केंद्रीय काउंटरपार्टियों (सीसीपी) के प्रति बैंकों के एक्सपोज़र के संबंध में पूंजी पर्याप्तता मानदंड - आरबीआई - Reserve Bank of India
केंद्रीय काउंटरपार्टियों (सीसीपी) के प्रति बैंकों के एक्सपोज़र के संबंध में पूंजी पर्याप्तता मानदंड
आरबीआइ/2008-09/485 26 मई 2009 अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक/मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय केंद्रीय काउंटरपार्टियों (सीसीपी) के प्रति बैंकों के एक्सपोज़र कृपया 1 जुलाई 2008 का हमारा मास्टर परिपत्र सं. आरबीआइ/2008-09/68 बैंपविवि. सं. बीपी. बीसी. 11/21.06.001/2008-09 देखें जो पूंजी पर्याप्तता और बाजार अनुशासन पर विवेकपूर्ण दिशानिर्देश - नये पूंजी पर्याप्तता ढाँचे के कार्यान्वयन से संबंधित है । 2. करेंसी फ्यूचर्स और ब्याज दर फ्यूचर्स जैसी संविदाओं का निपटान करते समय स्टाफ एक्सचेंजों से संबद्ध केंद्रीय काउंटरपार्टियों (सीसीपी) के प्रति बैंकों का एक्सपोज़र रहता है। भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (सीसीआईएल) भी वित्तीय बाजार के विभिन्न अंगों में बैंकों के लिए केंद्रीय काउंटरपार्टी के रूप में कार्य करता आ रहा है। उपर्युक्त मास्टर परिपत्र के पैरा 5.15.3 (iv) (ख) के अनुसार फ्यूचर्स और आप्शन एक्सचेंजों में जिन लिखतों में ट्रेडिंग होती है और जिनपर प्रतिदिन बाजार दर पर मूल्यांकन और मार्जिन अदायगी लागू होती है, वे पूंजी अपेक्षाओं से मुक्त हैं। 3. जैसा कि 21 अप्रैल 2009 को वर्ष 2009-10 के लिए जारी वार्षिक नीति वक्तव्य के पैरा 146 (अनुबंध में उद्धृत)में बताया गया है, केंद्रीय काउंटरपार्टियों के प्रति बैंकों के विभिन्न प्रकार के ऋण जोखिम एक्सपोज़र के लिए पूंजी पर्याप्तता कार्रवाई के संशोधित मानंदड निम्नानुसार होंगे : i) बकाया डेरिवेटिव ट्रेडिंग और प्रतिभूति वित्तपोषण लेनदेन (जैसे सीबीएलओ, रिपो) के कारण सीसीपी के प्रति होनेवाले एक्सपोज़र पर काउंटरपार्टी ऋण जोखिम के लिए शून्य एक्सपोज़र मूल्य दिया जाएगा, क्योंकि यह माना जाता है कि सीसीपी का अपनी काउंटरपाटियों के प्रति एक्सपोज़र दैनिक आधार पर पूर्णतया संपार्श्वीकृत है और इस प्रकार सीसीपी के ऋण जोखिम एक्सपोज़र सुरक्षित हो जाते है।ii) बैंकों द्वारा केंद्रीय काउंटरपार्टियों के पास रखी गयी जमाराशि/संपार्श्विक प्रतिभूतियों पर सीसीपी के स्वरूप के अनुरूप जोखिम भार लगेगा। सीसीआईएल के मामले में, जोखिम भार 20 प्रतिशत होगा और अन्य सीसीपी के मामले में जोखिम भार नये पूंजी पर्याप्तता ढाँचे के अनुसार उन संस्थाओं को दी गयी रेटिंग के अनुसार होगा । 4. मार्जिन की पर्याप्तता, संपार्श्विक प्रतिभूति की गुणवत्ता और समाशोधन गृह / सीसीपी की जोखिम प्रबंध प्रणालियों के संबंध में उपर्युक्त अपेक्षाओं की समीक्षा एक वर्ष बाद की जाएगी। 5. सभी मौजूदा एक्सपोज़र सीमाएँ, जैसे विदेशी मुद्रा एक्सपोज़र के लिए अंतराल सीमा, ब्याज दर जोखिम एक्सपोज़र के लिए पीवी01 सीमाएँ जो बैंकों के ओटीसी डेरिवेटिव एक्सपोज़र पर लागू होती हैं, एक्सचेंजों में होनेवाले लेनदेनों पर भी लागू होती रहेंगी। भवदीय (पी. विजय भास्कर) 2009-10 की वार्षिक नीति से उद्धरण (छ) केंद्रीय प्रतिपक्षों के जोखिम भार के लिए एक्सपोज़र 145. केंद्रीय प्रतिपक्ष (सीसीपी) एक ऐसी इकाई है जो एक या अधिक वित्तीय बाजारों में दो सहमत प्रतिपक्षों के बीच होने वाले व्यापार में स्वयं को इस तरह से स्थापित करती है कि वह एक वैधानिक प्रतिपक्ष बनकर प्रत्येक विक्रेता के लिए खरीदार और प्रत्येक खरीदार के लिए विक्रेता की भूमिका निभाती है। सीसीआईएल वित्तीय बाजार के विभिन्न खंडों में बैंकों के लिए सीसीपी के तौर पर कार्य कर रही है। इसी प्रकार, शेयर बाजार में खरीद-फरोक्त की जाने वाली ब्याज दर वायदा कारोबार और मुद्रा वायदा कारोबार जैसी सविदाएं भी इन बाजारों से जुड़े हुए समाशोधन गृह के माध्यम से निपटाई जाती है। 146. सीसीआईएल / शेयर बाजार के माध्यम से सौदों को निपटाने वाले बैंकों के लिए इन सीसीपी से दो प्रकार के एक्सपोजर हैं। पहला, सीसीपी के माध्यम से होने वाले तुलन-पत्र में आने वाले और तुलन-पत्र में न आने वाले लेन-देन; और दूसरा, मार्जिन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सीसीपी के पास रखी गई जमाराशियां/संपार्श्विक पर एक्सपोजर। ऐसे एक्सपोजरों के लिए पूंजी पर्याप्तता प्रावधान करने हेतु मानदंड बनाने का निर्णय लिया गया। तदनुसार :
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