निदेश में संशोधन – फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की शमन
भा.रि.बैंक/विमुवि/2025-26/29 22 अप्रैल 2025 सेवा में, सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक और प्राधिकृत बैंक महोदया / महोदय, निदेश में संशोधन – फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों की शमन प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I (एडी श्रेणी-I) बैंकों का ध्यान फेमा, 1999 के अंतर्गत उल्लंघनों के शमन हेतु दिनांक 1 अक्टूबर 2024 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 17/2024-25 के माध्यम से जारी दिशानिर्देश की ओर आकर्षित किया जाता है। 2. उक्त परिपत्र के पैराग्राफ 5.4.II.v में निहित प्रावधान, जिसके तहत उल्लंघन के लिए देय राशि (‘शमन राशि’) को पहले के शमन आदेश से जोड़ा जाना था, उसीकी समीक्षा की गई है। ऐसे मामलों में, यह माना जाएगा कि आवेदक ने नया आवेदन किया है, तथा देय शमन राशि को पहले के शमन आदेश से नहीं जोड़ा जाएगा। तदनुसार, 1 अक्टूबर 2024 के ए.पी. (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 17/2024-25 के पैराग्राफ 5.4.II.v को हटा दिया गया है। 3. इसके अलावा, उक्त परिपत्र के अनुबंध-I के भाग-बी में दिए गए अनुदेशों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से भुगतान करते समय, आवेदकों को प्रस्तुत किए गए शमन आवेदनों के एवज़ में प्राप्त आवेदन शुल्क/शमन राशि का मिलान करने के लिए रिज़र्व बैंक के संबंधित कार्यालय को ई-मेल भेजना अनिवार्य है। 4. तथापि, यह देखा गया है कि कुछ मामलों में आवेदक रिज़र्व बैंक के सही कार्यालय में भुगतान नहीं करते हैं और/या आवेदन शुल्क का भुगतान करने के बाद शमन आवेदन जमा करने में विलंब होता है। इन चुनौतियों के कारण प्राप्त राशियों के मिलान में कठिनाई होती है और यह शमन आवेदनों के संसाधन में देरी का कारण बनती है। इन चुनौतियों का समाधान करने तथा शमन आवेदनों के संसाधन में लगने वाले समय को कम करने के लिए, उक्त परिपत्र के अनुबंध-I के भाग बी में निम्नलिखित अतिरिक्त विवरण शामिल करने का निर्णय लिया गया है:
5. एपी (डीआईआर सीरीज़) परिपत्र संख्या 17/2024-25 दिनांक 1 अक्टूबर 2024 के माध्यम से जारी 'फेमा, 1999 के तहत उल्लंघनों के शमन पर निदेश' को तदनुसार उपरोक्त परिवर्तनों को दर्शाने के लिए अद्यतन किया जाएगा। 6. सभी प्राधिकृत श्रेणी-I बैंक और प्राधिकृत बैंक इस परिपत्र में निहित दिशानिर्देश को अपने घटकों के ध्यान में लाएं। भवदीय (डॉ. आदित्य गेहा) |
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