भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत बांडों के लिए ऋण एक्सपोज़र मानदंडों की प्रयोज्यता
भारिबैं/2012-13/189 3 सितंबर 2012 सभी स्टँडअलोन प्राथमिक व्यापारी महोदय/महोदया भारत सरकार द्वारा गारंटीकृत बांडों के लिए ऋण एक्सपोज़र मानदंडों की प्रयोज्यता कृपया आप दिनांक 27 जुलाई 2010 का परिपत्र आंऋप्रवि.पीडीआरडी.सं.19/03.64.00/2010-11 तथा दिनांक 11 नवंबर 2010 का परिपत्र.पीसीडी.सं.1652/14.03.05/2010-11 देखें जहॉ स्टँडअलोन प्राथमिक व्यापारियों को यह सूचित किया गया था कि वे अपनी निवल स्वाधिकृत निधियों (एनओएफ) में से एकल उधारकर्ता को 25 प्रतिशत और समूह उधारकर्ताओं को 40 प्रतिशत ऋण एक्सपोज़र सीमा का पालन करें । 2. इस मामले की अब पुनरीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि एकल/समूह एक्सपोज़र सीमा पर उच्चतम सीमा वहाँ पर लागू नहीं होगी, जहाँ मूल धन और ब्याज भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से गारंटीकृत हो । 3. आगे यह स्पष्ट किया जाता है कि, प्राथमिक व्यापारियों को चाहिए कि वे गैर सरकारी प्रतिभूतियों के निवेश के अन्य सभी संवर्गों, जिनमें पारस्परिक निधि, वाणिज्यिक पेपर, जमा प्रमाणपत्र, आईआरएस आदि में स्थिति आदि शामिल हो, के लिए ऋण जोखिम एक्सपोज़र को शामिल करें ताकि उनके निवल स्वाधिकृत निधियों में से एकल उधारकर्ता के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत की और समूह उधारकर्ताओं के लिए 40 प्रतिशत की सीमा का अनुपालन करने के लिए ऋण एक्सपोज़र की सीमा को परिकलित किया जा सके । 4. हाल ही में लेखा परीक्षा किए गए निवल स्वाधिकृत निधियों को ऊपर उल्लिखित उच्चतम सीमाओं की गणना करते समय ध्यान में लिया जाए । 5. उपर्युक्त मार्गदर्शी सिध्दान्त इस परिपत्र की तारीख से लागू होंगे । भवदीय (के. के. वोहरा) |
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