रुपए में उधार लेना और उधार देना - भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा कर-मुक्त, सिक्योर्ड, मोचनीय, अपरिवर्तनीय बांडों में निवेश - आरबीआई - Reserve Bank of India
रुपए में उधार लेना और उधार देना - भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों द्वारा कर-मुक्त, सिक्योर्ड, मोचनीय, अपरिवर्तनीय बांडों में निवेश
भारिबैंक/2013-14/416 24 दिसंबर 2013 सभी प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंक महोदया/महोदय रुपए में उधार लेना और उधार देना - भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना और उधार देना) विनियमावली, 2000 (3 मई 2000 की अधिसूचना सं. फेमा.4/2000-आरबी) के विनियम 6(2) की ओर आकृष्ट किया जाता है, जो भारत से बाहर के निवासी किसी व्यक्ति से भारत में निवासी किसी व्यक्ति द्वारा रुपए में उधार ली गयी निधियों को किसी कंपनी अथवा भागीदारी फर्म अथवा भागीदारी प्रतिष्ठान अथवा किसी एंटिटी, चाहे वह निगमित हो अथवा नहीं, में पूंजी के रूप में अथवा किसी भी अन्य प्रकार से निवेश करने अथवा पुन: उधार देने के लिए उपयोग में लाने पर प्रतिबंध लगाता है। 2. समीक्षा करने पर यह निर्णय लिया गया है कि भारत सरकार द्वारा प्राधिकृत, भारत में निवासी ऐसी एंटिटीज़/कंपनियों को भारत से बाहर के निवासी व्यक्तियों को, रुपए में, कर-मुक्त, सिक्योर्ड, मोचनीय, अपरिवर्तनीय बांड जारी करके इस प्रकार उधार ली गई निधियों का निम्नलिखित प्रयोजनों हेतु उपयोग करने की अनुमति दी जाए: (ए) इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को आगे उधार देने के लिए / पुन: उधार देने के लिए; और (बी) अनुमत अंतिम उपयोग हेतु उनके द्वारा इस्तेमाल किए जाने तक, भारत में बैंकों के पास सावधि जमाराशियों के रूप में रखने के लिए। 3. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-। बैंक इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अपने घटकों और ग्राहकों को अवगत कराएं। 4. रिज़र्व बैंक ने उक्त विनियमावली को विदेशी मुद्रा प्रबंध (रुपए में उधार लेना और उधार देना)(संशोधन) विनियमावली, 2013 के द्वारा संशोधित कर दिया है जो 17 सितंबर 2013 की अधिसूचना सं. फेमा. 287/2013-आरबी के जरिए 20 सितंबर 2013 के जीएसआर सं. 645 (ई) के साथ पठित, 24 अक्तूबर 2013 के शुद्धिकारक जीएसआर सं. 741(ई) के द्वारा अधिसूचित की गयी है। 5. इस परिपत्र में निहित निर्देश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अधीन और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर जारी किए गए है । भवदीय (रुद्र नारायण कर) |