सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को बैंक वित्त - आरबीआई - Reserve Bank of India
सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को बैंक वित्त
आरबीआई/2022-23/71 14 जून 2022 सभी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक महोदया / महोदय सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को बैंक वित्त कृपया ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.10/13.03.00/2015-16 और ‘आवास वित्त’ पर दिनांक 1 अप्रैल 2022 का मास्टर परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.सं.06/08.12.001/2022-23 देखें। 2. हमारे ध्यान में कुछ ऐसे मामलें आये हैं जहां बैंक सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं की आधारभूत संरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) /आवास परियोजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करते समय वाणिज्यिक व्यवहार्यता का आकलन, ऋण अदायगी दायित्वों के लिए राजस्व स्रोतों का पता लगाने और निधियों के अंतिम उपयोग की निगरानी संबंधी हमारे मौजूदा निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं कर रहे हैं। 3. बैंकों/वित्तीय संस्थाओं को हमारे उन अनुदेशों का उल्लंघन करते हुए भी पाया गया है जिनमें अन्य बातों के साथ-साथ यह अपेक्षित है कि सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं के मामले में, सावधि ऋण केवल कॉर्पोरेट निकायों के लिए स्वीकृत किया जाना चाहिए; परियोजनाओं की व्यवहार्यता और उनकी बैंक योग्यता पर उचित सावधानी बरतनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित कर सके कि परियोजना से राजस्व स्रोत ऋण अदायगी दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है; और यह कि ऋण की चुकौती/ अदायगी बजट संसाधनों से नहीं है। 4. बैंकों का ध्यान अनुबंध में उल्लिखित पैराग्राफों में निहित विशिष्ट अनुदेशों की ओर विशेष रूप से आकृष्ट किया जाता है। यह दोहराया जाता है कि बैंकों से अपेक्षित है कि वे इन निर्देशों का अक्षरश: पालन करें। 5. बैंकों को सूचित किया जाता है कि वे इन बातों की समीक्षा करें और इस परिपत्र की तारीख से तीन महीनों के भीतर निर्देशों के अनुपालन की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट अपने बोर्ड के समक्ष रखें। भवदीय, (मनोरंजन मिश्र) सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं को बैंक वित्त – मौजूदा अनुदेश क) पैरा 2.3.7.3 – ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 के मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.10/13.03.00/2015-16 का ‘वित्तपोषण के लिए मानदंड’ ख) पैरा 2.3.7.5 – ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.10/13.03.00/2015-16 का ‘मूल्यांकन’ ग) पैरा 2.3.23 - ‘ऋण और अग्रिम – सांविधिक और अन्य प्रतिबंध’ पर दिनांक 1 जुलाई 2015 का मास्टर परिपत्र बैंपविवि.सं.डीआइआर.बीसी.10/13.03.00/2015-16 का ‘सरकार से प्राप्य राशि की जमानत पर पूरक ऋण’ घ) ‘आवास वित्त’ पर दिनांक 1 अप्रैल 2022 के मास्टर परिपत्र विवि.सीआरई.आरईसी.सं.06/08.12.001/2022-23 का पैरा 2(ख)(ix) |