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प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) के लिए प्राधिकार दिशानिर्देश

आरबीआइ /2011-2012/162
संदर्भ : आंऋप्रवि.पीसीडी.सं. 9/14.03.05/2011-12

30 अगस्त 2011

सभी बाजार सहभागी

महोदय

प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) के लिए प्राधिकार दिशानिर्देश

प्राथमिक व्यापारियों के प्राधिकार के लिए न्यायसंगत तथा पारदर्शी विनियामक दिशानिर्देश तैयार करने तथा हामीदारी प्रतिबद्धता सहित सरकारी प्रतिभूतियों की सभी नीलामियों में अर्थपूर्ण भागीदारी के लिए पर्याप्त रूप से तैयारी सुनिश्चित करने और उभरती हुई परिस्थितियों में सरकारी प्रतिभूति बाजार में सक्रिय भूमिका निभाने के मद्देनज़र प्राथमिक व्यापारियों के लिए वर्तमान प्राधिकार दिशानिर्देशों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया है ।

2. प्राथमिक व्यापारियों के प्राधिकार के लिए संशोधित दिशानिर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे । संशोधित दिशानिर्देशों की प्रति संलग्न हैं ।

भवदीय

(के. के. वोहरा)
मुख्य महाप्रबंधक


अनुबंध

प्राथमिक व्यापारियों (पीडी) के लिए प्राधिकार दिशानिर्देश

किसी संस्था के लिए पीडी की गतिविधियाँ करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक को आवेदन करने हेतु पात्रता मानदण्ड निम्नानुसार हैं :-

पात्र संस्थान

पात्रता शर्तें

(क)

अनुसूचित वाणिज्य बैंकों की अनुषंगी संस्थाएँ तथा अखिल भारतीय वित्तीय संस्थान

आवेदन प्रस्तुत करने से कम से कम एक वर्ष पहले भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 45 आइए के अंतर्गत गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में पंजीकृत होनी चाहिए ।

(ख)

विदेश में निगमित संस्थाओं द्वारा भारत में स्थापित अनुषंगी/संयुक्त उद्यम

पीडी को परिचालनगत दिशानिर्देशों पर मास्टर परिपत्र में निर्धारित किए अनुसार अथवा 150 करोड़ रु./250 करोड़ रु. की न्यूनतम निवल स्वाधिकृत निधि (एनओएफ), जो समय-समय पर संशोधित की जाती है, होनी चाहिए । पीडी कारोबार शुरु करने से पहले, इस आशय का बाहरी लेखापरीक्षा का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना होगा ।

(ग)

कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत निगमित कंपनी जो "क" और "ख" के अंतर्गत नहीं आती हो

आवेदन प्रस्तुत करने से कम से कम एक वर्ष पहले प्रतिभूति कारोबार तथा विशेष रूप से सरकारी प्रतिभूति बाजार में एक्सपोज़र होना चाहिए ।

      इस प्रयोजन के लिए एक्सपोज़र निम्नानुसार होगा :
    (i)

पीडी प्राधिकार के लिए आवेदन के वर्ष से एक वर्ष के दौरान सरकारी प्रतिभूति कारोबार में आवेदन की व्यापार की मात्रा कम से कम कुल व्यापार की मात्रा के 15 प्रतिशत के बराबर होनी चाहिए ।

    (ii)

आवेदन के वर्ष से पहले वर्ष के दौरान सरकारी प्रतिभूतियों में उसकी आस्तियाँ कुल आस्तियों के कम से कम 15 प्रतिशत के बराबर होनी चाहिए ।

   

लक्ष्य तथा बिक्री के आवेदक संस्था को पीडी प्राधिकार के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत करने के समय मध्यम खण्ड (भविष्य निधियाँ, शहरी सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, न्यास इत्यादि) तथा खुदरा निवेशकों (व्यक्तियों) की ओर से वार्षिक लिए कार्रवाई की योजना प्रस्तुत करनी चाहिए । मध्यम खण्ड और खुदरा निवेशकों की ओर से वार्षिक बिक्री लक्ष्य समय-समय पर पीडी के लिए निर्धारित निवल स्वाधिकृत निधि के 75 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए ।

   

सरकारी प्रतिभूतियों में खुदरा तथा मध्यम खण्ड सर्विसिंग में पिछले अनुभव को पीडी प्राधिकार के लिए आवेदनों पर कार्रवाई करते समय अनुकूल रूप से आंका जाएगा ।

   

विदेशों में निगमित संस्थाओं द्वारा स्थापित अनुषंगी/संयुक्त उद्यमों के मामले ऊपर दी गई शर्तों के अतिरिक्त निम्नलिखित का पालन किया जाए :-

    (i)

आवेदक संस्था के पास विदेशी निवेश उन्नयन बोर्ड का अनुमोदन होना चाहिए ।

    (ii)

मूल विदेशी कंपनी तीन वर्ष अथवा अधिक अवधि से पीडी कारोबार में प्रत्यक्ष रूप से अथवा अपनी अनुषंगी कंपनी के माध्यम से सक्रिय बाजार में होनी चाहिए ।

  बैंक, जिनके पास आंशिक अथवा पूर्ण स्वामित्ववाली ऐसी अनुषंगी संस्थाएँ नही है जो पीडी कारोबार करती हैं तथा वे पीडी कारोबार विभागीय रूप से करने के इच्छुक हैं । (iii)

ऐसी संस्था को अपनी प्रणाली अपनी मूल तथा सहयोगी से पृथक रखनी चाहिए ताकि वे अपने आँकड़ों की शुद्धता सुनिश्चित की जा सके और  अन्य अनावश्यक गतिविधियों से बचा जा सके ।

    1000 करोड़ रु. की न्यूनतम शुद्ध स्वाधिकृत निधि
    9 प्रतिशत न्यूनतम सीआरएआर
   

3 प्रतिशत से कम निवल गैर निष्पादित आस्तियाँ तथा पिछले तीन वर्ष के लिए लाभ अर्जित करने का रिकार्ड

   

आवेदक संस्था के पास बैंकिंग परिचालन और विकास विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई का अनुमोदन होना चाहिए ।

   

आवेदक संस्था को पीडी प्राधिकार के लिए अपना आवेदन प्रस्तुत करते समय मध्यम खण्ड और खुदरा निवेशकों की ओर से बिक्री के लिए कार्रवाई योजना के साथ वार्षिक लक्ष्य प्रस्तुत करना चाहिए । मध्यम खण्ड और खुदरा निवेशकों की ओर से प्राप्त किया जाने वाला वार्षिक बिक्री लक्ष्य बैंक पीडी के लिए समय-समय पर निर्धारित शुद्ध न्यूनतम स्वाधिकृत निधि के 75 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए ।

   

पीडी प्राधिकार के लिए आवेदनों पर कार्रवाई करते समय मध्यम खण्ड और खुदरा ग्राहकों को सर्विसिंग के पिछले अनुभव को अनुकूल रूप में आँका  जाएगा ।

2. इसके अतिरिक्त यदि पिछले एक वर्ष में आवेदक पर कोई मुकदमा अथवा विनियामक कार्रवाई अथवा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा आवश्यक समझी गई कोई जाँच चल रही है तो उस पीडी के प्राधिकार पर विचार नहीं किया जाएगा । ऐसा निर्णय लेते समय रिज़र्व बैंक अन्य बातों के साथ-साथ इस बात पर भी विचार करेगा कि क्या मुकद्दमे, विनियामक कार्रवाई का समाधान किया गया है और किस हद तक किया गया है तथा ऐसे मामलें में आवेदक का इतिहास क्या रहा है; इसके अतिरिक्त उचित विनियामकों के विचार जानने के लिए उनसे परामर्श किया जाएगा ।

3. पीडी के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए ऊपर दिए गए मानदंड पूरे करने वाली संस्थाएँ मुख्य महाप्रबंधक, आंतरिक ऋण प्रबंध विभाग, भारतीय रिज़र्व बैंक, मुंबई को एक आवेदन प्रस्तुत करेंगी भारतीय रिज़र्व बैंक आवेदन पर विचार करेगा तथा संतुष्ट होने पर "सैद्धान्तिक" अनुमोदन प्रदान करेगा । इसके बाद आवेदक शर्तों से सहमत होने के संबंध में एक वचनपत्र देगा । आवेदन और वचनपत्र के आधार पर भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा एक प्राधिकार पत्र जारी किया जाएगा । पीडी के रूप में बने रहना प्राधिकार की शर्तों के अनुपालन पर निर्भर करेगा । प्राथमिक व्यापारियों को सूचीबद्ध करने का निर्णय उसकी बाजार आवश्यकताओं के अनुभव, आवेदक की उपयुक्तता तथा प्रणाली में संभावित मूल्य सवंर्धन के आधार पर लिया जाएगा ।

4. आवेदक संस्था को, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर अद्यतन की गई शर्तों का पालन भी करना होगा ।

5. वर्तमान प्राथमिक व्यापारियों को उनके पीडी प्राधिकार के नवीकरण के समय खुदरा और मध्यम खंड की ओर से की जाने वाली बिक्री के लिए कार्य योजना के साथ वार्षिक लक्ष्य भी प्रस्तुत करना चाहिए । वार्षिक लक्ष्य समय-समय पर स्वतंत्र प्राथमिक व्यपारियों/बैंक पीडी के लिए निर्धारित न्यूनतम शुद्ध स्वाधिकृत निधि के 75 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए । वर्तमान दिशानिर्देशों के अनुसार, सरकारी प्रतिभूति कारोबार में स्वतंत्र पीडी के लिए न्यूनतम स्वाधिकृत निधि 150 करोड़ रु. है तथा विशाखित गतिविधियाँ करने वाले स्वतंत्र प्राथमिक व्यापारियों के लिए 250 करोड़ रु. है । बैंक पीडी के लिए पीडी कारोबार करने हेतु न्यूनतम शुद्ध स्वाधिकृत निधि 1000 करोड़ रु. है । भारतीय रिज़र्व बैंक प्रत्येक प्राथमिक व्यापारी के लिए वार्षिक बिक्री लक्ष्य प्राथमिक व्यापारियों से परामर्श करके निर्धारित करेगा । वर्तमान प्राथमिक व्यापारियों को इन अपेक्षाओं का अनुपालन करने के लिए 2 वर्ष की अवधि दी जाएगी ।

निष्कासन/समापन प्रक्रिया

6. भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नलिखित परिस्थितियों में, उचित समझे जाने पर किसी भी प्राथमिक व्यापारी को निलम्बित अथवा निष्कासित कर सकता है :-

(i)

पीडी द्वारा भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ निष्पादित वचनपत्र की शर्तों का उल्लंघन करने अथवा विनियामक दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर ।

(ii)

निरंतर आधार पर कार्यनिष्पादन मानदण्डों अथवा पूंजी मानकों को पूरा करने में असमर्थ होने पर ।

(iii)

प्राथमिक तथा/अथवा द्वितीयक बाजार में बार-बार ऐसी बोली लगाना जो पर्याप्त रूप से स्पर्धी न हों ।

(iv)

 

भारतीय रिज़र्व बैंक का यह मत हो कि पीडी ने बाजार में हेराफ्टरी की कोशिश की है; बाजार के दुरुपयोग में शामिल है; गलत प्रत्यावेदन अथवा प्रमाणन किया है; वर्तमान दिशानिर्देशों के अंतर्गत अपेक्षित जानकारी उपलब्ध कराने में असमर्थ है अथवा गलत, अशुद्ध या अपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराई है ।

(v)

यदि रिज़र्व बैंक के निर्णय में कि पीडी का नियंत्रण परिवेश अपर्याप्त अथवा कमजोर है ।

(vi)

यदि पीडी विनियामक अथवा कानूनी प्रक्रिया में लिप्त है, यह कि रिज़र्व बैंक के निर्णय में, पीडी कारोबार पर दुष्प्रभाव पड़ता है ।

(vii)

पीडी स्वयं अपना पीडी प्राधिकार छोड़ना चाहता है । ऐसे मामले में पीडी को भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ इस प्रकार की धारित स्थिति को उचित रूप से समाप्त करने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ चर्चा करनी चाहिए । पीडी परिचालन की समाप्ति का समय और तारीख तथा बाजार में कोई घोषणा की सहमति होनी चाहिए । "फ्टयर वेदर" कारोबार को हतोत्साहित करने के उद्देश्य से तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कि पीडी, बाजार की अनुकूल स्थिति न रहने पर भी, बाजार में उपलब्ध हो, भारतीय रिज़र्व बैंक पर्याप्त अवधि के लिए उसी फर्म से नए पीडी प्राधिकार के लिए प्राप्त आवेदन पत्र का अनुमोदन नहीं करेगा ।

7. भारतीय रिज़र्व बैंक अंतिम निर्णय लेने से पहले पीडी द्वारा स्वीकृति की इच्छा अधिसूचित करेगा और पीडी को उसका अभिमत प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा ।

8. भारतीय रिज़र्व बैंक यह सुनिश्चित करेगा कि पीडी का निष्कासन इस प्रकार किया जाए कि उससे अन्य बाजार सहभागियों को अनावश्यक व्यवधान न हो ।

9. इस प्रकार के निलम्बन/निष्कासन को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सार्वजनिक किया जाएगा । इस संबंध में घोषणा सप्ताह के आखिरी दिन की जाएगी तथा उसी दिन कार्य समय की समाप्ति से स्वीकृति प्रभावी होगी ।

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