शेयर और डिबेंचरों पर बैंक वित्त - शहरी सहकारी बैंक - आरबीआई - Reserve Bank of India
शेयर और डिबेंचरों पर बैंक वित्त - शहरी सहकारी बैंक
आरबीआई/2007/96
शबैंवि.पीसीबी.परि.सं.7/13.05.000/2007-08
13 जुलाई 2007
मुख्य कार्यपालक अधिकारी
सभी प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंक
महोदय/महोदया
शेयर और डिबेंचरों पर बैंक वित्त - शहरी सहकारी बैंक
कृपया उक्त विषय पर 27 नवंबर 1998 के हमारे परिपत्र शबैंवि.सं.डीएस.पीसीबी.परि.10 /13.05.00/1998-99 के पैरा 2 (i) में उल्लिखित अनुदेश देखें जिसमें बैंकों को अन्य बातों के साथ सूचित किया गया था कि वे ट्रेडिंग करने के लिए शेयर / डिबेंचरों पर अग्रिम या शेयर तथा शेयर दलालों को अग्रिम मंजूर करने के संबंध में किसी प्रस्ताव पर विचार न करें। इस संबंध में यह निम्नलिखित रूप से स्पष्ट किया जाता है कि:
(i) शहरी सहकारी बैंकों को शेयर दलालों को कोई निधि आधारित या ग़ैर निधि आधारित ऋण सुविधाएं, चाहे वे जमानती हों या ग़ैर-जमानती, देने से प्रतिबंधित किया जाता है। इस प्रकार इस प्रतिबंध के दायरे में शेयरों तथा डिबेंचरों के अलावा सावधि जमाराशियों, भारतीय जीवन बीमा निगम की पॉलिसियों आदि जैसी अन्य प्रतिभूतियों पर ऋण तथा अग्रिम को भी शामिल किया गया है।
(ii) शहरी सहकारी बैंकों को पण्य (कोमोडिटी) दलालों को कोई सुविधा प्रदान करने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके अंतर्गत उनकी तरफ से गारंटियां जारी करना भी शामिल है।
(iii) म्युचूअल फंड की यूनिटों पर अग्रिम केवल व्यक्तियों को दिया जा सकता है जैसा कि शेयरों, डिबेंचरों तथा बाण्डों पर अग्रिम के मामले में किया जाता है।
2. कोई ऐसी ऋण सुविधा जो वर्तमान में जारी हो लेकिन जो उक्त अनुदेशों के विपरीत हो, उसे अविलंब वापस ले लेना/बंद कर देना चाहिए। इस संबंध में अनुपालन रिपोर्ट संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को प्रस्तुत किया जाए।
3. कृपया प्राप्ति-सूचना भारतीय रिज़र्व बैंक के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें।
भवदीय
(एन.एस.विश्वनाथन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक