बैसेल- III लिक्विडिटी रिटर्न्स - आरबीआई - Reserve Bank of India
बैसेल- III लिक्विडिटी रिटर्न्स
आरबीआई/2014-2015/213 5 सितंबर, 2014 अध्यक्ष / अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक/ महोदया/महोदय, बैसेल- III लिक्विडिटी रिटर्न्स ‘लिक्विडिटी मानकों पर बैसेल III रूपरेखा - लिक्विडिटी कवरेज अनुपात (एलसीआर), तरलता जोखिम निगरानी उपायों और एलसीआर प्रकटन मानकों’ पर दिनांक 09 जून, 2014 को जारी परिपत्र (संदर्भ सं.आरबीआई/ 2012-13 /635/ डीबीओडी.बीपी.सं. 120/21.04.098/2013-14) का संदर्भ करें। परिपत्र में, अन्य बातों के साथ-साथ कुछ विशेष लिक्विडिटी रिटर्नों का उल्लेख है जिसे सभी बैंकों द्वारा प्रस्तुत करना है ताकि दबावग्रस्त स्थितियों के अंतर्गत भावी लिक्विडिटी की समस्याओं से उबरने पर निगरानी रख सकें। इन रिटर्नों में वैश्विक परिचालन शामिल है एवं सितंबर, 2014 से लागू है जिनकी सूची निमन्वत है:
2. उपर्युक्त रिटर्नों को एक्सबीआरएल प्लेटफार्म में प्रस्तुत करना अपेक्षित है। एक्सबीआरएल रिटर्न की प्रस्तुति स्रोत डाटा से आवश्यक इन्स्टान्स डोक्यूमेंट (एक्सएमएल फाइल) के जेनरेशन से होता है । अतः ज़ोर दिया जाता है कि बैंक अपने डाटा स्रोत से आवश्यक इन्स्टान्स डोक्यूमेंट जेनरेट करने हेतु अपने सिस्टम, कंट्रोल और एमआईएस को सुचारु बनाएँ। फिर भी, अस्थायी उपाय के रूप में, बैंकों के लिए इन्स्टान्स डोक्यूमेंट के समेकन एवं जेनरेशन हेतु एक्सेल आधारित इन्स्टालर भी उपलब्ध होंगे जो बैंक स्वयं इन्स्टान्स डोक्यूमेंट निर्माण करने में तैयार नहीं हैं। जब रिटर्नों की प्रस्तुति हेतु एक्सबीआरएल साइट एवं इन्स्टालर तैयार हो जाएंगे तो अलग से सूचना दी जाएगी। फिर भी, बैंको को सूचित किया जाता है कि सितंबर, 2014 से आगे का डाटा समेकित कर तैयार रखें जिसे तुरंत प्रस्तुत करना पड़ सकता है। 3. यह पुन: दोहराया जाता है कि बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 27(2) में निहित शक्तियों के अंतर्गत रिटर्नों को मंगाया जा रहा है और समय पर प्रस्तुति एवं आंकड़े की शुद्धता से संबन्धित अनुदेशों को नहीं पालन करने पर अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है। भवदीया, (इंद्राणी बनर्जी) |