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एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी/ईसीबी का पूंजीकरण - उदारीकरण

एपी(डीआईआर सिरीज)परिपत्र सं.34

नवंबर 14, 2003

सेवा में

विदेशी मुद्रा के समस्त प्राधिकृत व्यापारी

महोदया /महोदय

एकमुश्त शुल्क/रॉयल्टी/ईसीबी
का पूंजीकरण - उदारीकरण

प्राधिकृत व्यापारियों का ध्यान दिनांक मई 3, 2000 की अधिसूचना सं. फेमा 20/2000 -आरबी के विनियम 5(1) और उसकी अनुसूची I के पैरा 8 की ओर आकृष्ट किया जाता है, जिसके अनुसार भारत में कंपनी द्वारा विदेशी प्रत्यक्ष निवेश योजना के अंतर्गत भारत के बाहर के निवासी व्यक्ति को (बांगलादेश अथवा पाकिस्तान अथवा श्रीलंका के अलावा अन्य नागाकि) शेयर्स और परिवर्तनीय डिबेंचरों को केवल सामान्य बैंकिंग मार्गो के माध्यम से आवक प्रेषण पर अथवा प्राधिकृत व्यापारियों के साथ बनाए गए संबंधित व्यक्ति के एनआरई/एफसीएनआर खाते में नामे द्वारा जारी करने की अनुमति दे सकते हैं ।

2. विदेश निवेश नीति का और अधिक उदारीकरण करने की दृष्टि से भारत सरकार ने जुलाई 29, 2003 को प्रेस नोट क्र.3 (2003 श्रृखंला) जारी की है (प्रतिालिपि संजग्न) जिसके अनुसार परिवर्तनीय विदेशी मुद्रा में एकमुश्त शुल्क, रॉयल्टी और बाहय वाणिज्यिक उधार (ईसीबी), जो भुगतान/ चुकौती के लिए पहले से ही देय है, पर ईक्विटी शेयर्स-जारी करने के लिए अनुमति है, बशर्तें कि लागू कर देयताएं पूरी की हो और निर्धारित प्रणाली का अनुपालन हो ।

3. भुगतान चुकौती के लिए देय एकमुश्त तकनीकी जानकारी शुल्क, रॉयल्टी और बाहय वाणिज्यिक उधार पर शेयर्स का निर्गम, चाहे स्वचालित मार्ग अथवा एसआइए/एफआईपीबी मार्ग के अंतर्गत हो, रिज़र्व बैंक/सेबी के कीमत निर्धारण दिशानिदेश के अधीन होगा ।

4. सरकार द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि प्रेस नोट में र्ध्शाए गए ’आयात देय’ शब्द सिर्फ तकनीकी जानकारी के और उक्त पैरा 2 के अंतर्गत दी गई अन्य मदों के प्रति देय से संदर्भित है ।भारतीय कंपनियों द्वारा आयात देय, जो रिज1र्व बैंक के दिशानिदेशों के अनुसार व्यापार (क्रेता का/ आपूर्तिकर्ता का) जमा अथवा बाथ्य वाणिज्यिक उधार माना जाएगा, उसे र्दक्विटी शेयर्स में परिवर्तन करने की अनुमति नहीं है ।

5. प्राधिकृत व्यापारी इस परिपत्र की विषयवस्तु से अपने सभी संबंधित ग्राहकों को अवगत करा दें ।

6. संबंधित अधिसूचनाओं में आवश्यक संशोधन अलग से जारी किए जा रहे हैं ।

7. इस परिपत्र में समाहित निदेश विदेशी मुद्रा प्रबंध अधिनियम, 1999(1999 का 42)की धारा 10(4) और धारा 11 के अंतर्गत जारी किए गए हैं ।

भवदीय

(ग्रेस कोशी)
मुख्य महा प्रबंधक

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