चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक - आरबीआई - Reserve Bank of India
चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम निगरानी साधन तथा एलसीआर प्रकटीकरण मानक
आरबीआई/2017-18/201 15 जून 2018 अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (आरआरबी के अतिरिक्त) महोदया/ महोदय चलनिधि मानकों पर बासल III ढांचा – चलनिधि कवरेज अनुपात (एलसीआर), चलनिधि जोखिम कृपया उपर्युक्त विषय पर दिनांक 21 जुलाई 2016 का हमारा परिपत्र बैविवि. बीपी. बीसी. सं.2/21.04.098/2016-17 और अन्य संबंधित परिपत्र देखें। 2. वर्तमान में, बैंकों के लिए एलसीआर की गणना के प्रयोजन से स्तर 1 उच्च गुणवत्ता वाली चलनिधि आस्तियों (एचक्यूएलए) के रूप में अनुमत आस्तियों में, अन्य बातों के साथ-साथ, (क) न्यूनतम एसएलआर अपेक्षा से अधिक सरकारी प्रतिभूतियां और (ख) अनिवार्य एसएलआर अपेक्षाओं के भीतर (i) सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 2 प्रतिशत] के अंतर्गत भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अनुमत सीमा तक सरकारी प्रतिभूतियां तथा (ii) चलनिधि कवरेज अनुपात के लिए चलनिधि लेने की सुविधा (एफएएलएलसीआर) [वर्तमान में बैंक के एनडीटीएल का 9 प्रतिशत] के अंतर्गत शामिल हैं। 3. यह निर्णय लिया गया है कि इस परिपत्र की तिथि से प्रभावी होकर, बैंकों को एलसीआर की गणना के प्रयोजन से स्तर 1 एचक्यूएलए के रूप में अनिवार्य एसएलआर अपेक्षाओं के भीतर एफएएलएलसीआर के अंतर्गत धारित सरकारी प्रतिभूतियों को उनके एनडीटीएल के और 2 प्रतिशत तक मान्यता देने की अनुमति दी जाएगी। अतः, एसएलआर में से एफएएलएलसीआर के अंतर्गत कुल निकासी (कार्व आउट) अब 11 प्रतिशत होगी, जिससे बैंकों को उपलब्ध एसएलआर में कार्व आउट उनके एनडीटीएल का 13 प्रतिशत हो जाएगा। 4. एलसीआर के इस प्रयोजन से बैंकों को एचक्यूएलए के रूप में मान्यता प्राप्त ऐसी सरकारी प्रतिभूतियों का मूल्य निर्धारण ऐसी राशि पर करना जारी रखना चाहिए, जो उनके वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक न हो (प्रतिभूति को धारण करने की श्रेणी, अर्थात् एचटीएम, एएफएस या एचएफटी को ध्यान में न रखते हुए)। भवदीय (सौरभ सिन्हा) |