2. टियर । और टियर ।। पूंजी में शामिल की जाने वाली पात्र मदों पर मौजूदा अनुदेशों की समीक्षा करने के बाद, राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों को अपनी टियर । पूंजी में निम्नलिखित मदों को भी शामिल करने की अनुमति देने का निर्णय लिया गया है:
एसोसियेट/नॉमिनल सदस्य से प्राप्त अभिदान जहां पर बैंक की उपविधि ऐसे सदस्यों को शेयरों के आंबटन की अनुमति देती है परंतु इस प्रकार के शेयरों के आहरण में नेमी सदस्यों के लिए जो शर्तें लागू हैं वही इनके लिए भी लागू होनी चाहिए।
नॉमिनल एवं एसोशिएट सदस्यों से प्राप्त अभिदान / वापस न देने योग्य एडमिशन शुल्क जो कि अलग से उचित शीर्ष में ‘रिजर्व’ के रूप में रखी गयी हो क्योंकि ये निधियां वापस देने योग्य नहीं होती हैं।
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 36(1) (viii) के अंतर्गत सृजित विशेष रिजर्व की बकाया राशि यदि बैंक ने इस रिजर्व पर आस्थगित कर देयता (डीटीएल) का सृजन किया हो।
3. ये अनुदेश 01 अप्रैल 2015 से शुरू हुए वित्त वर्ष से लागू हैं।
भवदीया,
(सुमा वर्मा) प्रधान मुख्य महाप्रबंधक
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