धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत - आरबीआई - Reserve Bank of India
धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत
भारतीय रिज़र्व बैंक आरबीआइ/2005-06/428 जून 26, 2006 सेवा में महोदया/महोदय धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिडग) मार्गदर्शी सिद्धांत प्राधिकृत व्यक्तियों का ध्यान उपर्युक्त विषय पर दिसंबर 2, 2005 के हमारे ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.18 ज़्ए.पी. (एफएल सिरीज़) परिपत्र सं.01 की ओर आकर्षित किया जाता है। कुछ मार्गदर्शी सिद्धांतों के क्रियान्वयन में प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों द्वारा व्यक्त की गई कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए संलग्नक में दिए गए अनुसार कतिपय अनुदेशों को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है। 2. दिसंबर 2, 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.18 और अन्य अनुवर्ती संशोधनों द्वारा प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों को जारी धनशोधन निवारण के मार्गदर्शी सिद्धांत आवश्यक परिवर्तनों के साथ प्राधिकृत व्यापारी - श्रेणी I और II पर उनके मुद्रा परिवर्तन लेनदेनों के संबंध में लागू होंगे। 3. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं। 4. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों को अनुदेशों के ज्ञापन में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं। 5. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन न करने की स्थिति में पूर्वोक्त अधिनियम की धारा 11(3) के दण्ड प्रावधान के भागी होंगे। भवदीय (एम. सेबेस्टियन)
अनुबंध
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जून 26, 2006 के ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.39 का अनुबंध]
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