य दिवसों के भीतर बंद करने की प्रक्रिया को पूरा करने में विफलता के परिणामस्वरूप कार्ड-जारीकर्ता को कार्डधारक को खाता बंद होने तक प्रति कैलेंडर दिन विलंब के हिसाब से ₹500 का जुर्माना देना होगा, बशर्ते कि खाते में कोई बकाया न हो।

9(ख)
(iii)

कार्ड-जारीकर्ता कार्डधारकों को केवल 'न्यूनतम देय राशि' का भुगतान करने के निहितार्थों के बारे में सूचित करेंगे। इस आशय का एक आख्यान/चेतावनी कि "हर महीने केवल न्यूनतम भुगतान करने से पुनर्भुगतान महीनों/वर्षों तक बढ़ जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप आपके बकाया राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज भुगतान होगा" कार्डधारकों को केवल न्यूनतम देय राशि का भुगतान करने में नुकसान से सावधान करने के लिए सभी बिलिंग विवरणों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाए। एमआईटीसी विशेष रूप से स्पष्ट करेगा कि 'ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि' लंबित मानी जाएगी, यदि पिछले महीने के बिल का कोई शेष बकाया हो। बिल की अवैतनिक राशि की मात्रा अर्थात 'न्यूनतम देय राशि' से अधिक का आंशिक भुगतान, जिस पर कार्डधारकों को ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि के लाभ उपलब्ध नहीं होंगे, उसे कार्ड जारीकर्ता बिलिंग विवरण में निर्दिष्ट करेंगे ।

कार्ड-जारीकर्ता द्वारा कार्डधारकों को केवल 'न्यूनतम देय राशि' का भुगतान करने के निहितार्थों के बारे में सूचित किया जाएगा। कार्डधारकों को केवल न्यूनतम राशि का भुगतान करने में होने वाले नुकसान के बारे में सावधान करने के लिए सभी बिलिंग विवरणों में एक आख्यान/चेतावनी प्रमुखता से प्रदर्शित की जाएगी कि "हर महीने केवल न्यूनतम भुगतान करने से पुनर्भुगतान में महीनों/वर्षों का समय लगेगा और इसके परिणामस्वरूप आपके बकाया शेष पर चक्रवृद्धि ब्याज का भुगतान होगा"। एमआईटीसी द्वारा विशेष रूप से समझाया जाएगा कि यदि पिछले महीने के बिल का कोई भी शेष बकाया है तो 'ब्याज मुक्त क्रेडिट अवधि' निलंबित कर दी जाती है।

9(ख)
(v)

कोई क्रेडिट कार्ड खाता तीन दिनों से अधिक समय तक 'पिछले देय' रहने पर ही कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड खाते को क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को 'पिछले देय' के रूप में रिपोर्ट करेंगे या देर से भुगतान शुल्क और अन्य संबंधित शुल्क जैसे दंडात्मक शुल्क लगायेंगे। हालांकि, 'बकाया दिनों' और देर से भुगतान शुल्क की गणना 'आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और प्रावधान से संबंधित विवेकपूर्ण मानदंडों' पर विनियामकीय अनुदेशों, समय-समय पर संशोधित, के अंतर्गत विनिर्दिष्ट अनुसार क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट में उल्लिखित भुगतान की देय तिथि से की जाएगी। दंडात्मक ब्याज, विलम्ब भुगतान प्रभार और अन्य संबंधित प्रभार केवल देय तिथि के बाद की बकाया राशि पर ही लगाए जाएंगे न कि कुल राशि पर।

कोई क्रेडिट कार्ड खाता तीन दिनों से अधिक समय तक 'पिछले देय' रहने पर ही कार्ड-जारीकर्ता क्रेडिट कार्ड खाते को क्रेडिट सूचना कंपनियों (सीआईसी) को 'पिछले देय' के रूप में रिपोर्ट करेंगे या देर से भुगतान शुल्क और अन्य संबंधित शुल्क जैसे दंडात्मक शुल्क लगायेंगे। हालाँकि, 'बकाया दिनों' की संख्या और देर से भुगतान शुल्क की गणना क्रेडिट कार्ड विवरण में उल्लिखित भुगतान की देय तिथि से की जाएगी, जैसा कि समय-समय पर संशोधित 'आय पहचान, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधान पर विवेकपूर्ण मानदंडों' पर विनियामकीय अनुदेशों के अंतर्गत निर्दिष्ट किया गया है। विलंबित भुगतान प्रभार और अन्य संबंधित शुल्क केवल नियत तारीख के बाद बकाया राशि पर लगाए जाएंगे, न कि कुल देय राशि पर।

10(घ)1

कार्ड-जारीकर्ता जारी किए गए सभी क्रेडिट कार्डों के लिए एक मानक बिलिंग चक्र का पालन नहीं करते हैं। इस संबंध में लचीलापन प्रदान करने के लिए, कार्डधारकों को उनकी सुविधा के अनुसार क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र को संशोधित करने का एक बारगी विकल्प प्रदान किया जाएगा।

कार्ड-जारीकर्ता द्वारा जारी किए गए सभी क्रेडिट कार्डों के लिए मानक बिलिंग चक्र का पालन नहीं किया जाता हैं। इस संबंध में लचीलापन प्रदान करने के लिए, कार्ड-जारीकर्ता को कार्डधारकों की सुविधा के अनुसार, क्रेडिट कार्ड के बिलिंग चक्र को कम से कम एक बार संशोधित करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा।

12(ख)

क्रेडिट कार्डधारक की डिफ़ॉल्ट स्थिति के संबंध में क्रेडिट सूचना कंपनी को रिपोर्ट करने से पहले, कार्ड-जारीकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि वे क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनी को चूककर्ता के रूप में रिपोर्ट करने के इरादे के बारे में कार्डधारक को सात दिन की नोटिस अवधि जारी करने सहित अपने बोर्ड द्वारा विधिवत अनुमोदित एक प्रक्रिया का पालन करते हैं। यदि डिफॉल्टर के रूप में रिपोर्ट किए जाने के बाद ग्राहक अपनी बकाया राशि का निपटान करता है, तो कार्ड-जारीकर्ता निपटान की तारीख से 30 दिनों के भीतर स्थिति को अद्यतन करेगा। कार्ड-जारीकर्ता उन कार्डों के मामले में विशेष रूप से सावधान रहेंगे जहां विवाद लंबित हैं। सूचना का खुलासा/प्रकटीकरण, विशेष रूप से डिफ़ॉल्ट के बारे में, विवाद के निपटारे के बाद ही किया जाएगा। सभी मामलों में, अच्छी तरह से निर्धारित प्रक्रिया का पारदर्शी रूप से पालन किया जाएगा और इसे एमआईटीसी का हिस्सा बनाया जाएगा।

क्रेडिट सूचना कंपनी (सीआईसी) को क्रेडिट कार्डधारक की डिफ़ॉल्ट स्थिति रिपोर्ट करने से पहले, कार्ड जारीकर्ता यह सुनिश्चित करेंगे कि वे अपने बोर्ड द्वारा अनुमोदित प्रक्रिया का पालन करें, और स्थिति की रिपोर्ट करने से पहले कार्डधारक को सूचित करें। यदि ग्राहक डिफॉल्टर के रूप में रिपोर्ट किए जाने के बाद अपने बकाए का निपटान करता है, तो कार्ड-जारीकर्ता निपटान की तारीख से 30 दिनों के भीतर सीआईसी के साथ स्थिति को अद्यतन  करेगा। कार्ड-जारीकर्ता उन कार्डों के मामले में विशेष रूप से सावधान रहेंगे जहां विवाद लंबित हैं। सूचना का खुलासा/प्रकटीकरण, विशेष रूप से डिफ़ॉल्ट के बारे में, विवाद के निपटारे के बाद ही किया जाएगा। सभी मामलों में, अच्छी तरह से निर्धारित प्रक्रिया का पारदर्शी रूप से पालन किया जाएगा और इसे एमआईटीसी का हिस्सा बनाया जाएगा।

14(ग)

कोई भी बैंक नकद क्रेडिट/ऋण खाताधारकों को डेबिट कार्ड जारी नहीं करेगा। हालांकि, यह बैंकों को प्रधान मंत्री जन धन योजना खातों के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा को डेबिट कार्ड से जोड़ने से नहीं रोकेगा।

कोई भी बैंक नकद क्रेडिट/ऋण खातों  के लिए डेबिट कार्ड जारी नहीं करेगा। हालांकि, यह बैंकों को किसान क्रेडिट कार्ड खातों या प्रधान मंत्री जन धन योजना खातों के साथ प्रदान की गई ओवरड्राफ्ट सुविधा को डेबिट कार्ड से जोड़ने से नहीं रोकेगा।

152

15. अन्य फॉर्म फैक्टर
(क) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अलावा) ग्राहक से स्पष्ट सहमति प्राप्त करने के बाद प्लास्टिक डेबिट कार्ड की जगह वियरेबल्स जैसे अन्य फॉर्म फैक्टर जारी कर सकते हैं।
(ख) डेबिट कार्ड के स्थान पर जारी किए गए फॉर्म फैक्टर डेबिट कार्ड पर लागू विशिष्ट और सामान्य दिशानिर्देशों के अधीन होंगे।
(ग) बैंक मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, एसएमएस, आईवीआर या किसी अन्य मोड के माध्यम से फॉर्म फैक्टर को अक्षम या अवरुद्ध करने के विकल्प प्रदान करेंगे।
(घ) बैंक इस तरह के किसी भी फॉर्म फैक्टर को जारी करने से पहले, विनियमन विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। कोई भी बैंक जिसने मास्टर निदेश की प्रभावी तिथि से पहले ही ऐसा उत्पाद जारी कर दिया है, प्रभावी तिथि से 30 दिनों के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट विनियमन विभाग को प्रस्तुत करेगा।

अध्याय  – IV
16. फॉर्म फैक्टर जारी करना
(क) ग्राहक से स्पष्ट सहमति प्राप्त करने के बाद, कार्ड-जारीकर्ता द्वारा प्लास्टिक डेबिट/क्रेडिट कार्ड के स्थान पर/अतिरिक्त अन्य फॉर्म फैक्टर, जैसे की वियरेबल्स, जारी किए जा सकते हैं।  
(ख) फॉर्म फैक्टर, संबंधित कार्डों पर लागू होने वाले सभी विशिष्ट और सामान्य दिशानिर्देशों, के अधीन होंगे।
(ग) कार्ड-जारीकर्ता रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुरूप फॉर्म फैक्टर को अक्षम या अवरुद्ध करने के विकल्प प्रदान करेंगे।

17(ख)

सह-ब्रैंड क्रेडिट/डेबिट कार्ड स्पष्ट रूप से व्यक्त करेगा कि कार्ड सह-ब्रैंडिंग व्यवस्था के अंतर्गत जारी किया गया है। सह-ब्रैंडिंग भागीदार सह-ब्रैंड कार्ड को अपने उत्पाद के रूप में विज्ञापित/विपणन नहीं करेगा। सभी मार्केटिंग/विज्ञापन सामग्री में कार्ड जारीकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से दिखाया जाएगा।

सह-ब्रांडेड कार्ड में यह स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा कि कार्ड सह-ब्रांडिंग व्यवस्था के अंतर्गत जारी किया गया है। सह-ब्रांडिंग भागीदार सह-ब्रांडेड कार्ड का अपने उत्पाद के रूप में विज्ञापन/विपणन नहीं करेगा। सभी विपणन/विज्ञापन सामग्री में कार्ड जारीकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से दिखाया जाएगा।

21(ख)

सह-ब्रैंडिंग भीगीदार को को-ब्रांडेड कार्ड के माध्यम से किए गए लेनदेन से संबंधित जानकारी तक पहुंच नहीं होगी। कार्ड जारी होने के बाद, सह-ब्रैंडिंग भागीदार को सिवाय शिकायत के मामले में संपर्क का प्रारंभिक बिंदु बनाने को छोड़कर सह-ब्रैंडिंग कार्ड से संबंधित किसी भी प्रक्रिया या नियंत्रण में शामिल नहीं किया जाएगा।

सह-ब्रांडिंग भागीदार (सीबीपी) को सह-ब्रांडेड कार्ड के माध्यम से किए गए लेनदेन से संबंधित जानकारी तक पहुंच नहीं होगी। कार्ड जारी होने के बाद, सीबीपी शिकायतों के मामले में संपर्क का प्रारंभिक बिंदु होने के अलावा सह-ब्रांडेड कार्ड से संबंधित किसी भी प्रक्रिया या नियंत्रण में शामिल नहीं होगा। हालाँकि, कार्डधारक की सुविधा के उद्देश्य से, कार्ड लेनदेन से संबंधित डेटा सीधे कार्ड-जारीकर्ता के सिस्टम से एन्क्रिप्टेड रूप में निकाला जाए और मजबूत सुरक्षा के साथ सीबीपी प्लेटफॉर्म पर प्रदर्शित किया जाए। सीबीपी के प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से प्रदर्शित जानकारी केवल कार्डधारक को दिखाई देगी और सीबीपी द्वारा न तो इसे एक्सेस किया जाएगा और न ही संग्रहीत किया जाएगा।

22

क्रेडिट कार्ड के लिए बैंकों और एनबीएफसी के बीच को-ब्रांडिंग व्यवस्था
एनबीएफसी, जो कार्ड जारीकर्ता के साथ क्रेडिट कार्ड जारी करने के लिए सह-ब्रैंडिंग व्यवस्था में आना चाहते हैं, उन्हें समय - समय पर यथासंशोधित एनबीएफसी पर लागू संबंधित मास्टर निदेशों में निहित सह-ब्रैंडिंग क्रेडिट कार्ड जारी करने के दिशानिर्देशों द्वारा भी निर्देशित किया जाएगा।

कार्ड जारीकर्ताओं के साथ सह-ब्रांडिंग
कार्ड जारीकर्ताओं का सह-ब्रांडिंग भागीदार बनने के लिए बैंकों (भुगतान बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों सहित सभी बैंकों) और रिज़र्व बैंक के साथ पंजीकृत एनबीएफसी (एनबीएफसी - आईसीसी, एचएफसी, फैक्टर, एमएफआई और आईएफसी) को पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। सह-ब्रांडिंग भागीदार की भूमिका पैरा 21 के अंतर्गत निर्धारित शर्तों के अनुसार होगी।

23(छ)2

कोई भी कार्ड-जारीकर्ता ग्राहक को बिना मांगे कार्ड नहीं भेजेगा, सिवाय उस स्थिति को छोड़कर जहां कार्ड ग्राहक के पास पहले से मौजूद कार्ड का प्रतिस्थापन/नवीकरण है। यदि ग्राहक के अनुरोध पर कोई कार्ड ब्लॉक किया जाता है, तो ग्राहक की स्पष्ट सहमति से ब्लॉक किए गए कार्ड के स्थान पर प्रतिस्थापन कार्ड जारी किया जाएगा। इसके अलावा, कार्ड जारीकर्ता मौजूदा कार्ड के नवीनीकरण से पहले कार्डधारक की स्पष्ट सहमति प्राप्त करेगा।

कोई भी कार्ड-जारीकर्ता किसी ग्राहक को बिना मांगे कार्ड नहीं भेजेगा। किसी विद्यमान कार्ड के नवीनीकरण के मामले में, कार्डधारक को नवीनीकृत कार्ड भेजने से पहले इसे अस्वीकार करने का विकल्प प्रदान किया जाएगा यदि वह ऐसा करना चाहता/चाहती है। इसके अलावा, यदि कार्डधारक के अनुरोध पर कोई कार्ड ब्लॉक किया जाता है, तो कार्डधारक की स्पष्ट सहमति से ब्लॉक किए गए कार्ड के बदले में प्रतिस्थापन कार्ड जारी किया जाएगा।

26(ग)

कार्ड-जारीकर्ता शिकायतकर्ता को उसके समय, खर्च, वित्तीय नुकसान के साथ-साथ कार्ड-जारीकर्ता की गलती के लिए उसके द्वारा किए गए उत्पीड़न और जहां शिकायत का निराकरण समय पर नहीं किया गया, ग्राहक की मानसिक पीड़ा के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी होगा। यदि शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज कराने की तारीख से अधिकतम एक महीने की अवधि के भीतर कार्ड जारीकर्ता से संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो उसके पास अपने शिकायत के समाधान के लिए संबंधित आरबीआई लोकपाल के कार्यालय से संपर्क करने का विकल्प होगा।

कार्ड-जारीकर्ता शिकायतकर्ता को उसके समय, खर्च, वित्तीय नुकसान के साथ-साथ कार्ड-जारीकर्ता की गलती के लिए उसके द्वारा किए गए उत्पीड़न और जहां शिकायत का निराकरण समय पर नहीं किया गया, ग्राहक की मानसिक पीड़ा के लिए क्षतिपूर्ति करने के लिए उत्तरदायी होगा। यदि किसी शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करने की तारीख से अधिकतम 30 दिनों की अवधि के भीतर कार्ड-जारीकर्ता से संतोषजनक प्रतिक्रिया नहीं मिलती है, तो उसके पास अपनी शिकायत के निवारण के लिए एकीकृत लोकपाल योजना के अंतर्गत आरबीआई लोकपाल के कार्यालय से संपर्क करने का विकल्प होगा।

27(क)

कार्ड-जारीकर्ता खाता खोलने या कार्ड जारी करने के समय प्राप्त ग्राहकों से संबंधित किसी भी जानकारी, वह जानकारी कि‍स प्रयोजन के लि‍ए उपयोग में लायी जाएगी तथा कि‍न संगठनों के साथ बांटी जाएगी, इस संबंध में ग्राहकों की वि‍शि‍ष्ट अनुमति‍ प्राप्त कि‍ए बि‍ना कि‍सी अन्य व्यक्ति‍ अथवा संगठन को बतायी न जाए। कार्ड-जारीकर्ता डेटा सुरक्षा पर मौजूदा कानूनी ढांचे का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, ऐसे मामले में जहां ग्राहक अन्य एजेंसियों के साथ जानकारी साझा करने के लिए स्पष्ट सहमति देते हैं, कार्ड जारीकर्ता स्पष्ट रूप से ग्राहक को प्रकटीकरण खंड का पूरा अर्थ / निहितार्थ स्पष्ट रूप से बताएंगे और समझाएंगे। ग्राहकों से मांगी गई जानकारी ऐसी प्रकृति की नहीं होगी जो लेनदेन में गोपनीयता बनाए रखने से संबंधित कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करेगी। कार्ड-जारीकर्ता इस उद्देश्य के लिए प्रदान किए गए डेटा की शुद्धता या अन्यथा के लिए पूरी तरह जिम्मेदार होंगे।

कार्ड-जारीकर्ता खाता खोलने या कार्ड जारी करने के समय प्राप्त ग्राहकों से संबंधित किसी भी जानकारी, वह जानकारी कि‍स प्रयोजन के लि‍ए उपयोग में लायी जाएगी तथा कि‍न संगठनों के साथ बांटी जाएगी, इस संबंध में ग्राहकों की वि‍शि‍ष्ट अनुमति‍ प्राप्त कि‍ए बि‍ना कि‍सी अन्य व्यक्ति‍ अथवा संगठन को बतायी न जाए। कार्ड जारीकर्ता द्वारा डेटा सुरक्षा पर विद्यमान कानूनी ढांचे का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, ऐसे मामले में जहां ग्राहक उनके द्वारा प्रदान की गई जानकारी को अन्य एजेंसियों के साथ साझा करने के लिए स्पष्ट सहमति देते हैं, कार्ड जारीकर्ता द्वारा ग्राहक को प्रकटीकरण खंड का पूरा अर्थ/निहितार्थ स्पष्ट रूप से बताना और समझाना होगा। ग्राहकों से मांगी गई जानकारी ऐसी प्रकृति की नहीं होनी चाहिए जो लेनदेन में गोपनीयता बनाए रखने से संबंधित कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करें। कार्ड-जारीकर्ता इस उद्देश्य के लिए प्रदान किए गए डेटा की शुद्धता या अन्यथा के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।

27(ग)

कार्ड-जारीकर्ता, जिन्हें पूर्व में सह-ब्रांड डेबिट कार्ड जारी करने के लिए विशिष्ट अनुमोदन प्रदान किया गया था, को यह सुनिश्चित करने हेतु सूचित किया जाता है कि सह-ब्रैंडिंग व्यवस्था उक्त अध्याय IV के अंतर्गत जारी अनुदेशों के अनुरूप है। यदि सह-ब्रैंडिंग व्यवस्था दो बैंकों के बीच है, तो कार्ड जारी करने वाला बैंक संबंधित अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

ऐसे कार्ड-जारीकर्ता, जिन्हें पूर्व में सह-ब्रांडेड कार्ड जारी करने के लिए विशिष्ट अनुमोदन प्रदान किया गया था, उन्हें सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि सह-ब्रांडिंग व्यवस्था उपर्युक्त अध्याय V के अंतर्गत जारी अनुदेशों के अनुरूप है। तो कार्ड जारी करने वाला बैंक संबंधित अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा।

28

कार्ड-जारीकर्ता समय-समय पर संशोधित "वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता" पर दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित करेंगे।

कार्ड जारीकर्ता द्वारा समय-समय पर संशोधित 'सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं की आउटसोर्सिंग' पर दिनांक 10 अप्रैल 2023 को जारी मास्टर निदेश डीओएस. केंका. सीएसआईटीईजी /एसईसी .1/ 31. 01. 015/2023-24 और 'वित्तीय सेवाओं की आउटसोर्सिंग में जोखिम प्रबंधन और आचार संहिता पर दिशानिर्देशों' का पालन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके अलावा, कार्ड-जारीकर्ता द्वारा कार्डधारकों के कार्ड डेटा (लेन-देन डेटा सहित) को आउटसोर्सिंग भागीदारों के साथ तब तक साझा नहीं किया जाएगा, जब तक कि ऐसे डेटा को साझा करना आउटसोर्सिंग भागीदारों को सौंपे गए कार्यों के निर्वहन के लिए आवश्यक न हो। जैसा कि ऊपर बताया गया है, किसी भी डेटा को साझा करने के मामले में, कार्डधारक से स्पष्ट सहमति प्राप्त की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कार्ड डेटा का भंडारण और स्वामित्व कार्ड जारीकर्ता के पास ही रहे।

II. एमडी में जोड़े गए नए प्रावधान

निम्नलिखित प्रावधान जोड़े गए हैं:

  1. पैरा 3(क)(xxi) - कुल देय राशि बिलिंग चक्र के अंत में उत्पन्न क्रेडिट कार्ड विवरण के अनुसार कार्डधारक द्वारा देय कुल राशि (बिलिंग चक्र के दौरान प्राप्त क्रेडिट का निवल, यदि कोई हो) है। 
  2. पैरा 9(ख)(vi) - ब्याज केवल बकाया राशि पर लगाया जाएगा, जिसे भुगतान/रिफंड/रिवर्स लेनदेन के लिए समायोजित किया जाएगा।
  3. पैरा 10(ग) - कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपनी वेबसाइटों और बिलिंग विवरणों में क्रेडिट कार्ड बकाया का भुगतान करने के लिए उनके द्वारा अधिकृत भुगतान मोड की सूची प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, कार्ड जारीकर्ता द्वारा कार्डधारकों को सूचित किया जाएगा कि वे उचित सावधानी बरतें और उनके द्वारा अधिकृत तरीकों के अलावा अन्य तरीकों से भुगतान करने से बचें।
  4. पैरा 10(ड़) - क्रेडिट कार्ड खाते से कोई भी डेबिट रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर निर्धारित प्रमाणीकरण ढांचे के अनुसार किया जाएगा, न कि किसी अन्य मोड/उपकरण के माध्यम से।
  5. पैरा 10(झ) - व्यावसायिक क्रेडिट कार्ड के लिए, जिसमें देनदारी पूरी तरह से कॉर्पोरेट अथवा व्यावसायिक इकाई (प्रमुख खाताधारक) के पास होती है, बकाया राशि के भुगतान और रिफंड के समायोजन के लिए प्रदान की गई समय-सीमा कार्ड-जारीकर्ता और प्रमुख खाताधारक के बीच सहमति के अनुसार हो सकती है।
  6. पैरा 23(घ) - यदि कार्ड जारीकर्ता द्वारा अपने विवेक से डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड को ब्लॉक/निष्क्रिय/निलंबित करने का निर्णय लिया जाता है, तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके बोर्ड द्वारा अनुमोदित मानक संचालन प्रक्रिया का पालन किया गया है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी कार्ड को ब्लॉक/निष्क्रिय/निलंबित करने अथवा किसी भी कार्ड पर उपलब्ध लाभों को वापस लेने की सूचना कारणों सहित कार्डधारक को इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों (एसएमएस, ईमेल, आदि) और अन्य उपलब्ध तरीकों के माध्यम से तुरंत दी जाए।

III. परिपत्र/पैराग्राफ का निरसन (समाप्त करना)

इन निदेशों के जारी होने के साथ निम्नलिखित परिपत्र/पैराग्राफ निरस्त किए जाते हैं:

परिपत्र/पैराग्राफ

दिनांक

विषय

आरपीसीडी. सीओ आरएफ. बीसी. सं. 2/07.06.00/2005-06

17 सितंबर 2005

सह-ब्रांडेड घरेलू क्रेडिट कार्ड व्यवसाय को मंजूरी

सबैंविवि. केंका. बीपीडी. (एससीबी). सं.1/13.05.000/2014-15

30 अप्रैल 2015

प्रथम द्विमासिक मौद्रिक नीति वक्तव्य 2015-16 - अनुसूचित शहरी सहकारी बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड जारी करना

मास्टर निदेश का पैराग्राफ 60 और अनुबंध XVII - भारतीय रिज़र्व बैंक (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी- स्केल आधारित विनियमन) दिशानिर्देश, 2023

19 अक्तूबर 2023

सह-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड जारी करना

 

1 मास्टर निदेश के पैरा 10 के अंतर्गत नए प्रावधान जोड़े गए हैं, इसलिए इस प्रावधान की पैरा संख्या 10(च) हो गई है।

2 पैरा को मास्टर निदेश के एक अलग अध्याय IV में स्थानांतरित कर दिया गया है।

3 मास्टर निदेश के पैरा 23 के अंतर्गत एक नया प्रावधान जोड़ा गया है, इसलिए इस प्रावधान की पैरा संख्या 23(ज) हो गई है।

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