भारतीय रिज़र्व बैंक विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग केन्द्रीय कार्यालय मुंबई-400001 ए.पी.(डीआइआर सिरीज) परिपत्र सं.96 28 अप्रैल ,2003 विदेशी मुद्रा के सभी प्राधिकृत व्यापारी बैंक महोदय/महोदया पूंजीगत खाता लेनदेन- उदारीकरण- स्पष्टीकरण प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान 13 जनवरी 2003 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं. 66 की ओर आकर्षित किया जाता है जिसमें विभिन्न श्रेणियों के निवेशकों द्वारा समुद्रपारीय प्रत्यक्ष निवेशों से संबंधित उदारीकरण के कुछ उपायों की सूचना दी गयी है। मामले की समीक्षा की गयी और कतिपय मुद्दों पर स्पष्टीकरण इस परिपत्र के संलग्नक I में दिये गये हैं। 2. प्राधिकृत व्यापारियों से अपेक्षित है कि वे पर्याप्त सूचना प्रक्रिया की व्यवस्था करें और वे अपने घटकों से घोषणा/ वचनपत्र लें कि वे डेटाबेस तैयार करने में उनकी मदद करेंगे। तथापि, एक समान डेटाबेस की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकृत व्यापारियों की पदनामित शाखाएं अपने माध्यम से किये गये लेनदेनों के ब्यौरे निम्नवत बनाएं रखें :
i. |
नाम/ पता/ टेलीफोन नं./ फैक्स नं./ ई-मेल आइडी/पैन नं. |
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ii. |
ब्रोकर को प्रेषित की गयी राशि |
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iii. |
विप्रेषण की तारीख |
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iv. |
शेयर खरीदने की तारीख |
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v. |
खरीदे गये शेयर का नाम |
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vi. |
भुगतान की गयी राशि- मूल्य/दलाली प्रीमियम/ कुल |
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vii. |
शेयर बेचने की तारीख |
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viii. |
प्राप्त राशि- मूल्य/प्रीमियम /कुल |
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ix. |
विदेशों में धारित निवल शेष |
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3. जैसा कि उपर्युक्त परिपत्र के पैराग्राफ 3(घ) में कहा गया है, उपर्युक्त पैराग्राफ 2 के आधार पर प्रत्येक श्रेणी के निवेशक के संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को प्रेषित किये जाने वाले मासिक विवरण का फॉर्मेट अनुलग्नक-।। में दिया गया है। प्राधिकृत व्यापारी यह सुनिश्चित करें कि 30 अप्रैल 2002 के ए.पी.(डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.43 की अपेक्षानुसार, पदनामित शाखाओं द्वारा मासिक विवरण, मुख्य महाप्रबंधक, विदेशी मुद्रा नियंत्रण विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक , समुद्रपारीय निवेश प्रभाग, अमर बिल्डिंग, तीसरी मंजिल , सर पी.एम. रोड, फोर्ट, मुंबई 400 001 को आगामी माह की 1 तारीख तक या उससे पहले ही प्रेषित कर दिया जाए। 4. विदेशी मुद्रा प्रबंध वियमावली, 2000 में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किये जा रहे हैं। 5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित घटकों को अवगत कराएं ।6. इस परिपत्र में समाहित निर्देश विदेशी मुदा प्रबंध अधिनियम 1999 (1999 का 42) धारा 10(4) और धारा 11 (1) के अधीन जारी किए गए हैं। भवदीया (ग्रेस कोसी ) मुख्य महाप्रबंधक
संलग्नक I (28 अप्रैल 2003 का ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.96) निवासी व्यक्तियों/ कंपनियों द्वारा समुद्रपारीय निवेश 1. समुद्रपारीय दलाली फर्मों में पंजीकरण हेतु विप्रेषण प्राधिकृत व्यापारियों को व्यक्तियों/ कंपनियों को समुद्रपारीय दलाली फर्मों में अपना पंजीकरण करवाने के लिए पंजीकरण प्रभार के मद में प्रारंभिक विप्रेषणों की मंजूरी देने की अनुमति दी गयी है। 2. समुद्रपारीय दलाली फर्मों द्वारा उपलब्ध करायी गई विविध सुविधाओं का उपभोग किसी मान्यताप्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध भारतीय कंपनी में न्यूनतम् 10 प्रतिशत की शेयर धारिता हो,में समुद्रपारीय निवेश की अनुमति है। मुद्रा बाजार निधि (मनी मारकेट फंड) अथवा बैंक निक्षेपों में निवेश की अनुमति नहीं है। केवल नकदी प्रेषण के जरिये ईक्विटी लिखतों में ही निवेश की अनुमति है। उधार ली गयी निधियों के निवेश की अनुमति नहीं है। इसी प्रकार, निवेशकों को अधिग्रहीत और दलाल के पास अथवा कोई लाभ कमाने के प्रयोजन से किसी निक्षेपागार के पास पड़ी प्रतिभूतियां उधार देने की अनुमति नहीं है। 3. निवेश (क) सूचीबद्ध कंपनियों में, जहाँ उनकी अनुषंगी कंपनियां सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों में 10 % या उससे अधिक की हिस्सेदार हों। (ख) सूचीबद्ध विदेशी कंपनियों में , जहाँ निवेश विशेष प्रयोजन संस्था के माध्यम से हो (ग) सूचीबद्ध विदेशी वित्तीय निधियों में, जहाँ उनकी सूचीबद्ध किसी भारतीय कंपनी में 10 % या उससे अधिक की हिस्सेदारी हों। उपर्युक्त कंपनियों में निवेश अनुमत नहीं है । 4. भारतीय निवेशकों को समुद्रपीय बैंक खाते और प्रतिभूति खाते खोलने की अनुमति अलग से एक परिपत्र जारी किया जा रहा है ।
संलग्नक II (28 अप्रैल 2003 का ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.96) 13 जनवरी 2003 के ए.पी (डीआईआर सिरीज) परिपत्र सं.66 के अनुसार किये गये निवेश दर्शाने वाला विवरण
माह ---------------------------------------------------के दौरान किये गये निवेश |
बैंक का नाम ----------------------------------------------------- |
शाखा --------------------------------------------------------------- |
एडी कुट ------------------------------------------------------------------- |
व्यक्ति
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निवेशकों की संख्या |
माह के दौरान किये गये निवेश जावक) |
माह के दौरान किये गये विनिवेश (आवक) |
विदेशों में रखे हुए निवल निवेश की राशि |
(1) |
(2) |
(3) |
(2) -(3) |
माह-----------------------की पहली तारीख की स्थिति |
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Xx |
xx |
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माह----------------------की 30/31 तारीख की स्थिति |
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कंपनियां
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निवेशकों की संख्या |
माह के दौरान किये गये निवेश जावक) |
माह के दौरान किये गये विनिवेश (आवक) |
विदेशों में रखे हुए निवल निवेश की राशि |
(1) |
(2) |
(3) |
(2) -(3) |
माह-----------------------की पहली तारीख की स्थिति |
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xx |
xx |
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माह----------------------की 30/31 तारीख की स्थिति |
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म्युचुअल फंड *
म्युचुअल फंड का नाम |
माह के दौरान किये गये निवेश (जावक) |
माह के दौरान किये गये विनिवेश (आवक) |
विदेशों में रखे हुए शुध्द निवेश की राशि |
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एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
एडीआर/ जीडीआर |
ऋण लिखत |
ईक्विटी |
माह---------की पहली तारीख की स्थिति |
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माह---------की 30/31 तारीख की स्थिति |
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प्राधिकृत व्यापारी द्वारा प्रत्येक म्युचुअल फंड का अलग से विवरण प्रस्तुत करना बंद कर दिया गया है। |