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विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबीएस) की वापसी - खरीद / पूर्व भुगतान

़ख्र्ख्र्दृ्र॰ख्र्ज्ञ्i/िं2008-09/317 08 दृख़्व्र्ख्र्ह्य्॰्र 2008

भारिबैंक/2008-09/317
ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.39

08 दिसंबर 2008

सभी श्रेणी - । प्राधिकृत व्यापारी बैंक

महोदय/महोदया

विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबीएस) की वापसी - खरीद / पूर्व भुगतान

प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।(प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।) बैंकों का ध्यान विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबीएस) से संबंधित समय समय पर यथासंशोधित, 7 जुलाई 2004 की अधिसूचना सं. फेमा 120/आरबी- 2004 के भाग-III के विनियम सं. 21 और अनुसूची -। की ओर आकर्षित करते हैं । प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंकों का ध्यान, बाह्य वाणिज्य उधार के संबंध में , अनुदेशों/दिशा-निर्देशों से संबंधित 1 अगस्त 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 5, 21 मई 2007 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.60, 7 अगस्त 2007 2005 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.4, 29 मई 2008 धके ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.43, 22 सितंबर 2008 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं. 16, 10 अक्तूबर 2008 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.20 और 22 अक्तूबर 2008 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.26 की ओर भी आकर्षित किया जाता है ,जो कि यथोचित परिवर्तनों सहित विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों पर भी लागू है ।

2. बाह्य वाणिज्य उधार संबंधी मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी-I बैंकों को रिज़र्व बैंक के पूर्व अनुमोदन के बिना 500 मिलियन अमरीकी डॉलर तक बाह्य वाणिज्य उधार के पूर्व भुगतान की अनुमति है , बशर्ते कि ऋण के लिए लागू निर्धारित न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि का पालन किया जाता है । इसके अतिरिक्त , नये बाह्य वाणिज्य उधार लेकर मौजूदा बाह्य वाणिज्य उधार का पुनर्वित्तपोषण किया जा सकता है , बशर्ते कि नये बाह्य वाणिज्य उधार निम्नतर समग्र लागत सीमा पर लिये गये हों और मूल बाह्य वाणिज्य उधारों की बकाया परिपक्वता बनायी रखी गयी हो । पूर्व भुगतान और पुनर्वित्तपोषण के लिए मौजूदा प्रावधान ,यथावत् बने रहेंगे ।

3. 15 नवंबर 2008 की प्रेस प्रकाशनी 2008:2009/697 के पैरा 4 (v)मे यथा घोषित, रिज़र्व बैंक अनुमानित मार्ग के तहत भारतीय कंपनियों से अपने विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की वापसी-खरीद (बाई-बैक) के प्रस्तावों पर विचार करता रहा है , बशर्ते कि वापसी खरीद का वित्तपोषण, उनके द्वारा भारत अथवा विदेश में धारित विदेशी मुद्रा संसाधनों में से और/अथवा मौजूदा बाह्य वाणिज्य उधार मापदण्डों के अनुरूप उठाये गये नये बाह्य वाणिज्य उधार(ईसीबी) में से किया गया हो ।

4. 6 दिसंबर 2008 की प्रेस प्रकाशनी 2008:2009/842 के पैरा 12 मे यथा घोषित, विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की समयपूर्व वापसी-खरीद (बाई-बैक) पर , मौजूदा नीति की समीक्षा की गयी और यह निर्णय लिया गया है कि उक्त क्रियाविधि को उदार बनाया जाए और स्व-अनुमोदित तथा अनुमोदित, दोनों मार्गों के तहत भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की वापसी-खरीद (बाई-बैक) के लिए दिये गये आवेदनपत्रों पर अब निम्नलिखित ब्योरों के अनुसार विचार किया जाए:

क. स्व-अनुमोदित मार्ग

पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।बैंक, भारतीय कंपनियों को अब निम्नलिखित शर्तों के अनुपालन पर विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की समयपूर्व वापसी-खरीद (बाई-बैक) की अनुमति दे सकते है :

i) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों का वापसी-खरीद (बाई-बैक) मूल्य अंकित मूल्य पर 15 प्रतिशत के न्यूनतम बट्टे तक होना चाहिए ;

ii) वापसी-खरीद (बाई-बैक) के लिए प्रयुक्त निधियां या तो भारत अथवा विदेश में धारित मौजूदा विदेशी मुद्रा निधियों(विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में धारित निधियों सहित)में से और / अथवा मौजूदा बाह्य वाणिज्य उधार मापदण्डों के अनुरूप उठाये गये नये बाह्य वाणिज्य उधार में से होंगी।

iii) जहां नये बाह्य वाणिज्य उधार की और मूल विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की शेष परिपक्वता एक साथ समाप्त (को-टर्मिनस) हो रही हो तथा तीन वर्षों से कम हो, अल्पकालिक उधारों के लिए यथा लागू , समग्र लागत सीमा 6 माह लिबोर और 200 आधार बिंदुओं से अधिक न हो । अन्य मामलों में, बाह्य वाणिज्य उधार की प्रासंगिक परिपक्वता के लिए समग्र लागत सीमा 22 अक्तूबर 2008 के ए.पी. (डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.26 में यथानिर्धारित , लागू होंगी ।

ख) अनुमोदित मार्ग :

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा , विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों की वापसी-खरीद (बाई-बैक) के लिए भारतीय कंपनियों से प्राप्त प्रस्तावों पर निम्नलिखित शर्तों पर, विचार किया जायेगा :

i) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों का वापसी-खरीद (बाई-बैक) मूल्य अंकित मूल्य पर 25 प्रतिशत के न्यूनतम बट्टे तक होना चाहिए ;1

ii) वापसी-खरीद (बाई-बैक) के लिए प्रयुक्त निधियां आंतरिक उपचित में से होनी चाहेए और इसके साक्ष्य के तौर पर सनदी लेखाकार पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक द्वारा जारी प्रमाणपत्र किया जाना चाहिए ; और

iii) वापसी-खरीद (बाई-बैक) की कुल राशि प्रति कंपनी मोचन मूल्य के 50 मिलियन अमरीकी डॉलर से अधिक नहीं होनी चाहिए ।

उपर्युक्त शर्तें पूरी करते हुए समर्थन में प्रासंगिक दस्तावेजों के साथ पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -।बैंक के माध्यम से आवेदन पत्र आवश्यक अनुमोदन के लिए प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, बाह्य वाणिज्य उधार प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, 11 वीं मंज़िल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगतसिंह रोड, मुंबई -400001 को प्रेषित किये जाएं ।

5. सामान्य शर्ते

उपर्युक्त शर्तों के साथ-साथ,स्व-अनुमोदित और अनुमोदित दोनों मार्गों के तहत दिये जाने वाले प्रस्तावों पर निम्नलिखित अतिरिक्त शर्ते लागू होंगी :-

(i) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड मौजूदा दिशा-निर्देशों का पालन करने पर जारी किये जाएं।

(ii) विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड भारतीय रिज़र्व बैंक के पास पंजीकृत किये जाएं , एलआरएन नंबर लिया जाए और बाह्य वाणिज्य उधार की अद्यतन विवरणियां प्रस्तुत की जाएं ।

(iii) कंपनी के विरुध्द, फेमा के उल्लंघन की कोई कार्यवाही न चल रही हो ।

(iv) वापसी खरीद (बाई-बैक) का अधिकार विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांडों के जारीकर्ता का है । तथापि, वास्तविक वापसी खरीद बांड धारक की सहमति से होगी ।

(v) धारकों से वापसी खरीद किये गये/ पुनर्खरीद किये गये विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड अनिवार्य रूप से रद्द कर दिये जाने चाहिए और उनकी पुन: न तो बिक्री की जाये अथवा नहीं पुन: जारी किये जाएं ।

(vi) वापसी खरीद (बाई-बैक) का विकल्प न देने वाले बॉण्ड धारकों पर अथवा वापसी खरीद (बाई-बैक) का विकल्प देने वाली उन कंपनियों जो कि इसमे भाग नहीं लेंगे उन पर वापसी खरीद (बाई-बैक) का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा ।

(vi) भारतीय कंपनी विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) की वापसी खरीद (बाई-बैक)खरीद हेतु विदेश में किसी भारतीय बैंक की शाखा अथवा उसकी सहायक शाखा में अथवा किसी अंतर्राष्ट्रीय बैंक मेंयह सुनिश्चित करने के लिए कि निधियों का उपयोग केवल वापसी खरीद (बाई-बैक) के लिए ही किया जा रहा है , एक एक्रो एकाउंट खोलेगी ।

6. बाह्य वाणिज्य उधार विवरणी-2 (ईसीबी-2 रिटर्न) प्रस्तुत करने की म!ाठजूदा परंपरा जारी रहेगी । इसके अतिरिक्त, वापसी खरीद (बाई-बैक) की समाप्ति पर पूरे ब्योरे जैसे कि विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) की बकाया राशि ,फिर से खरीद किये गये विदेशी मुद्रा परिवर्तनीय बांड (एफसीसीबी) का अंति मूल्य,वह दर जिस पर कि एफसीसीबी की वापसी खरीद की गई ,उनमें प्रयुक्त राशि और धन के स्रोतों आदि देते हुए पदनामित प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक के माध्यम से प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक, भारतीय रिज़र्व बैंक, विदेशी मुद्रा विभाग, बाह्य वाणिज्य उधार प्रभाग, केंद्रीय कार्यालय, 11 वीं मंज़िल, केंद्रीय कार्यालय भवन, शहीद भगतसिंह रोड, मुंबई -400001 को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ।

7. यह सुविधा तत्काल प्रभाव से लागू होगी और वापसी खरीद (बाई-बैक) की संपूर्ण प्रक्रिया 31 मार्च 2009 तक पूरी हो जानी चाहिये —1

8. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक अपने समस्त घटकों तथा ग्राहकों को इस परिपत्र की विषय-वस्तु से अवगत करा दें ।

9. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999 (1999 का 42) की धारा 10(4) और धारा 11(1) के अंतर्गत जारी किए गए हैं और अन्य किसी कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक


भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्झिम बैंक) ने मालावी गणतंत्र सरकार के साथ 14 मई 2008 को बादवाले को मालावी में सिंचाई,भण्डारण,तम्बाकू थ्रेशिंग प्लांट की आपूर्ति के लिए और एक गांव - एक परियोजना हेतु भारत से सुयोग्य वस्तुं और परामर्शदात्री सेवाओं सहित सेवाओं के वित्तीयन के लिए 30 मिलियन अमरीकी डॉलर (तीस मिलियन अमरीकी डॉलर) की ऋण सहायता उपलब्ध कराने के लिए एक करार किया है । इस करार के तहत निर्यात के लिए भारत से वस्तुं और परामर्शदात्री सेवा सहित सेवाएं वे हैं जो भारत सरकार की विदेश व्यापार नीति के तहत निर्यात के लिए सुयोग्य हैं और जिसकी खरीद के लिए इस करार के तहत एक्झिम बैंक द्वारा वित्तीयन किया जाना अनुमत किया जा सकता है । इस करार के तहत एक्झिम बैंक द्वारा कुल ऋण में से संविदागत कीमत के न्यूनतम 85 प्रतिशत मूल्य की आपूर्ति वस्तुं और सेवाएं भारत से बेचनेवाले द्वारा की जाएगी और बेचनेवाले द्वारा शेष 15 प्रतिशत वस्तुं और सेवाएं (परामर्शदात्री सेवाओं से अन्य) भारत से बाहर सुयोग्य संविदा के प्रयोजन के लिए प्राप्त की जा सकती है ।

2. ऋण सहायता के तहत ऋण व्यवस्था 31 अक्तूबर 2008 से लागू है और करार के निष्पादन की तारीख 14 मई 2008 है — ऋण सहायता के तहत ऋण पत्र खोलने तथा वितरण की अंतिम तिथि परियोजना निर्यात के मामले में संविदा (संविदाएं) पूर्ण करने की निर्धारित तारीख (तारीखे) 48 माह होगी और आपूर्ति संविदा के मामले में ऋण व्यवस्था के निष्पादन की तारीख से 72 माह (13 मई 2014) होगी ।

3. ऋण सहायता के तहत पोतलदान रिज़र्व बैंक द्वारा समय समय पर जारी अनुदेशों के अनुसार जीआर/ एसडीएफ फॉर्मों में घोषित किया जाना होगा ।

4. उपर्युक्त ऋण सहायता के तहत कोई एजेंसी कमीशन देय नहीं है । तथापि, यदि आवश्यक हो तो निर्यातक मुक्त विदेशी विनिमय में कमीशन के भुगतान के लिए अपने निजी संसाधनों का अथवा विदेशी मुद्रा अर्जक विदेशी मुद्रा खाते में शेष राशि उपयोग कर सकते हैं । प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी - । (प्रा.व्या.श्रेणी -।) बैंक संविदा मूल्य के पूर्ण भुगतान की उगाही पर इस प्रकार के धनप्रेषण अनुमत कर सकता हैं बशर्ते एजेंसी कमीशन के भुगतान के लिए प्रचलित अनुदेशों का अनुपालन किया जाता है ।

5. प्राधिकृत व्यापारी श्रेणी -। बैंक इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने निर्यातक घटकों को अवगत करा दें और उन्हें सूचित करें कि वे एक्झिम बैंक के केंद्र एक, 21 वीं मंजिल, विश्व व्यापार केंद्र कॉम्प्लेक्स, कफ परेड, मुंबई 400005 में स्थित कार्यालय से ऋण सहायता के पूरे ब्योरे प्राप्त करें अथवा www.eximbankindia.in पर लॉग ऑन करें ।

6. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा अधिनियम,1999 (1999का42) की धारा 10 (4) और धारा 11 (1) के अंतर्गत जारी किये गये हैं और किसी अन्य कानून के अंतर्गत अपेक्षित अनुमति/अनुमोदन, यदि कोई हो, पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बगैर है ।

भवदीय

(सलीम गंगाधरन)
प्रभारी मुख्य महाप्रबंधक

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