पूंजी पर्याप्तता-संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता (CBLO) के लिए दिए उधार के संबंध में जोखिम भार - आरबीआई - Reserve Bank of India
पूंजी पर्याप्तता-संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता (CBLO) के लिए दिए उधार के संबंध में जोखिम भार
भारिबैं/2009-10/239 1 दिसंबर 2009 सभी गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियाँ प्रिय महोदय, पूंजी पर्याप्तता-संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता (CBLO) जैसे लिखतों में निवेश करने का परिणाम केंद्रीय प्रतिपक्ष पार्टी (CCPs), जैसे भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड, के प्रति जोखिम होता है। 2. इस संबंध में यह स्पष्ट किया जाता है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (CCIL) के प्रति गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के (संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता) प्रतिभूतियों में किए गए वित्तीय लेनेदेनों के कारण जो जोखिम प्रतिपक्षी क्रेडिट रिस्क के रूप में उत्पन्न होते हैं, उन पर जोखिम भार शून्य होगा क्योंकि इनके बाबत यह माना जाता है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के प्रति प्रतिपक्ष से हुए जोखिम दैनिक आधार पर पूर्णत: संपार्श्विक प्रतिभूति से आवरित होते हैं जो केंद्रीय प्रतिपक्ष पार्टी (सीसीपीएस) के क्रेडिट रिस्क के सुरक्षा प्रदान करते हैं। तथापि,ध गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के पास रखी जमाराशियों/संपार्श्विक प्रतिभूतियों के लिए जोखिम भार 20% होगा। 3. इस संबंध में संशोधनकारी 1 दिसंबर 2009 की अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 211/मुमप्र (एएनआर))-2009 तथा गैबैंपवि. 212/ मुमप्र (एएनआर))-2009 की एक -एक प्रति संलग्न है।
(ए.नारायण राव) सं. यथोक्त। भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 211/मुमप्र (एएनराव)-2009, दिनांक 1 दिसंबर 2009 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-ञ, 45-ञक, 45-ट तथा 45-ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इसकी ओर से प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.192/डीजी(वीएल)-2007 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नवत अधिसूचित करता है अर्थात- पैराग्राफ 16 के स्पष्टीकरण (1) क ा टिप्पणी (v) (घ) के अंतर्गत उपखंड (3) के नीचे निम्नलिखित को जोड़ा जाएगा: "(4) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (CCIL) के प्रति गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के (संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता) प्रतिभूतियों में किए गए वित्तीय लेनेदेनों के कारण जो जोखिम प्रतिपक्षी क्रेडिट रिस्क के रूप में उत्पन्न होते हैं, उन पर जोखिम भार शून्य होगा क्योंकि इनके बाबत यह माना जाता है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के प्रति प्रतिपक्ष से हुए जोखिम दैनिक आधार पर पूर्णत: संपार्श्विक प्रतिभूति से आवरित होते हैं जो केंद्रीय प्रतिपक्ष पार्टी (सीसीपीएस) के क्रेडिट रिस्क के सुरक्षा प्रदान करते हैं। तथापि,ध गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के पास रखी जमाराशियों/संपार्श्विक प्रतिभूतियों के लिए जोखिम भार 20% होगा"। (ए.नारायण राव) भारतीय रिज़र्व बैंक अधिसूचना सं. गैबैंपवि. 212/मुमप्र (एएनराव)-2009, दिनांक 1 दिसंबर 2009 भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45-ञ, 45-ञक, 45-ट तथा 45-ठ द्वारा प्रदत्त शक्तियों और इसकी ओर से प्राप्त समस्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए तथा 22 फरवरी 2007 की अधिसूचना सं. डीएनबीएस.193/डीजी(वीएल)-2007 में आंशिक संशोधन करते हुए भारतीय रिज़र्व बैंक निम्नवत अधिसूचित करता है अर्थात- पैराग्राफ 16 के स्पष्टीकरण (1) क ा टिप्पणी (v) (घ) के अंतर्गत उपखंड (3) के नीचे निम्नलिखित को जोड़ा जाएगा: "(4) भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड (CCIL) के प्रति गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों के (संपार्श्वीकृत उधार और ऋणदायी बाध्यता) प्रतिभूतियों में किए गए वित्तीय लेनेदेनों के कारण जो जोखिम प्रतिपक्षी क्रेडिट रिस्क के रूप में उत्पन्न होते हैं, उन पर जोखिम भार शून्य होगा क्योंकि इनके बाबत यह माना जाता है कि भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के प्रति प्रतिपक्ष से हुए जोखिम दैनिक आधार पर पूर्णत: संपार्श्विक प्रतिभूति से आवरित होते हैं जो केंद्रीय प्रतिपक्ष पार्टी (सीसीपीएस) के क्रेडिट रिस्क के सुरक्षा प्रदान करते हैं। तथापि,ध गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा भारतीय समाशोधन निगम लिमिटेड के पास रखी जमाराशियों/संपार्श्विक प्रतिभूतियों के लिए जोखिम भार 20% होगा"। (ए.नारायण राव) |