रुपयों में एनआरओ / एनआरई खाते खोलने / बनाए रखने और एफसीएनआर जमाराशियां स्वीकार करने का प्राधिकार - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुपयों में एनआरओ / एनआरई खाते खोलने / बनाए रखने और एफसीएनआर जमाराशियां स्वीकार करने का प्राधिकार
आरबीआई / 2006-07 / 445
ग्राआऋवि.केंका.आरआरबी.सं.बीसी. 106 / 03.05.33(सी)/2006-07
28 जून 2007
सभी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
महोदय,
रुपयों में एनआरओ / एनआरई खाते खोलने / बनाए रखने और एफसीएनआर जमाराशियां स्वीकार करने का प्राधिकार
कृपया क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को रुपयों में अनिवासी खाते खोलने और बनाए रखने के लिए प्राधिकार देने के बारे में 28 अप्रैल 2000 का हमारा परिपत्र ग्राआऋवि.आरआरबी.सं. बीसी. 89/03.05.33 (सी) / 99-2000 देखें ।
2. 2007-08 के लिए केंद्रीय बजट में की गई घोषणा के अनुसार यह निर्णय किया गया है कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को एफसीएनआर (बी) जमाराशियां स्वीकार करने की अनुमति दी जाए। इस संबंध में रूपयों में अनिवासी (साधारण / बाह्य) खाते खोलने / रखने का प्राधिकार देने के लिए निर्धारित पात्रता संबंधी मानदंडों की भी समीक्षा की गई है। तदनुसार, हमारे उक्त परिपत्र में निहित अनुदेशों का अधिक्रमण करते हुए क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा रुपयों में अनिवासी (साधारण / बाह्य ) खाते खोलने / रखने और एफसीएनआर (बी) जमाराशियां स्वीकार करने के संबंध में निम्नलिखित मानदंड लागू होंगे :
i. बैंक के पास वास्तविक (पॉज़िटिव) निवल संपति होनी चाहिए ;ii. बैंक ने पिछले दो वष्ांटदं के दौरान सीआरआर / एसएलआर बनाए रखने की आवश्यकताओं में तीन से अधिक बार चूक न की हो ; iii. बैंक ने पिछले वर्ष में निवल लाभ कमाया हो ;
iv .बैंक का एनपीए स्तर पिछले वर्ष की 31 मार्च को बकाया अग्रिमों के पांच पतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए ;
v. बैंक को अपने ग्राहक को जानिए (केवीसी) / धनशोधन निवारण (एएमएल) के संबंध में समय-समय पर निर्धारित मानदंडों का पालन करना चाहिए ।
vi. बैंक के पास ऐसी सेवाएं प्रदान करने के लिए आवश्यक कौशल और क्षमता होनी चाहिए ।
vii. जबकि संबंधित जमाकर्ताओं को एफसीएनआर जमाराशियों की रसीदें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा दी जाएंगी, जमाराशियों के रूप में प्राप्त विदेशी मुद्रा निधियां क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा विदेशी मुद्रा जमाराशियों के बराबर जमाराशियों के रुप में या तो अपने प्रायोजक बैंकों के पास रख सकते हैं या उन्हें प्रायोजक बैंक से रूपयों में बदलवा सकते हैं । दोनों मामलों में, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को अपनी बहियों में विदेशी मुद्रा या बेमेल परिपक्वता के जोखिम नहीं उठाना चाहिए । परिचालनगत और लेखाकरण्ं संबंधी बातें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों और प्रायोजक बैंकों के बीच आपसी सहमति से तय की जानी चाहिए ;
viii. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी अनुदेशों के अनुसार ऐसी जमाराशियों के बराबर रूपये में सीआरआर/एसएलआर बनाए रखेंगे ;
ix. एफसीएनआर (बी) जमाराशियाँ स्वीकारने के संबंध में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक खातों के रखरखाव / परिचालन के तौर-तरीकों, प्रायोजक बैंकों के पास जमाराशियां रखने, मुद्रा के प्रबंधन और अनुवर्ती जोखिमों आदि के बारे में अपने प्रायोजक बैंक के साथ, इस संबंध में हमारे विदेशी मुद्रा विभाग (एफइडी) द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अधीन, टाइ-अप व्यवस्था कर लें ;
x. प्रायोजक बैंक, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी किए जाने वाले विभिन्न दिशानिर्देशों / मार्गदर्शी सिद्धांतों के अनुपालन के बारे में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने का वचन दें ; और बैंक ने नाबार्ड
xi. द्वारा किए गए अद्यतन निरीक्षण रिपोर्ट में बनाई गई गंभीर स्वरुप की अनियमितताओं का संतोषजनक अनुपालन प्रस्तुत कर दिया जो ।
3. एनआरओ / एनआरई / एफसीएनआर (बी) खातों का रखरखाव और उनका परिचालन भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समय-समय पर जारी विनियमों / दिशानिर्देशों द्वारा नियंत्रिक होंगे ।
4. ऐसे खाते खोलने के इच्छुक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, इस संबंध में आवश्यक प्राधिकार दिए जाने के लिए, आवश्यक ब्योरों सहित अपने आवेदन हमारे विदेशी मुद्रा विभाग के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत कर दें ।
भवदीय
(जी.श्रीनिवासन)
मुख्य महाप्रबंधक