सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी - केंद्र/राज्य सरकारों के लेन-देन - चालू वित्त वर्ष (2006-07) के लिए विशेष उपाय - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी - केंद्र/राज्य सरकारों के लेन-देन - चालू वित्त वर्ष (2006-07) के लिए विशेष उपाय
आरबीआई/2006-2007/293 23 मार्च, 2007 अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक / महोदय, सरकारी खातों की वार्षिक लेखाबंदी - केंद्र/राज्य सरकारों के लेन-देन भारत सरकार की इच्छा के अनुसार चालू वित्त वर्ष (2006-07) के सभी सरकारी लेन-देन के लिए 31 मार्च, 2007 तक लेखांकन को सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से और वर्ष के अंत में करदाताओं की संभावित भीड़ को संभालने के लिए, भारत सरकार के महालेखा नियंत्रक के परामर्श से यह निर्णय लिया गया है कि सरकारी लेनदेन के संचालन के संबंध में निम्नलिखित विशेष उपाय किए जाएं: i) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सभी क्षेत्रीय कार्यालय और सरकारी कारोबार करने वाले एजेंसी बैंकों की शाखाएं 26 मार्च, 2007 से 31 मार्च, 2007 तक इस प्रयोजनार्थ अपने काउंटर खुले रखकर सरकारी कामकाज करने के लिए बैंकिंग समय को उपयुक्त रूप से बढ़ाएंगी ताकि देर तक जनता से कर आदि प्राप्त किया जा सके। ii) भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय और सरकारी कारोबार करने वाले एजेंसी बैंकों की शाखाएं उन राज्यों में भी अपने काउंटर खुले रखेंगी जहां 31 मार्च, 2007 को परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act) के तहत अवकाश घोषित किया गया है और उपरोक्त पैरा (i) में बताए अनुसार सरकारी लेनदेन करेंगे। iii) स्थानीय केन्द्रों पर प्रचालनिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक/एजेंसी बैंक द्वारा संचालित स्थानीय समाशोधन गृहों के अध्यक्ष के अनुमोदन से 30 और 31 मार्च, 2007 की शाम/रात को विशेष समाशोधन (रिटर्न समाशोधन के साथ) आयोजित किया जाएगा ताकि जनगणों से प्राप्त समाशोधन लिखतों को वसूल किया जा सके और 31 मार्च 2007 तक सरकारी खाते में जमा कराया जा सके। 2. आपसे अनुरोध है कि सभी संबंधितों को तत्काल निर्देश जारी करें और उपरोक्त निर्देशों को लागू करें। 3. कृपया प्राप्ति-सूचना दें। सादर, (एम.टी. वर्गीज) |