प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों (मनी चेंजर्स) के लिए धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिंग) मार्गदर्शी सिद्धांत - आरबीआई - Reserve Bank of India
प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों (मनी चेंजर्स) के लिए धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिंग) मार्गदर्शी सिद्धांत
आरबीआइ/2005-06/224
ए.पी.(डीआइआर सिरीज़) परिपत्र सं.18
ए.पी.(एफएल सिरीजॅ) परिपत्र सं. 01
दिसम्बर 02, 2005
सेवा में
सभी प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक (मनी चेंजर्स)
महोदया / महोदय
प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों (मनी चेंजर्स) के लिए धन शोधन निवारण (एंटी मनी लाउंडरिंग) मार्गदर्शी सिद्धांत
प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों का ध्यान मुद्रा परिवर्तन लेनदेन करते समय उनके द्वारा अनुपालन किए जानेवाले प्रक्रिया संबंधी अनुदेशों के ज्ञापन की ओर आकर्षित किया जाता है।
2. धन शोधन कार्यकलाप संबंधी चिन्ताओं में वृद्धि और ऐसे कार्यकलापों के लिए प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के दुरुपयोग किए जाने को रोकने के लिए यह ज़रूरी है कि इस संबंध में सभी प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक उपयुक्त नीति और प्रक्रिया तैयार करें। इस प्रकार तैयार किए गए धन शोधन निवारण उपायों में (i) ग्राहक पहचान प्रक्रिया - "अपने ग्राहकों को जानिए" मानदण्ड (ii) संदिग्ध लेनदेनों की पहचान, संचालन और प्रकटीकरण (iii) धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की नियुक्ति (iv) स्टाफ प्रशिक्षण (v) रिकार्ड का रखरखाव (vi) लेनदेनों का लेखापरीक्षण शामिल किए जाने चाहिए।
3. रिज़र्व बैंक ने विस्तृत धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांत तैयार किए हैं ताकि मुद्रा परिवर्तन लेनदेन करते समय धन शोधन को रोकने के लिए प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक नीति की रूपरेखा और प्रणाली को लागू कर सकें। अत: सभी प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों को यह सूचित किया जाता है कि वे यह सुनिश्चित करें कि संलग्न मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुसार "अपने ग्राहकों को जानिए" और धन शोधन निवारण उपायों के संबंध में उचित नीतिगत रूपरेखा निदेशक बोर्ड के अनुमोदन से तैयार की जाती है और मार्च 31, 2006 से पहले लागू की जाती है।
4. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने संबंधित ग्राहकों को अवगत कराएं।
5. धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांत प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के फ्रांचाईसीज़ को आवश्यक परिवर्तनों सहित लागू होगा तथा यह सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी संबंधित प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों की होगी कि उनके फ्रांचाईसीज़ भी धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन करते हैं।
6. प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों को अनुदेशों के ज्ञापन में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं।
7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं। मार्गदर्शी सिद्धांतों का अनुपालन न करनेवाले उसी अधिनियम की धारा 11(3) के प्रावधानों के तहत दण्ड के पात्र होंगे।
भवदीय
(विनय बैजल)
मुख्य महा प्रबंधक
अनुबंध
प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के लिए धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांत
1. धन शोधन
धन शोधन अपराध की परिभाषा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 3 में इस प्रकार दी गई है "अपराध की आय से संबंधित किसी प्रक्रिया अथवा कार्यकलाप में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त होने की प्रयास करता है अथवा जानबूझकर सहायता करता है अथवा जानबूझकर एक पक्ष बनता है अथवा वास्तव में शामिल है और इसे दोष रहित बताता है, वह धन शोधन अपराध में दोषी होगा"। सामान्य जनता की भाषा में धन शोधन को एक ऐसी प्रक्रिया कहा जा सकता है जिसके द्वारा अपराध की आय के रूप में प्राप्त धन या अन्य परिसंपत्तियों को "क्लीन मनी" अथवा ऐसी अन्य परिसंपत्तियों का जिसका उनके आपराधिक मूल के साथ किसी प्रकार का स्पष्ट संबंध नहीं होता है, में विनिमय किया जाता है।
2. धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांत
धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांतों के निर्धारण का प्रयोजन विदेशी मुद्रा नोटों/ यात्री चेकों की खरीद और/अथवा बिक्री में लगे प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों की प्रणाली को धन शोधन के लिए उपयोग किए जाने से रोकना है। अत: धन शोधन निवारण उपायों में निम्नलिखित शामिल किए जाने चाहिए :
(क) "अपने ग्राहकों को जानिए" मानदण्डों के अनुसार ग्राहकों की पहचान
(ख) संदिग्ध लेनदेनों की पहचान, संचालन और प्रकटीकरण
(ग) धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की नियुक्ति
(घ) स्टाफ प्रशिक्षण
(ङ) रिकार्ड का रखरखाव
(च) लेनदेनों का लेखापरीक्षण
धन शोधन निवारण उपायों के एक उपयुक्त नीतिगत रूपरेखा तैयार करने और उसे लागू करने के लिए प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों को सक्षम बनाने हेतु निम्नलिखित पैराग्राफों में व्यापक मार्गदर्शी सिद्धांत दिए गए हैं।
3. अपने ग्राहकों को जानिए - ग्राहकों की पहचान
ग्राहक की अच्छी पहचान के बाद ही सभी लेनदेन किए जाने चाहिए। प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक मूल दस्तावेज के सत्यापन के बाद पहचान के साक्ष्य की फोटोस्टैट प्रतियां, निश्चित रूप से रखें। दिए गए नाम, पते और पहचान दस्तावेज के पूरे ब्योरे भी रिकार्ड में रखे जाएं। यदि किसी अन्य व्यक्ति की ओर से लेनदेन किया जाता है, तो संबंधित सभी व्यक्तियों के पहचान साक्ष्य रिकार्ड में रखे जाएं।
4. विदेशी मुद्रा की खरीद
(क) 500 अमरीकी डॉलर और इसके समकक्ष राशि तक के विदेशी मुद्रा नोटों और/ अथवा यात्री चेकों की नकदीकरण के लिए पासपोर्ट के प्रस्तुतीकरण की आवश्यकता पर जोर नहीं डाला जाए तथा राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे पहचान के अन्य उपयुक्त दस्तावेज को भी स्वीकृत किया जा सकता है।
(ख) 500 अमरीकी डॉलर अथवा इसके समकक्ष राशि से अधिक के नकदीकरण के लिए ग्राहक की पहचान के सत्यापन हेतु पासपार्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदार पहचान कार्ड, जैसे एक फोटो पहचान दस्तावेज प्राप्त किया जाए।
(ग) नकदी में बिक्री प्राप्तियों के भुगतान के अनुरोध को प्रति लेनदेन 1,000 अमरीकी डॉलर अथवा इसके समकक्ष तक स्वीकृत किया जाए। एक महीने के अंतर के सभी नकदीकरण को इस प्रयोजन के लिए एकल लेनदेन के रूप में समझा जाए। अन्य सभी मामलों में प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक "आदाता के खाते में (एकाउंट पेयी)" चेक/ डिमांड ड्राफ्ट द्वारा ही भुगतान करें।
(घ) किसी अनिवासी अथवा विदेश से लौटनेवाले किसी व्यक्ति द्वारा नकदीकरण के लिए प्रस्तुत किए गए विदेशी मुद्रा की मात्रा करेन्सी डिक्लरेशन फार्म के लिए निर्धारित सीमा से अधिक होने पर प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक निश्चित रूप से करेन्सी डिक्लरेशन फार्म में घोषणा की प्रस्तुति पर जोर दें।
5. शामिल राशि पर ध्यान दिए बगैर विदेशी मुद्रा की बिक्री के सभी मामलों में पहचान के प्रयोजन के लिए ग्राहक के पासपोर्ट पर ज़ोर दिया जाए। विदेशी मुद्रा की बिक्री व्यक्तिगत आवेदन और पहचान पर की जाए। विदेशी मुद्रा की बिक्री के 50,000 रुपये से अधिक के भुगतान केवल आदाता के खाते में चेक/ डिमांड ड्राफ्ट द्वारा ही प्राप्त किए जाएं। एक माह के अंदर किसी व्यक्ति द्वारा किए गए सभी खरीदों को इस प्रयोजन के लिए एकल लेनदेन माना जाए। जहां कहीं आवश्यक हो, नकदीकरण प्रमाणपत्र पर भी ज़ोर दिया जाए।
6. व्यावसायिक संबंध बनाना
किसी कंपनी/फर्म जैसे व्यावसायिक संस्थाओं के नाम, पता और कार्यकलाप जैसे कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत उनके निगमन के प्रमाणपत्र, संस्था के बहिर्नियम और संस्था के अंतर्नियम, फर्म का पंजीकरण प्रमाणपत्र (यदि पंजीकृत है), भागीदारी दस्तावेज, आदि के समर्थन में उपयुक्त दस्तावेजों की प्राप्ति और सत्यापन के बाद ही उनके साथ संबंध बनाए जाने चाहिए। कंपनी/ फर्म की ओर से लेनदेन का कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर्मचारियों के हस्ताक्षर सहित उनके नाम की सूची और उनके पहचान दस्तावेज भी मंगाएं जाएं।
सत्यापन के लिए मंगाए गए सभी दस्तावेजों की प्रतियां रिकार्ड में रखी जाएं।
7. संदिग्ध लेनदेनप्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक यह अवश्य सुनिश्चित करें कि उनके स्टाफ हर समय धन शोधन लेनदेनों के संबंध में सजग हैं। धन शोधन निवारण उपायों का एक महत्वपूर्ण भाग यह निश्चित करना है कि कोई लेनदेन संदिग्ध है या नहीं। कोई लेनदेन उसमें शामिल राशि पर ध्यान दिए बगैर संदिग्ध प्रकार का हो सकता है।
कतिपय संभाव्य संदिग्ध कार्यकलाप के संकेतक नीचे दिए गए हैं :
- ग्राहक तुच्छ आधार पर ब्योरे/ दस्तावेज देने का इच्छुक नहीं है।
- लाभार्थी के पहचान अथवा उनके शामिल होने को छिपाने के लिए एक अथवा एक से अधिक बिचौलियों द्वारा लेनदेन किया जाता है।
- भारी मात्रा में नकदी लेनदेन
- ग्राहक के सामान्य व्यापार को ध्यान में रखते हुए लेनदेन का आकार और आवृत्ति अधिक है।
- किए गए कारोबार की पद्धति में परिवर्तन
- उपयुक्त सूची केवल सांकेतिक है, व्यापक नहीं।
8. धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की नियुक्ति
(क) लेनदेनों पर निगरानी रखने और समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुपालन के सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक एक धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की नियुक्ति करें। धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी संदिग्ध लेनदेन/ लेनदेनों की सूचना वित्तीय आसूना इकाई को देने के लिए भी उत्तरदायी होगा। यदि कोई संदिग्ध लेनदेन किया जाता है/ किए जाते हैं तो धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की पूर्व अनुमति प्राप्त करनी होगी।
(ख) धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की सभी आवश्यक सूचना/ दस्तावेजों तक पर्याप्त पहुंच होनी चाहिए जो उसके दायित्वों को प्रभावपूर्ण ढंग से निभाने में सहायता करेगी।
(ग) धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी के दायित्व में निम्नलिखित को शामिल किया जाए :
- संदिग्ध लेनदेनों का पता लगाने के लिए आवश्यक नियंत्रणों को लागू करना।
- स्टाफ अथवा अन्य लोगों से संदिग्ध लेनदेनों से संबंधित प्रकटीकरण को प्राप्त करना।
- किसी लेनदेन को उपयुक्त प्राधिकारियों के पास सूचित करना है या नहीं, इसका निर्णय लेना।
- संदिग्ध लेनदेनों का पता लगाने के लिए स्टाफ को प्रशिक्षित करना और विस्तृत मार्गदर्शी सिद्धांत/ हैंड बुक तैयार करना।
- धन शोधन को रोकने के लिए प्रणाली और प्रक्रिया की पर्याप्तता अथवा अन्यथा के संबंध वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना और वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तीन महीने के अंदर उसे शीर्ष प्रबंधन को प्रस्तुत करना।
9. संदिग्ध कार्यकलापों की रिपोर्टिंग
- यथासंभव सभी संदिग्ध लेनदेन, उन्हें किए जाने के पहले धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी को सूचित किए जाएं।
- किए गए अथवा न किए गए सभी संदिग्ध लेनदेनों के पूर्ण विवरण लिखित रूप में धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी को रिपोर्ट किए जाएं।
- संदिग्ध लगनेवाला कोई भी लेनदेन धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी के पूर्व अनुमोदन से ही किया जाए।
- यदि धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी पर्याप्त रूप से संतुष्ट है कि संदिग्ध लेनदेन का परिणाम धन शोधन है/ हो सकता है तो वह उपयुक्त प्राधिकरण अर्थात् वित्तीय आसूचना इकाई को रिपोर्ट करें।
10. स्टाफ प्रशिक्षण
धन शोधन निवारण संबंधी नीतियों और प्रक्रियाओं, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों तथा सभी लेनदेनों की निगरानी की आवश्यकता से परिचित कराने के लिए प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तकों के सभी प्रबंधकों और स्टाफ को आवश्यक रूप से प्रशिक्षित किया जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुद्रा परिवर्तन के बहाने किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि नहीं की जा रही है। किसी स्टाफ के सामने संदिग्ध लेनदेन का मामला आने पर की जानेवाली कार्रवाई एएमसी द्वारा सावधानीपूर्वक तैयार की जानी चाहिए और उपयुक्त प्रक्रिया का निर्धारण किया जाना चाहिए। प्राधिकृत मुद्रा परिवर्तक एएमएल उपायों के सतत कार्यान्वयन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम लगातार आयोजित करें।
11. लेखापरीक्षा/ अनुपालन
समवर्ती लेखापरीक्षक सभी लेनदेनों की जांच यह सत्यापन करने के लिए करें कि वे धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुपालन में किए गए हैं और यथा अपेक्षित उनकी रिपोर्टिंग की गई है। चूकों के संबंध में अनुपालन, यदि कोई हो, जिनकी रिपोर्टिंग समवर्ती लेखापरीक्षकों ने ही है, तो उन्हें बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। वार्षिक रिपोर्ट की तैयारी के समय धन शोधन निवारण मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुपालन के संबंध में सांविधिक लेखापरीक्षक से प्राप्त प्रमाणपत्र प्राप्त किया जाए और रिकार्ड में रखा जाए।
12. रिकार्ड का रखरखाव
- निम्नलिखित दस्तावेज पांच वर्षों की न्यूनतम अवधि के लिए सुरक्षित रखी जाए।
- सभी लेनदेनों के संबंध में प्राप्त किए गए पहचान सहित रिकार्ड
- समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित विवरणी/ रजिस्टर
- सभी निरीक्षण/ लेखापरीक्षण/समवर्ती लेखापरीक्षण की रिपोर्टें
- उपर्युक्त पैराग्राफ 8 के अनुसार शीर्ष प्रबंधन को प्रस्तुत किए गए धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी की वार्षिक रिपोर्टें
- धन शोधन रिपोर्टिंग अधिकारी को लिखित अथवा अन्यथा सूचित किए गए सभी संदिग्ध लेनदेनों के विवरण
- एक महीने के दौरान अंतर संबंधित व्यक्तियों से 10,00,000 भारतीय रुपये से अधिक नकदी के भुगतान पर विदेशी मुद्रा की खरीदवाले सभी लेनदेनों के ब्योरे।
- संदिग्ध लेनदेनों के संबंध में उचित प्राधिकरण के साथ किए गए सभी पत्राचार/ रिपोर्ट।
- वित्तीय आसूचना इकाई सहित विधि प्रवर्तन प्राधिकारियों से प्राप्त संदर्भ मामले के अधिनिर्णियन और समाप्त होने तक सुरक्षित रखे जाएं