भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान प्रणाली के परिचालन के लिए संस्थाओं का प्राधिकरण - कूलिंग पीरियड को लाया जाना - आरबीआई - Reserve Bank of India
भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान प्रणाली के परिचालन के लिए संस्थाओं का प्राधिकरण - कूलिंग पीरियड को लाया जाना
आरबीआई/2020-21/73 4 दिसंबर 2020 अध्यक्ष / प्रबंध निदेशक / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदया / महोदय भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (पीएसएस अधिनियम) के अंतर्गत भुगतान प्रणाली कृपया, पीएसएस अधिनियम की धारा 4 में निहित प्रावधानों और दिनांक 13 जून, 2020 को जारी किए गए 'वित्तीय बाजार अवसंरचना और खुदरा भुगतान प्रणाली के लिए ओवरसाइट फ्रेमवर्क’ का संदर्भ लें जिसके संदर्भ में कोई भी व्यक्ति भुगतान प्रणाली आरंभ करने अथवा इसका परिचालन करने से पहले भारतीय रिज़र्व बैंक से प्राधिकरण प्राप्त करेगा और इस प्रयोजनार्थ वह भुगतान और निपटान प्रणाली विनियमावली, 2008 में यथा परिभाषित निर्धारित प्रारूप में आवेदन करेगा। 2. अनुशासन लाने और वास्तविक रूप से इच्छुक संस्थाओं द्वारा आवेदनों के प्रस्तुतीकरण को प्रोत्साहित करने और विनियामक संसाधनों के प्रभावी उपयोग के लिए निम्नलिखित परिस्थितियों में कूलिंग पीरियड की अवधारणा को लाए जाने का निर्णय लिया गया है –
3. कूलिंग पीरियड, निरसन /नवीनीकरण न होने / स्वैच्छिक सरेंडर की स्वीकृति / आवेदन को निरस्त करने, जैसा भी मामला हो, की तिथि से एक वर्ष के लिए होगा। उन संस्थाओं के मामले में जिनके प्राधिकरण के लिए आवेदन को भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा किसी भी कारण से लौटाया गया है, वहाँ संस्था को आवेदन जमा करने का अतिरिक्त अवसर प्रदान करने के बाद कूलिंग पीरियड की शर्त लागू की जाएगी। 4. कूलिंग पीरियड के दौरान, संस्थाओं को पीएसएस अधिनियम के अंतर्गत किसी भी भुगतान प्रणाली के परिचालन के लिए आवेदन जमा करने से रोक दिया जाएगा। 5. यह निर्देश भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम, 2007 (2007 का अधिनियम 51) की धारा 18 के साथ पठित धारा 10 (2) के अंतर्गत जारी किया गया है। भवदीय, (पी. वासुदेवन) |