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धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - धन अंतरण सेवा योजना के तहत सीमापार (क्रास बॉर्डर) से आवक धनप्रेषण

भारिबैंक/2013-14/225
ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 35

4 सितंबर 2013

सभी प्राधिकृत व्यक्ति, जो धन अंतरण सेवा योजना के तहत भारतीय एजेंट हैं

महोदया/महोदय,

धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने
संबंधी मानक - धन अंतरण सेवा योजना के तहत सीमापार (क्रास बॉर्डर) से आवक धनप्रेषण

कृपया 2 मई 2013 का ए.पी. (डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 102 देखें, जो कतिपय क्षेत्राधिकारों की एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में कमियों के कारण उत्पन्न जोखिमों के संबंध में था ।

2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने 21 जून 2013 को इस विषय पर अपना विवरण और 'Improving Global AML/CFT Compliance: ongoing process' दस्तावेज अद्यतन किया है। उक्त विवरण/दस्तावेज निम्नलिखित यूआरएल से भी प्राप्त किया जा सकता है :
http://www.fatf-gafi.org/topics/key/public-statement-june-2013.html तथा
http://www.fatf-gafi.org/topics/high-riskandnon-cooperativejurisdictions/documents/compliance-june-2013.html

3. प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंटों) को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे संलग्न विवरण में निहित जानकारी पर ध्यान दें।

4. तथापि, यह प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंटों) को इन देशों और क्षेत्राधिकारों के साथ वैध लेनदेन करने से बाधित नहीं करता है।

5. ये दिशानिर्देश धन अंतरण सेवा योजना (एमटीएसएस) के तहत भारतीय एजेंटों के सभी उप-एजेंटों पर भी यथोचित परिवर्तनों सहित लागू होंगे तथा प्राधिकृत व्यक्तियों (भारतीय एजेंटों) का ही यह सुनिश्चित करने का उत्तरदायित्व होगा कि उनके उप-एजेंट भी इन दिशानिर्देशों का पालन करते हैं ।

6. प्राधिकृत व्यक्ति (भारतीय एजेंट) इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत करायें ।

7. कृपया अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें।

8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरूप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं ।

भवदीय,

(रुद्र नारायण कर)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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