धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानदण्ड - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) करने संबंधी मानदण्ड - मुद्रा परिवर्तन संबंधी गतिविधियां
भारिबैंक/2014-15/433 28 जनवरी 2015 सभी प्राधिकृत व्यक्ति महोदया/प्रिय महोदय, धन शोधन निवारण (एएमएल) मानक/आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध कृपया कतिपय क्षेत्राधिकारों में एएमएल/सीएफटी व्यवस्था के अनुपालन में कमी से उत्पन्न होने वाले जोखिमों के संबंध में जारी 4 सितंबर 2013 के हमारे ए.पी.(डीआईआर सीरीज) परिपत्र सं. 34 का अवलोकन करें। 2. वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने इस विषय पर अपना विवरण एवं 'Improving Global AML/CFT Compliance: on-going process' दस्तावेज को 24 अक्तूबर 2014 को अद्यतन किया है। उक्त विवरण/दस्तावेज निम्नलिखित यूआरएल से भी प्राप्त किया जा सकता है: http://www.fatf-gafi.org/documents/documents/fatf-compliance-oct-2014.html तथा 3. प्राधिकृत व्यक्तियों को तदनुसार सूचित किया जाता है कि वे संलग्न विवरण में निहित जानकारी पर ध्यान दें। 4. तथापि, यह प्राधिकृत व्यक्तियों को इन देशों और क्षेत्राधिकारों के साथ वैध लेनदेन करने से बाधित नहीं करता है। 5. ये दिशानिर्देश, आवश्यक परिवर्तनों सहित, प्राधिकृत व्यक्तियों के सभी एजेंटों/फ्रेंचाइज़ियों पर भी लागू होंगे एवं फ्रेंचाइज़रों की यह संपूर्ण जिम्मेदारी होगी कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके सभी एजेंट/फ्रेंचाइज़ी भी इन दिशानिर्देशों का अनुपालन करें। 6. प्राधिकृत व्यक्ति इस पिरपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित घटकों को अवगत कराएं। 7. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) और धन शोधन निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2009 द्वारा यथा संशोधित धन शोधन निवारण अधिनियम, (पीएमएलए), 2002 और समय समय पर यथा संशोधित धन शोधन निवारण (लेनदेनों के स्वरूप और मूल्य संबंधी अभिलेखों के रखरखाव, रखरखाव की प्रक्रिया और पद्धति तथा जानकारी प्रस्तुत करने के लिए समय और बैंकिंग कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और मध्यवर्ती संस्थाओं के ग्राहकों की पहचान के अभिलेखों का सत्यापन और रखरखाव) नियम, 2005 के अंतर्गत और किसी अन्य विधि के अंतर्गत अपेक्षित किसी अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जारी किये गये हैं। भवदीय, (बी॰पी॰कानूनगो) |