लघु वित्त बैंकों के लिए अधिकृत डीलर श्रेणी-I लाइसेंस पात्रता - आरबीआई - Reserve Bank of India
लघु वित्त बैंकों के लिए अधिकृत डीलर श्रेणी-I लाइसेंस पात्रता
भारिबैं/2022-23/104 08 अगस्त 2022 लघु वित्त बैंकों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी महोदया/महोदय, लघु वित्त बैंकों के लिए अधिकृत डीलर श्रेणी-I लाइसेंस पात्रता कृपया रिज़र्व बैंक द्वारा दिनांक 27 नवंबर 2014 को 'निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों को लाइसेंस प्रदान किए जाने से संबन्धित जारी दिशानिर्देश' और 5 दिसंबर 2019 को 'निजी क्षेत्र में लघु वित्त बैंकों के 'ऑन-टैप' लाइसेंस के लिए जारी दिशानिर्देश देखें। 2. उक्त लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के पैरा 4 के अनुसार, एक लघु वित्त बैंक (एसएफबी) अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार में अधिकृत डीलर श्रेणी-II भी बन सकता है। 3. एसएफबी को अपने ग्राहकों की विदेशी मुद्रा व्यापार आवश्यकता को पूरा करने के लिए अधिक लचीलापन प्रदान किए जाने के उद्देश्य से, यह निर्णय लिया गया है कि सभी अनुसूचित लघु वित्त बैंक, अधिकृत व्यापारी श्रेणी-II के रूप में परिचालन को कम से कम दो वर्ष पूरा करने के बाद, अनुबंध-I में दिए गए पात्रता मानदंडों के अनुपालन के अधीन, अधिकृत डीलर श्रेणी-I लाइसेंस प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। पात्र लघु वित्त बैंक अधिकृत व्यापारी श्रेणी-I लाइसेंस प्राप्त करने के लिए अपनी पात्रता और अनुबंध-II में विनिर्दिष्ट अपेक्षित दस्तावेजों के साथ अपने आवेदनों के साथ विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक से संपर्क कर सकते हैं। 4. लाइसेंसिंग दिशानिर्देशों के अन्य नियम और शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी। भवदीय, (प्रकाश बलियारसिंह) संलग्नक: यथोक्त अधिकृत डीलर श्रेणी-I के लिए लघु वित्त बैंकों के लिए पात्रता मानदंड (i) बैंक द्वारा अधिकृत डीलर श्रेणी-II के रूप में परिचालन कार्य करते हुए कम से कम दो वर्ष पूर्ण किए जाने आवश्यक है। (ii) बैंक भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की दूसरी अनुसूची में शामिल होना आवश्यक है। (iii) इसकी न्यूनतम निवल मालियत ₹500 करोड़ होनी चाहिए। (iv) इसका सीआरएआर 15 प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। (v) पिछली चार तिमाहियों के दौरान बैंक का निवल एनपीए 6 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए। (vi) इसे पिछले दो वर्षों में लाभ कमाना चाहिए। (vii) इसे पिछले दो वर्षों के दौरान सीआरआर/एसएलआर के रखरखाव में चूक नहीं करनी चाहिए। (viii) इसमें सुदृढ़ आंतरिक नियंत्रण प्रणाली होनी आवश्यक है। (ix) इसमें कोई प्रमुख विनियामक और पर्यवेक्षी समस्या नहीं होनी चाहिए। आवेदन के साथ विदेशी मुद्रा विभाग, केंद्रीय कार्यालय, भारतीय रिज़र्व बैंक के समक्ष प्रस्तुत किए जाने वाले दस्तावेजों की सूची (i) भारतीय रिज़र्व बैंक के विनियमन विभाग द्वारा जारी आवेदक के बैंकिंग लाइसेंस की एक प्रति; तथा (ii) फेमा 1999 की धारा 10(1) के तहत प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I को अनुमत गतिविधियों के संचालन और रिज़र्व बैंक से आवश्यक प्राधिकरण प्राप्त करने के लिए आवश्यक बोर्ड संकल्प। |