धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानक - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां
भारिबैंक/2011-12/185 19 सितंबर 2011 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/महोदय, धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान 20 मई 2011 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.63 की ओर आकृष्ट किया जाता है जो ईरान और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) के एएमएल/सीएफटी व्यवस्था में कमियों के कारण उत्पन्न जोखिमों के संबंध में था। 2. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने इस विषय पर 24 जून 2011 को एक और विवरण जारी किया है (प्रतिलिपि संलग्न) जिसमें अपने सदस्यों तथा अन्य क्षेत्राधिकारों से अपील किया है कि वे ईरान और डेमोक्रेटिक पीपल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके)से उत्पन्न होने वाले धन शोधन और आतंकवाद के लगातार भारी वित्तपोषण एवं जोखिम से अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली के संरक्षण के लिए प्रत्युपाय लागू करें । 3. यह सूचना प्राधिकृत व्यक्तियों को ईरान के साथ वैध व्यापार तथा कारोबारी लेनदेन करने पर रोक नहीं लगाती है । 4. वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने एएमएल/सीएफटी प्रणाली में समय-समय पर पायी गयी कमियों वाले अधिकार क्षेत्रों की भी पहचान की है, जिन्होंने कमियां दूर करने में पर्याप्त प्रगति नहीं की है अथवा कमियां दूर करने के लिए वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के साथ कोई कार्य योजना नहीं बनायी है । वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने विवरण में यथा वर्णित प्रत्येक क्षेत्राधिकार: बोलिविया, क्यूबा, इथियोपिया, केन्या, म्यांमार, श्रीलंका, सीरिया एवं तुर्की में पायी गयी कमियों से उत्पन्न होने वाले जोखिमों पर विचार करने के लिए अपने सदस्यों का आह्वान किया है । 5. तदनुसार प्राधिकृत व्यक्तियों को सूचित किया जाता है कि वे इन देशों/क्षेत्राधिकार के तहत आने वाले देशों से अथवा देशों में व्यक्तियों (विधिक व्यक्ति और अन्य वित्तीय संस्थाओं सहित) के साथ व्यवसाय संबंध तथा लेनदेन करते समय इन देशों की एएमएल/सीएफटी प्रणाली में कमियों से उत्पन्न जोखिमों पर ध्यान दें। 6. प्राधिकृत व्यक्ति इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों/ग्राहकों को अवगत करायें । 7. कृपया आप अपने प्रधान अधिकारी को इस परिपत्र की प्राप्ति सूचना देने के लिए सूचित करें । 8. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11 (1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरुप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के तहत जारी किये गये हैं । इन दिशा-निर्देशों का अनुपालन न करने पर संबंधित अधिनियमों अथवा उसके तहत बनाये गये नियमों के दंडात्मक प्रावधानों को लागू किया जा सकता है । भवदीया, (मीना हेमचंद्र) |