ऋण संकेंद्रण नियमों की प्रयोज्यता - आरबीआई - Reserve Bank of India
ऋण संकेंद्रण नियमों की प्रयोज्यता
भारिबैं/2015-16/114 02 जुलाई 2015 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) महोदय/महोदया, ऋण संकेंद्रण नियमों की प्रयोज्यता भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45झक (7)(I) के अनुसार, जिसमें अन्य बातों के साथ साथ यह कहा गया है कि निवल स्वाधिकृत निधि (एनओएफ) की गणना के लिए एनबीएफसी द्वारा एक ही समूह की/सहायक कंपनी को प्रदान की गई ऋण/उसमें किया गया निवेश का निवल निधि का 10 प्रतिशत की सीमा से अधिक ऐसे राशि को घटाया जाए। इसी समय इस तरह का एक्सपोजर, 27 मार्च 2015 का प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश 2015 और 22 फरवरी 2007 का गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़ॅर्व बैंक) निदेश, 2007 के अनुसार ऋण संकेंद्रण/निवेश नियम के अधीन होगा। 2. समीक्षा कर यह निर्णय लिया गया कि ऋण संकेंद्रण/निवेश निर्धारण में निम्नलिखित को शामिल नहीं किया जाएगा: (ए) एनबीएफसी का (i) उसकी सहायक कंपनियों के शेयरों में निवेश जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो और (बी) निम्नलिखित में ऋणत्रों, बॉन्डों, ऋण और अग्रिम बकाया शेष (हायर पर्चेज़ और लीज़ फाइनेंस सहित) का बही मूल्य, जमा राशि ; (i) एनबीएफसी की सहायक कंपनियों; और जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो। 3. प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा धारण नहीं करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मान्दंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2015 को संशोधित करने वाली 02 जुलाई 2015 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि.027/सीजीएम(सीडीएस)-2015 तथा गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकार करने वाली अथवा धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़र्व बैंक) निदेश, 2007 को संशोधित करने वाली 02 जुलाई 2015 की अधिसूचना सं: गैबैंविवि.028/सीजीएम(सीडीएस)-2015 इसके साथ संलग्न है। भवदीय (सी.डी.श्रीनिवासन) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंविवि.027/मुमप्र(सीडीएस)-2015 02 जुलाई 2015 भारतीय रिजर्व बैंक, जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से प्रणालीगत महत्वपूर्ण गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि नहीं स्वीकार करने अथवा नहीं धारण करने वाली) कंपनी विवेकपूर्ण मानदंड (रिज़ॅर्व बैंक) निदेश, 2015 (27 मार्च 2015 की अधिसूचना सं. गैबैंविवि.009/मुमप्र(सीडीएस)2015 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- 1. निदेश के पैराग्राफ 24 के उप पैराग्राफ (1) में चौथे नियम के बाद निम्नलिखित नियम को जोड़ा जाए- “बशर्ते कि पैराग्राफ 24(1) में निहित निदेश निम्नलिखित पर लागू नहीं होगा- (ए)एनबीएफसीका (i) उसकी सहायक कंपनियों के शेयरों में निवेश जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो और (बी) निम्नलिखित में ऋण पत्रों, बॉन्डों, ऋण और अग्रिम बकाया शेष (हायर पर्चेज़ और लीज़ फाइनेंस सहित) का बही मूल्य, जमा राशि; (i) एनबीएफसी की सहायक कंपनियों; और जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो। (सी डी श्रीनिवासन) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंविवि.028/मुमप्र(सीडीएस)-2015 02 जुलाई 2015 भारतीय रिजर्व बैंक (बैंक) जनता के हित में यह आवश्यक समझकर और इस बात से संतुष्ट होकर कि देश के हित में ऋण प्रणाली को विनियमित करने के लिए, बैंक को समर्थ बनाने के प्रयोजन से 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192/डीजी(वीएल)-2007 में अंतविष्ट गैर बैंकिंग वित्तीय (जमाराशि स्वीकारने या धारण करने वाली) कंपनियां विवेकपूर्ण मानदण्ड (रिजर्व बैंक) निदेश 2007 (इसके बाद इसे निदेश कहा जाएगा) को संशोधित करना आवश्यक है. भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 (1934 का 2) की धारा 45 ञक द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इस संबंध में प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए निदेश को तत्काल प्रभाव से निम्नवत संशोधित करने का निदेश देता है यथा- 1. निदेश के पैराग्राफ 20 के उप पैराग्राफ (1) में दूसरे नियम के बाद निम्नलिखित नियम को जोड़ा जाए- “बशर्ते कि पैराग्राफ 20(1) में निहित निदेश पर निम्नलिखित लागू नहीं होगा- (ए) एनबीएफसीका (i) उसकी सहायक कंपनियों के शेयरों में निवेश जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो और (बी) निम्नलिखित में ऋण पत्रों, बॉन्डों, ऋण और अग्रिम बकाया शेष (हायर पर्चेज़ और लीज़ फाइनेंस सहित) का बही मूल्य, जमा राशि ; (i) एनबीएफसी की सहायक कंपनियों; और जो एनओएफ गणना के लिए निवध निधि से कम किया गया हो।" (सी डी श्रीनिवासन) |