पूर्व निष्पादन के आधार पर वायदा संविदा करना - आरबीआई - Reserve Bank of India
पूर्व निष्पादन के आधार पर वायदा संविदा करना
भारतीय रिज़र्व बैंक ए.पी(डिआई आर सीरिज) परिपत्र सं.46 दिसंबर 9, 2003 सेवा में विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी महोदया/महोदय पूर्व निष्पादन के आधार पर वायदा संविदा करना प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान जोखिम प्रबंध और अंतर-बैंक लेनदेन संबंधी जुलाई 1, 2003 के मास्टर परिपत्र के पैराग्राफ़ अ 2 की ओर आकृष्ट किया जाता है जिसके अनुसार आयातकों /निर्यातकों को पूर्व निष्पादन के आधार पर जोखिम की घोषणा पर वायदा संविदा करने की अनुमति दी जाती है बशर्तें कि किसी भी समय में की गई कंल वायदा संविदा और बकाया की राशि पिछले तीन वर्ष के दौरान के आयात / निर्यात के औसत के आधार पर 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा के 25 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी । 2. अब निर्णय किया गया है कि इस सुविधा के लिए पात्र सीमा पछिले तीन वर्ष के दौरान के आयात /निर्यात का औसत पण्यावर्त या पूर्ववर्ती वर्ष का पण्यावर्त, जो भी अधिक हो, किसी भी समय में की गई कुल वायदा संविदा और बकाया की राशि पिछले तीन वर्ष के दौरान के आयात /निर्यात का औसत के आधार पर 100 मिलियन अमरीकी डॉलर की सीमा के 50 प्रतिशत (25 प्रतिशत से बढ़ाकर) सें अधिक नहीं होगी । बशर्में कि पात्रता सीमा से अधिक 25 प्रतिशत से बढ़ाकर कोई भी राशि केवल आपूर्ति के आधार पर हो । निर्यात / आयात लेनदेन के लिए यह सीमाएं अलग से समकित की जाएं । उस संविधा के लिए अन्य सभी निर्धारित शर्तें जारी रहेंगी । 3. जो आयातक / निर्यायातक 50 प्रतिशत की समग्र सीमा से अधिक की सीमा लेना चाहते हैं वे मास्टर परिपत्र के पैरा अ.2(ड.) के अनुसार,तुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, (विदेशी मुद्रा बाज़ार प्रभाग), केंद्रीय कार्यालय, फोर्ट, मुंबई 400001 के पास अपने प्राधिकृत व्यापारी के माध्यम से आवेदन प्रस्तुत करें । 4. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषय वस्तु की जानकारी अपने सभी संबंधित ग्राहकों को दे दें । भवदीय ग्रेस कोशी |