ऋण/ निवेश संकेन्द्रण मानदंडों की प्रयोज्यता - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण/ निवेश संकेन्द्रण मानदंडों की प्रयोज्यता
भारिबैं/2015-16/363 07 अप्रैल 2016 सभी प्रणालीगत महत्वपूर्ण जमा राशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली महोदया/महोदय, ऋण/ निवेश संकेन्द्रण मानदंडों की प्रयोज्यता प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 के पैरा 24 का उप पैरा (1) का द्वितीय परंतुक के अनुसार, कोई भी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक निधि नहीं जुटाती है अथवा गारंटी जारी नहीं करती है वह ऋण/ निवेश संकेन्द्रण मानदंड से उचित छूट हेतु बैंक को आवेदन कर सकती है। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक निधि नहीं जुटाती और गारंटी जारी नहीं करती है उनपर ऋण/निवेश संकेन्द्रण मानदंड लागू नहीं होंगे। 3. प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 को संशोधित करने वाली 07 अप्रैल 2016 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि.040/ मुमप्र(सीडीएस)-2016 इसके साथ संलग्न है। भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं:गैबैंविवि 040 /मुमप्र(सीडीएस) - 2016 07 अप्रैल 2016 भारतीय रिजर्व बैंक (बैंक), जनहित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार नहीं करने वाली अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 (27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.009/ मुमप्र(सीडीएस)2015) (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा), 10 मार्च 2016 तक संशोधित, को संशोधित करना आवश्यक है, भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- 1. निदेश के पैराग्राफ 24 का उप पैराग्राफ (1) का द्वितीय परंतुक को निम्नलिखित से प्रतिस्थापित किया जाए बशर्ते इसके अतिरिक्त यह कि, प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जो भारत में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सार्वजनिक निधि नहीं जुटाती और गारंटी जारी नहीं करती है उनपर ऋण/ निवेश संकेन्द्रण मानदंड लागू नहीं होंगे। । (सी.डी.श्रीनिवासन) |