RbiSearchHeader

Press escape key to go back

पिछली खोज

थीम
थीम
टेक्स्ट का साइज़
टेक्स्ट का साइज़
S1

Notification Marquee

आरबीआई की घोषणाएं
आरबीआई की घोषणाएं

RbiAnnouncementWeb

RBI Announcements
RBI Announcements

असेट प्रकाशक

79286032

खातों की वार्षिक लेखाबंदी - चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय करों की प्राप्ति की व्यवस्था

आरबीआई/2004/121
स्पीड पोस्ट/कूरियर/फैक्स द्वारा
डीजीबीए.जीएडी.संख्या एच-972/42.01.029/2003-04

26 मार्च, 2004

अध्यक्ष/अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/
प्रबंध निदेशक
भारतीय स्टेट बैंक और उसके सहयोगी बैंक
सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
जम्मू एंड कश्मीर बैंक लिमिटेड
एचडीएफसी बैंक लिमिटेड/आईडीबीआई बैंक लिमिटेड
यूटीआई बैंक लिमिटेड/आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड

महोदय,

खातों की वार्षिक लेखाबंदी - चालू वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय करों की प्राप्ति की व्यवस्था

हमें मुख्य आयकर आयुक्त, मुंबई से अनुरोध प्राप्त हुआ है कि करदाताओं की सुविधा के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालय और सरकारी व्यवसाय करने वाली एजेंसी बैंकों की शाखाएं 30 मार्च, 2004 (मंगलवार/अवकाश) को खुली रखी जाए। चालू वित्तीय वर्ष (2003-04) के लिए सरकारी खातों के लेखा बंदी के कारण अपेक्षित भीड़ से निपटने के लिए, यह निर्णय लिया गया है कि करदाताओं द्वारा करों के भुगतान की सुविधा के लिए एजेंसी बैंकों और रिज़र्व बैंक कार्यालयों को निम्नलिखित व्यवस्था करनी चाहिए:

1. 30 मार्च, 2004 (मंगलवार/अवकाश) और 31 मार्च, 2004 (बुधवार)

(i) मुंबई/नवी मुंबई में भारतीय रिज़र्व बैंक के कार्यालयों और एजेंसी बैंकों की शाखाओं को 30 मार्च, 2004 (मंगलवार/अवकाश) को प्रत्यक्ष कर संग्रहण के लिए प्राधिकृत अपनी शाखाएं खुली रखनी चाहिए और करदाताओं को 30 और 31 मार्च, 2004 दोनों दिन कर जमा करने के लिए सभी सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। करों के भुगतान के लिए सरकार की आवश्यकताओं और करदाताओं की भीड़ के आधार पर, बैंकिंग कार्यकाल को उपयुक्त रूप से बढ़ाया जाना चाहिए और इस उद्देश्य के लिए काउंटर खुले रखे जाने चाहिए। किसी भी करदाता को कर का भुगतान किए बिना बैंक से वापस नहीं भेजा जाना चाहिए।

2. एजेंसी बैंकों द्वारा सभी प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों, अंग्रेज़ी, हिन्दी/ मातृ भाषा में जनता और करदाताओं की जानकारी के लिए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जा सकती है, जिसमें मुंबई में एजेंसी बैंकों की शाखाओं के नाम अधिसूचित किए जा सकते हैं, जिन्हें कर स्वीकार करने के लिए नामित किया गया है, ताकि बैंकों पर दबाव समान रूप से वितरित किया जा सके।

3. उपर्युक्त अनुदेश केवल करों के संग्रहण पर लागू होते हैं।

भवदीय
ह/-
(आर.सी. दास)
महाप्रबंधक

RbiTtsCommonUtility

प्ले हो रहा है
सुनें

संबंधित एसेट

आरबीआई-इंस्टॉल-आरबीआई-सामग्री-वैश्विक

RbiSocialMediaUtility

आरबीआई मोबाइल एप्लीकेशन इंस्टॉल करें और लेटेस्ट न्यूज़ का तुरंत एक्सेस पाएं!

Scan Your QR code to Install our app

RbiWasItHelpfulUtility

क्या यह पेज उपयोगी था?