स्वर्ण क्रय के लिए बैंक वित्त - आरबीआई - Reserve Bank of India
स्वर्ण क्रय के लिए बैंक वित्त
आरबीआई/2012-13/413 07 फरवरी 2013 अध्यक्ष / मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय / महोदया, स्वर्ण क्रय के लिए बैंक वित्त राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंक अपनी उधार नीति के एक भाग के रूप में स्वर्ण / स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर विभिन्न प्रयोजनों के लिए ऋण प्रदान करते हैं। 2. दिनांक 30 अक्तूबर 2012 को घोषित वार्षिक मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरी तिमाही की समीक्षा के अनुच्छेद 102 और 103 (उद्धरण संलग्न) में की गई घोषणा के अनुसार हाल के वर्षों में स्वर्ण के आयात में हुई उल्लेखनीय वृद्धि चिंता का विषय है, क्योंकि बुलियन/कच्चा स्वर्ण/ आभूषण/ स्वर्ण के सिक्के जैसे किसी भी रूप में स्वर्ण के क्रय के लिए प्रत्यक्ष बैंक वित्तपोषण के परिणामस्वरूप सट्टा प्रयोजनों के लिए स्वर्ण की मांग और अधिक बढ़ सकती है। अत: यह प्रस्तावित किया गया कि बैंक, कार्यशील पूंजी वित्त के अलावा किसी भी रूप में बैंकों को स्वर्ण क्रय के लिए वित्त प्रदान करने की अनुमति नहीं होगी। 3. जैसा कि आप जानते है, वर्तमान में राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों को स्वर्ण आभूषणों की जमानत पर ऋण प्रदान करने की अनुमति दी गई है, परंतु उन्हें किसी भी रूप में स्वर्ण की खरीद के लिए अग्रिम प्रदान करने की अनुमति नहीं है। उपर्युक्त पैरा 2 में उल्लिखित चिंताओं के परिप्रेक्ष्य में यह दोहराया जाता है कि कच्चा स्वर्ण, स्वर्ण बुलियन, स्वर्ण आभूषण, स्वर्ण के सिक्कों, गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंडों (ईटीएफ) की इकाइयों तथा गोल्ड म्यूचुअल फंडों की इकांइयों सहित किसी भी रूप में स्वर्ण क्रय के लिए बैंकों द्वारा किसी प्रकार का अग्रिम नहीं दिया जाना चाहिए। 4. कृपया इस परिपत्र की प्राप्ति-सूचना संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय को दें। भवदीय ( सी.डी.श्रीनिवासन ) अनुलग्नक : यथोक्त मौद्रिक नीति 2012-13 की दूसरीतिमाही समीक्षा का उद्धरण स्वर्ण क्रय के लिए बैंक वित्त तथा स्वर्ण की जमानत परअग्रिम 102. मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार बैंकों द्वारा स्वर्ण डीलरों/व्यापारियों को स्वर्ण बुलियन के लिए किसी प्रकार के अग्रिम प्रदान नहीं किए जाने चाहिए, यदि बैंकों के मूल्यांकन के अनुसार, ऐसे अग्रिम का उपयोग नीलामियों में स्वर्ण क्रय के लिए और/अथवा सट्टेबाजी के प्रयोजन से स्टाक तथा बुलियन रखने के लिए किए जाने की संभावना हो। इस प्रसंग में, हाल के वर्षों में स्वर्ण के आयात में हुई उल्लेखनीय वृद्धि चिंता का कारण है, क्योंकि बुलियन/प्राथमिक स्वर्ण/आभूषण/स्वर्ण सिक्के इत्यादि किसी भी रूप में स्वर्ण के क्रय के लिए बैंक द्वारा प्रत्यक्ष वित्त प्रदान करने के परिणामस्वरूप सट्टेबाजी के लिए स्वर्ण की मांग और अधिक बढ़ सकती है। अप्रैल 2012 के मौद्रिक नीति वक्तव्य में गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा स्वर्ण आयात और स्वर्ण ऋणों से संबंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए एक कार्यदल (संयोजकः श्री के. यू. बी. राव) के गठन की घोषणा की गई थी। कार्यदल ने अपनी प्रारूप रिपोर्ट अगस्त 2012 में प्रस्तुत की है। इस रिपोर्ट की संस्तुतियों पर निर्णय लेने के पहले, बैंकों को यह सूचित करने का प्रस्ताव है कि
103. इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश अलग से जारी किए जा रहे हैं। |