शाखा प्राधिकरण नीति - बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना - आरबीआई - Reserve Bank of India
शाखा प्राधिकरण नीति - बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना
आरबीआइ/2011-12/113 जुलाई 15, 2011 सभी अनुसूचित वाणिज्य बैंक महोदय शाखा प्राधिकरण नीति - बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में शाखाएं खोलना कृपया उपर्युक्त विषय पर मौद्रिक नीति वक्तव्य 2011-12 के पैराग्राफ 97 तथा 98 (उद्धरण संलग्न) देखें। जैसा कि उक्त पैराग्राफों में उल्लेख किया गया हैं, बैंकिंग सुविधाओं को तेजी से विस्तृत दायरे में फैलाने तथा वित्तीय समावेशन को बढ़ाने और 2000 से अधिक आबादी वाले गाँवों में बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने की गति बढ़ाने की आवश्यकता है। मार्च 2012 तक बैंकिंग सेवाओं को 2000 से अधिक आबादी वाले चिह्नित 72,800 गाँवों तक पहुँचाने और उसके बाद एक निश्चित समयावधि में क्रमश: उन्हें सभी गाँवों तक पहुंचाने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय प्रतिनिधियों के उपयोग के अलावा ग्रामीण केंद्रों में अनेक भौतिक (ब्रिक एंड मॉर्टर) शाखाएं खोलने की आवश्यकता है। 2. अत: बैंकों को सूचित किया जाता है कि अपनी वार्षिक शाखा विस्तार योजना (एबीईपी) तैयार करते समय उन्हें एक वर्ष के दौरान खोले जाने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं में से कम-से-कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्रों में आबंटित करना चाहिए। बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्र का तात्पर्य एक ऐसे ग्रामीण (टियर 5 तथा टियर 6) केंद्र से है जहाँ ग्राहक आधारित बैंकिंग कारोबार के लिए किसी भी अनुसूचित वाणिज्य बैंक का भवन नहीं है। 3. वर्तमान में, जैसा कि 01 दिसंबर 2009 के परिपत्र बैंपविवि. सं. बीएल. बीसी. 65/22.01.001/2009-10 में सूचित किया गया है, घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को प्रत्येक मामले में रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति के बिना टियर 3 से टियर 6 केंद्रों (जनगणना 2001 के अनुसार 49,999 तक आबादी) में शाखाएं खोलने की अनुमति दी गई है बशर्ते उसकी सूचना दी जाए। तथापि, टियर 1 तथा टियर 2 (50,000 तथा उससे अधिक आबादी) केंद्रों में शाखाएं खोलने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों तथा सिक्किम को छोड़कर रिज़र्व बैंक की पूर्वानुमति अनिवार्य होगी जहां सामान्य अनुमति के अंतर्गत अर्द्ध-शहरी तथा शहरी केंद्र दोनों ही आते हैं। इस प्रकार का प्राधिकरण जारी करते समय रिज़र्व बैंक इस बात पर अलग से विचार करेगा कि क्या टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोलने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं में से कम-से-कम एक तिहाई शाखाएं अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों के लिए प्रस्तावित हैं तथा विनियामक एवं पर्यावेक्षी सुविधा तथा वित्तीय समावेशन, प्राथमिकताप्राप्त क्षेत्र को उधार तथा ग्राहक सेवा आदि के क्षेत्र में बैंक के कामकाज का गंभीर मूल्यांकन भी किया जाएगा। 4. वार्षिक शाखा विस्तार योजना के अंतर्गत कम-से-कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में खोलने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अब टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोले जाने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं में से कम-से-कम एक तिहाई शाखाएं अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों में खोलना अनिवार्य नहीं होगा। तदनुसार, अब टियर 1 तथा टियर 2 केंद्रों में शाखाओं के प्राधिकरण के लिए यह देखने की बजाय कि टियर 3 से टियर 4 केंद्रों में खोली जाने वाली कुल शाखाओं में से कम-से- कम एक तिहाई शाखाएं अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों में खोली जाएंगी, अब यह देखना है कि क्या एक वर्ष के दौरान खोले जाने के लिए प्रस्तावित कुल शाखाओं की कम- से -कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंकिंग सुविधा रहित ग्रामीण केंद्रों में खोली जाएंगी। 5. चूंकि अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों में बैंक शाखाओं के स्थानीय फैलाव को और अधिक समरूप बनाने के लिए वहां अधिक शाखाएं खोलने की आवश्यकता निरंतर बनी हुई है इसलिए बैंकों को ऐसी शाखाएं खोलने के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। तदनुसार, अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों के टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में खोले जाने के लिए प्रस्तावित प्रत्येक शाखा के लिए टियर 1 केंद्र में कोई शाखा खोलने के लिए प्राधिकरण दिया जाएगा जिसमें वे ग्रामीण शाखाएं शामिल नहीं होंगी जो उपर्युक्त पैराग्राफ 2 में यथानिर्दिष्ट अपेक्षा के अनुपालन में बैंकिंग सुविधा रहित केंद्रों में खोले जाने के लिए प्रस्तावित हैं और वे केंद्र अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त राज्यों के अल्प बैंकिंग सुविधायुक्त जिलों में स्थित हो सकते हैं। यह प्राधिकरण उपर्युक्त पैराग्राफ 3 में उल्लिखित शर्तों के आधार पर टियर 1 तथा टियर 2 में शाखाओं के लिए दिए गए प्राधिकरण के अतिरिक्त प्राधिकरण होगा। भवदीय (ए. के. खौंड) अनु : यथोपरि 97. घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों (क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर) को दिसंबर 2009 में टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में (49,999 की जनसंख्या तक) रिज़र्व बैंक की अनुमति के बिना शाखाएं खोलने के लिए अनुमति दी गयी। तथापि टियर 1 और टियर 2 केंद्रों में शाखाएं खोलने के लिए रिज़र्व बैंक से पूर्व प्राधिकरण आवश्यक था, जो अन्य बातों के साथ-साथ इन आधारों पर था - (i) टियर 3 से टियर 6 केंद्रों में सामान्य अनुमति के अंतर्गत खोली हुई शाखाओं की संख्या; (ii) कम बैंकवाले राज्यों में, कम बैंकवाले जिलों में खोलने के लिए प्रस्तावित शाखाएं; (iii) वित्तीय समावेशन और ग्राहक सेवा के क्षेत्रों में बैंक के निष्पादन। यह देखा गया कि पिछले दो वर्षों में औसतन अनुसूचित वाणिज्य बैंकों ने नई शाखाओं की कुल संख्या का लगभग 20 प्रतिशत ग्रामीण केंद्रों (टियर 5 और टियर 6) में खोला। 98. ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलने के लिए पहल करने की आवश्यकता है जिससे बैंकिंग पैठ और वित्तीय समावेशन शीघ्रता से बढ़ सके और 2000 से अधिक जनसंख्यावाले गांवों में बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किया जा सके। बैंकों द्वारा प्रस्तुत वित्तीय समावेशन योजनाएं यह दर्शाती हैं कि बैंक रहित गांवों तक पहुंचने के लिए बैंक अधिक मात्रा में कारोबार प्रतिनिधियों का सहारा लेने का प्रस्ताव रख रहे हैं। पहचान किये गए 72,800 गांवों को मार्च 2012 तक बैंकिंग सेवाओं के लक्ष्य तक लाने के लिए और उसके बाद एक समय अंतराल के बाद क्रमिक रूप से कारोबार प्रतिनिधियों के प्रयोग के बिना और अधिक छोटी-छोटी शाखाओं को खोलने की आवश्यकता होगी। तदनुसार, घरेलू अनुसूचित वाणिज्य बैंकों के लिए यह बाध्यकारी बनाया जा रहा है। वर्ष के दौरान कुल खोली जानेवाली शाखाओं के कम से कम 25 प्रतिशत शाखाएं बैंक रहित ग्रामीण ( टियर 5 और टियर 6) केंद्रों में खोला जाए। |