पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाओं की बुकिंग - आरबीआई - Reserve Bank of India
पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाओं की बुकिंग
आर बी आइ/2006-07/380
ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 52
मई 08, 2007
सभी प्राधिकृत श्रेणी I बैंक
महोदया / महोदय
पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर वायदा संविदाओं की बुकिंग
प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंकों का ध्यान जनवरी 24, 2004 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 19, दिसंबर 21, 2002 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं 63, नवंबर 1, 2004 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 26 और दिसंबर 13, 2006 के ए.पी.(डी आइ आर सिरीज) परिपत्र सं. 22 की ओर आकर्षित किया जाता है ।
2. वर्तमान में, प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक कतिपय शर्तों के अधीन आयातकों और निर्यातकों को जोखिम की घोषणा के आधार पर और पिछले कार्यनिष्पादन पर आधारित पिछले तीन वित्तीय वर्षों (अप्रैल से मार्च) के वास्तविक आयात / निर्यात पण्यावर्त अथवा पिछले वर्ष के वास्तविक आयात / निर्यात पण्यावर्त, जो भी अधिक हो, के औसत तक वायदा संविदा बुक करने की अनुमति दे सकते हैं — इसके अलावा, पात्र सीमा के 50 प्रतिशत के अतिरिक्त बुक किए गए वायदा संविदा सुपुर्दगीयोग्य आधार पर होंगे और रद्द नहीं किए जा सकेंगे — वर्ष के दौरान बुक किए गए और किसी भी समय बकाया सकल वायदा संविदा पात्र सीमा से अधिक नहीं होने चाहिए — पात्र सीमाओं की गणना आयात / निर्यात लेनदेनों के लिए अलग - अलग की जानी है ।
3. वर्ष 2007 - 2008 के वार्षिक नीति वक्तव्य (पैरा 140) में की गई घोषणा के अनुसार निर्यातकों और आयातकों के विदेशी मुद्रा जोखिमों की सक्रिय हेजिंग को सरल बनाने की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है कि पात्र सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 75 प्रतिशत करके उपर्युक्त सुविधा को और उदार बनाया जाए — तदनुसार, आयातकों / निर्यातकों द्वारा किसी जोखिम की घोषणा के आधार पर और पात्र सीमा के 75 प्रतिशत के अतिरिक्त पिछले कार्य निष्पादन के आधार पर बुक की गई वायदा संविदाएं सुपुर्दगीयोग्य आधार पर होंगी और रद्द नहीं की जा सकेंगी — इस सुविधा के लिए निर्धारित अन्य शर्तें और रिपोर्टिंग आवश्यकताएं अपरिवर्तित रहेंगी ।
4. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी I बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं ।
5. इस परिपत्र में समाहित विदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं, और किसी अन्य कानून के तहत अपेक्षित अनुमति / अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।
भवदीय
(सलीम गंगाधरन)
मुख्य महाप्रबंधक